Top News

अपनी सफ़ों में इत्तिहाद क़ायम करें ताकि मक़ासद-ए-इस्लाम पाया-ए-तकमील को पहुंचे : तालिबान सुप्रीम लीडर

शव्वाल -1445 हिजरी

कर्ज की जल्द से जल्द करें अदायगी 

'' हजरत अबू मूसा अश्अरी रदिअल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि जनाब नबी-ए-करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया- कबाईर (बड़े) गुनाहों के बाद सबसे बड़ा गुनाह यह है कि कोई शख्स मर जाए और उस पर देन यानी किसी का मी हक हो और उसके अदा करने के लिए वह कुछ न छोड कर जाए। '' 

- अबु दाउद

---------------------------------------------

अपनी सफ़ों में इत्तिहाद क़ायम करें ताकि मक़ासद-ए-इस्लाम पाया-ए-तकमील को पहुंचे : तालिबान सुप्रीम लीडर
                                                                               - File Photo

✅ काबुल : आईएनएस, इंडिया

तालिबान के सुप्रीम लीडर ह्ब्बत अल्लाह उख़ूनज़ादा ने अफ़्ग़ानिस्तान में बरसर-ए-इक़तिदार तालिबान हुक्काम से कहा है कि वो बाहमी इख़तिलाफ़ात (आपसी मनमुटाव) से दूर रहें। सोवीयत यूनीयन की शिकस्त के बाद आपस के इख़तिलाफ़ात की वजह से अफ़्ग़ानिस्तान में शरीयत नाफ़िज़ नहीं हो सकी थी, लेकिन अब हमारी ज़िम्मेदारी पहले से ज़्यादा बढ़ गई है कि हम मुकम्मल तौर पर शरीयत के नफ़ाज़ में अपनी शराकत अदा करें। 

✒ जंग के छः माह मुकम्मल : गाजा मलबे के ढेर में तबदील, हम्मास के हमले का नतीजा सिफ़र

    न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ ह्ब्बत अल्लाह उख़ूनज़ादा का ये तहरीरी बयान रमज़ान के इख्तेताम पर ईद उल फितर से क़बल जारी हुआ है। उमूमी तौर पर तालिबान में इख़तिलाफ़ात की ख़बरें कम ही सामने आती हैं। ताहम कुछ हालिया अर्से में तालिबान की बाअज़ (कुछ) आला शख़्सियात ने कयादत की फ़ैसलासाज़ी, खासतौर पर ख़वातीन की तालीम से मुताल्लिक़ फ़ैसलों पर इख़तिलाफ़ का इज़हार किया था। तालिबान के सरबराह उख़ूनज़ादा एक इस्लामी स्कालर हैं, जो शायद कभी भी अवाम में दिखाई नहीं दिए और तालिबान के गढ़ सूबा क़ंधार से बाहर भी वो कम ही निकलते हैं। वो और उनके क़रीबी हलक़े ने ख़वातीन और लड़कीयों पर पाबंदीयां आइद करने में अहम किरदार अदा किया, जिसकी वजह से बैन-उल-अक़वामी सतह पर रद्द-ए-अमल सामने आया और तालिबान को आलमी सतह पर तन्हाई का सामना करना पड़ा। 

✒ मास्टर प्लान के तहत होगा लुतरा शरीफ में तरक्कीयाती काम, बैठक में लिए गए मुतअदिद्द अहम फैसले

    उख़ूनज़ादा का ये बयान अज़बक और तुर्क समेत सात ज़बानों में जारी किया गया है। रिपोर्टस के मुताबिक़ तालिबान सरमाया कारी और क़ानूनी हैसियत हासिल करने के लिए वसाइल से माला-माल वसती एशियाई ममालिक का सहारा ले रहे हैं। बयान में उख़ूनज़ादा का कहना था कि तालिबान हुक्काम आपस में बिरादराना ताल्लुक़ात रखें जबकि इख़तिलाफ़ात और ख़ुदग़रज़ी से लाज़िमी तौर पर बचना चाहिए। उनका मज़ीद कहना था कि सोवीयत यूनीयन की अफ़्ग़ानिस्तान में मुदाख़िलत और कम्यूनिज़म के ख़िलाफ़ जिहाद में शिकस्त के बाद आपस में इख़तिलाफ़ात हुए थे और इस तक़सीम की वजह से अफ़्ग़ानिस्तान में शरीयत का नफ़ाज़ नहीं हो सका था, लेकिन अब अमरीकी इस्तिमार को अफ़्ग़ानिस्तान से मार भगा देने के बाद हमारी ज़िम्मेदारी मज़ीद बढ़ गई है।

✒ मुस्लमानों में बहुविवाह का अनुपात बहुत कम : मौलाना अतीक बस्तवी

    ख़्याल रहे कि मग़रिबी मीडीया बिलख़सूस मुक़र्रब तरीन अमरीकी ज़राइआ इबलाग़ में तालिबान के तईं मनफ़ी (निगेटिव) प्रोपेगंडा ज़ोरों पर है, उसी तनाज़ुर में तलबा-ओ-तालिबात की मख़लूत तालीम पर पाबंदी, हदूद-ए-शरीयत का नफ़ाज़ और सज़ा वग़ैरह पर अमरीका और मग़रिबी ममालिक (पश्चिमी देश) भी यही रवैया अख्तयार करते हैं। 


For the latest updates of islam

Please क्लिक to join our whatsapp group & Whatsappchannel


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने