जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
तुम में से सबसे ज्यादा मुझे वो शख्स अजीज है, जिसकी आदत व अखलाख अच्छे हों।
- बुखारी शरीफ
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✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
18 वीं लोक सभा के आग़ाज़ के साथ ही तवक़्क़ो के मुताबिक थोड़ा सा हंगामा बरपा हुआ है। एआईएमआईएम के सरबराह असद उद्दीन ओवसी ने पार्लियामेंट में हलफ़ लिया तो जय फ़लस्तीन का नारा बुलंद किया जिसकी वजह से तनाजे (विवाद) में इज़ाफ़ा हुआ है, कहा जा रहा है कि उन्होंने मुल्क की पार्लियामेंट में ग़ैर मुल्की मसले के लिए अपनी हिमायत जारी की है।
इसकी शिकायत सदर द्रोपदी मुरमू तक पहुंच चुकी है, ये शिकायत एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने की है। उन्होंने कहा है कि आईन आर्टीकल 102 और 103 के तनाज़ुर में ओवेसी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई है। ये मुतालिबा किया गया है कि उसे मेंबर पार्लियामेंट पार्लीमैंट हैसियत से ना-अहल किया जाए।
उनकी दलील ये रही है कि उवैसी ने किसी ग़ैर मुल्की मुल्क और उसके मुआमले से अपनी रजामंदी का इज़हार किया है, उसे क़बूल नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ी बात ये है कि इस नारे को पार्लीमैंट के रेकॉर्डों से भी हटा दिया गया है। बीजेपी ने यहां तक कि माफ़ी मांगने का मुतालिबा किया है। लेकिन ओवसी ने अपने बयान को पूरी मज़बूती के साथ बरक़रार रखा है।
इसकी शिकायत सदर द्रोपदी मुरमू तक पहुंच चुकी है, ये शिकायत एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने की है। उन्होंने कहा है कि आईन आर्टीकल 102 और 103 के तनाज़ुर में ओवेसी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई है। ये मुतालिबा किया गया है कि उसे मेंबर पार्लियामेंट पार्लीमैंट हैसियत से ना-अहल किया जाए।
उनकी दलील ये रही है कि उवैसी ने किसी ग़ैर मुल्की मुल्क और उसके मुआमले से अपनी रजामंदी का इज़हार किया है, उसे क़बूल नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ी बात ये है कि इस नारे को पार्लीमैंट के रेकॉर्डों से भी हटा दिया गया है। बीजेपी ने यहां तक कि माफ़ी मांगने का मुतालिबा किया है। लेकिन ओवसी ने अपने बयान को पूरी मज़बूती के साथ बरक़रार रखा है।
असद उद्दीन को फ़लस्तीन जाकर इसराईल के ख़िलाफ़ 'जिहाद' करना चाहिए : राजा सिंह
हैदराबाद : मजलिस इत्तिहाद अलमुस्लिमीन के सरबराह और हैदराबाद के रुक्न पार्लियामेंट असद उद्दीन उवैसी ने मंगल को लोकसभा में रुक्न पार्लीमैंट के तौर पर हलफ़ लिया। जहां उन्होंने अख़ीर में 'जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फ़लस्तीन का नारा बुलंद किया। जिस पर ज़ाफ़रानी मीडीया ने सख़्त एतराज़ किया। ये मुआमला ऐसे ही कब ठंडा होने वाला था, जब तक रुकन असेंबली टी राजा सिंह इस पर कुछ रद्द-ए-अमल नहीं दे देते। साथ ही असद उद्दीन उवैसी के नारे पर एनडीए इत्तिहाद के क़ाइदीन चिराग़ पा हो गए और उन्होंने शदीद बरहमी का इज़हार किया।राजा सिंह ने ये कहा है कि फ़लस्तीनीयों से इतनी मुहब्बत है तो उनके लिए भारत छोड़कर फ़लस्तीन चले जाएं और बंदूक़ उठा लें, राजा सिंह ने कहा कि एक मर्तबा अगर वो फ़लस्तीन गए तो उन्हें सूरत-ए-हाल का अंदाज़ा होगा। राजा सिंह ने मज़ीद कहा कि भारत में रहते हुए यहां सियासत करते हुए भारत माता की जय और जय भारत के नारे लगाने के बजाय ऐसे नारे क्यों लगाए गए, राजा सिंह ने पूछा कि अगर आपकी जगह कोई ''इसराईल'' के नारे लगाता तो आप ख़ामोश रहे होते। आप तो पार्लीमैंट के बाहर निकल कर एहतिजाज करते थे।
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