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गंडई की बेटी तसकीन का एमबीबीएस में हुआ इंतेखाब

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

तुम में से सबसे ज्यादा मुझे वो शख्स अजीज है, जिसकी आदत व अखलाख अच्छे हों। 
- बुखारी शरीफ

उस शख्स लिए जन्नत की बशारत है जिसने अपनी जबान पर काबू पा लिया और अपनी गलतियों पर अश्क बहाता हो।

- बुखारी शरीफ

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 कड़ी मेहनत व लगन से हासिल किया जा सकता है कोई भी हदफ : तसकीन
नवाचार के शोबे में अलख जगाने वाले काबिल असातजा शेख कलीम और निकहत शेख की साहबजादी हैं तसकीन
 

✅ नई तहरीक : खैरागढ़, गंडई 
नवाचार के शोबे में अलख जगाने वाले गंडई के काबिल असातजा (टीचर) शेख कलीम और निकहत शेख की साहबजादी तसकीन ने पहली ही कोशिश में एमबीबीएस में मुंतखिब होकर गंडई समेत जिले का सिर फख्र से ऊंचा कर दिया। 
    4 मई को एमबीबीएस के लिए हुए नीट के इम्तेहान के नतीजों का ऐलान 5 मई को किया गया। इस साल के नतीजों में खैरागढ़ के मुख्तार कुरैशी और सूरजपुर की अलीना शिरीन समेत कई मुस्लिम बच्चों ने बेहतरीन कारकर्दगी का मुजाहिरा करते हुए कामयाबी हासिल की है। इनमें गंडई के वार्ड 9 की तसकीन फातिमा शेख भी शामिल है। तसकीन ने 720 में से 586 नंबर हासिल किए। यह तसकीन की पहली कोशिश थी। 
    खास बात ये है कि नीट स्कोर व रैंक के हिसाब से तसकीन को अब बेहतर शासकीय मेडिकल कॉलेज मिलने की उम्मीद है। पहली ही कोशिश में शानदार कामयाबी हासिल करने वाली तसकीन का कहना है कि वो सेहत के शोबे में बेहतर काम करने की ख्वाहिशमंद है। तसकीन ने गायनकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) बनकर देही इलाकों में सेहत को लेकर लोगों को अवेयर करते हुए उनकी खिदमत करने की ख्वाहिश का इजहार किया। 
    बचपन से ही होनहार तलबा रही तसकीन की शुरुआती ताअलीम अजीज पब्लिक स्कूल व ज्ञानदीप स्कूल से हुई। 10वीं सीबीएसई का इम्तेहान उन्होंने अभ्युदय स्कूल कवर्धा से 92 फीसद नंबरों के साथ व बारहवीं का इम्तेहान इसी साल 87.2 फीसद अंकों के साथ पास किया है। 


स्टेज मैनेजमेंट के लिए जानी जाती हैं तसकीन

गंडई समेत जिले में तसकीन को उसके बेहतरीन स्टेज मैनेजमेंट (मंच संचालन) के लिए जाना जाता है। शहर व स्कूल में होने वाले प्रोग्राम में स्टेज मैनेजमेंट की जिम्मेदारी अक्सर तसकीन के जिम्मे आती है। 


कड़ी मेहनत का मिला सिला

    डाक्टर बनने का हदफ तसकीन ने बारहवीं जमात की पढ़ाई के साथ ही उठा रखा था। इसके लिए तसकीन ने घर पर ही आनलाईन पढ़ाई शुरू की। तसकीन ने बताया कि उनकी नीट की जर्नी जददोजहद से भरी रही। तसकीन का सुबह 6 से शाम 4 बजे तक का वक्त स्कूल में ही गुजर जाता था इसके बावजूद नीट क्रैक करने के लिए वो हर रोज 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करती थीं। हालांकि यह आसान नहीं था लेकिन तसकीन जुटी रहीं और आखिरकार अपने हदफ (लक्ष्य) को उन्होंने भेद ही लिया। तसकीन ने कहा, जिला बनने के बाद गंडई नगर की तरक्की में ताअलीम और सेहत के शोबे को बेहतर करने अवामी नुमाइंदों के जरिये कोशिश होनी चाहिए। कोशिश ऐसी होनी चाहिए कि आसपास और दूर-दराज से आने वाले बच्चो को बेहतर ताअलीम के लिए भटकना न पड़े। अपनी कामयाबी का सेहरा तसकीन ने अपने वालदैन और असातजा को दिया है। तसकीन के इस एचीवमेंट पर नगर पंचायत गंडई के नायब सदर जाबिद खान, सहाफी राशिद जमाल सिद्दीकी, मोहम्मद खान, एडवोकेट अय्यूब कुरैशी, उनके असातजा डीआर जंघेल,  कौशल राजपूत, विनिता राजपूत, प्रभाकर जघेल, शेष नाणारायण साहू व केसीजी जिला पत्रकार तंजीम के नायब सदर मोहम्मद याहिया नियाज़ी ने उन्हें मुबारकबाद देते हुए उनके रोशन मुस्तकबिल के लिए नेक ख्वाहिशात का इजहार किया है। 

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