रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
विसाल (21 रमज़ान)
0 अमीरुल मोमेनीन हज़रत सय्यदना मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु
0 हज़रत इमाम अली मूसा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु
0 हज़रत शाह अली हुसैन बाक़ी अलैहिर्रहमा, पटना
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' बंदे का रोजा जमीन व आसमान का दरमियान मोअल्लक (लटका) रहता है, जब तक कि सदक-ए-फित्र अदा न किया जाए। ''- कंजुल आमाल
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✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया
ग़ज़ा जाने वाले इसराईली फ़ौजी सोशल मीडीया पर फ़लस्तीनीयों के घरों से मिलने वाले ख़वातीन के ज़ेर जामे (अंडरवियर) और शब ख़ाबी (नाईट सूट) के मलबूसात (कपड़ों) की तस्वीरें और वीडीयोज़ इस अंदाज़ में शाइआ कर रहे हैं, जिससे उनकी तज़हीक (अपमान) का पहलू निकलता हो।राइटर्ज़ की रिपोर्ट के मुताबिक़ ग़ज़ा की जंग का ये ग़ैर-मुनासिब और ग़ैर शाइस्ता रिकार्ड एक ऐसे मौक़ा पर बनाया जा रहा है, जब इस खित्ते में मंडराते हुए क़हत के बाइस बैन-उल-अक़वामी बिरादरी की जानिब से इसराईल पर तन्क़ीद में शिद्दत आ रही है। सोशल मीडीया पर पोस्ट होने वाली एक वीडीयो में एक इसराईली फ़ौजी ग़ज़ा में एक कमरे में कुर्सी पर बैठा हुआ मुस्कुरा रहा है। उसके एक हाथ में बंदूक़ है और दूसरे हाथ से वो ख़वातीन के एक सफेद रेशमी अंडर वीयर को सोफ़े पर लेटे हुए अपने एक साथी के मुँह पर लहरा रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक और वीडीयो में एक इसराईली फ़ौजी एक टैंक के ऊपर बैठा है और उसने एक ख़ातून का पुतला उठाया हुआ है, जिसके जिस्म पर सिर्फ एक स्याह बिकनी और अंडरवियर है। वीडीयो में फ़ौजी कह रहा है कि मुझे एक ख़ूबसूरत बीवी मिल गई है। ये दो वीडीयोज़, इसराईली फ़ौजीयों की पोस्ट करदा उन दर्जनों वीडीयोज़ और तस्वीरों में शामिल हैं, जिनमें उन्होंने ग़ज़ा की ख़वातीन के अंडरवियर की दुकानों से उठाए गए नुमाइशी निस्वानी पुतले, और कई वीडीयोज़ में दोनों को तमस्ख़ुराना अंदाज़ में एक साथ दिखाया है।
सोशल मीडीया पर ये वीडीयोज़ हज़ारों बार देखी जा चुकी हैं और एक वीडीयो को, जिसे यूनुस अलतरावी ने दुबारा पोस्ट किया है, तक़रीबन पाँच लाख बार देखा जा चुका है। अलतरावी का कहना है कि वो एक फ़लस्तीनी रिपोर्टर है। सोशल मीडिया पर यूनुस अलतरावी के फॉलोअर्ज की तादाद एक लाख से ज़्यादा है। उन्होंने ये वीडीयोज़ 23 फरवरी और यक्म मार्च के दरमयान दुबारा पोस्ट कीं थीं और उनके साथ इसराईल डीफ़ैंस फ़ोर्स (आईडीएफ़) के फ़ौजीयों की पोस्ट का लिंक भी दिया है। राइटर्ज़ का कहना है कि उसने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर इन वीडीयोज़ की आज़ादाना तसदीक़ की है। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के इन्सानी हुक़ूक़ के दफ़्तर की तर्जुमान रावीना शमदासानी ने इन वीडीयोज़ पर तबसरा करते हुए कहा है कि इस तरह की तस्वीरें पोस्ट करना फ़लस्तीनी और तमाम ख़वातीन की तज़लील करना है।
इसराईली फ़ौज के बयान में मज़ीद कहा गया है कि जिन मुआमलात में फ़ौजदारी जुर्म होने का शुबा हो, और जो तहक़ीक़ात शुरू करने का जवाज़ फ़राहम करे, इस सूरत में मिल्ट्री पुलिस की जानिब से तहक़ीक़ात शुरू की जाएगी। बयान में कहा है कि ये वाजेह होना चाहिए कि ऐसे मुआमलात में, जिनकी जांच परख के बाद ये नतीजा निकले कि वीडीयो में फ़ौजीयों का इज़हार या बरताव गैरमुनासिब है तो इस मुआमले में उसी के मुताबिक़ निमटा जाता है। राइटर्ज़ का कहना है कि इसराईल डीफ़ैंस फ़ोर्स ने ये बताने से इनकार किया कि क्या उसके बयान में इन वीडीयोज़ का हवाला है, जिनका ज़िक्र राइटर्ज़ ने किया था और या ये कि क्या इन वाक़ियात में मुलव्वस किसी फ़ौजी के ख़िलाफ़ ज़ाबते की कार्रवाई की गई है।
राइटर्ज़ ने जिन इसराईली फ़ौजीयों को शनाख़्त की थी, उन्होंने अपने सोशल मीडीया एकाऊंटस के ज़रीये भेजी गई तबसरे की दरख़ास्त का कोई जवाब नहीं है।
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