रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
विसाल (21 रमज़ान)
0 अमीरुल मोमेनीन हज़रत सय्यदना मौला अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु
0 हज़रत इमाम अली मूसा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु
0 हज़रत शाह अली हुसैन बाक़ी अलैहिर्रहमा, पटना
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हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' बंदे का रोजा जमीन व आसमान का दरमियान मोअल्लक (लटका) रहता है, जब तक कि सदक-ए-फित्र अदा न किया जाए। ''- कंजुल आमाल
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ग़ज़ा : आईएनएस, इंडिया ✅
इसराईली फ़ौज ने जुमेरात को बताया कि ग़ज़ा शहर के अल शिफा अस्पताल, और ग़ज़ा की जुनूबी पट्टी में ख़ान यूनुस के इलाक़े में लड़ाई हुई। ग़ज़ा में हम्मास के ज़ेर-ए-इंतिज़ाम वज़ारत-ए-सेहत के मुताबिक़ बुध के रोज़ 62 फ़लस्तीनी इसराईली हमलों में हलाक हो गए। वज़ारत-ए-सेहत का कहना था कि 7 अक्तूबर को इसराईल पर हम्मास के हमले के बाद से, जिसमें 1200 से कम अफ़राद हलाक हुए थे और तक़रीबन 250 को यरग़माल (बंदी) बना लिया गया था, जिनमें से नवंबर की आरिज़ी जंग बंदी में 100 के लगभग यरग़माल रिहा किए गए थे। इसराईल की जवाबी कार्यवाईयों में अब तक कम अज़ कम 32 हज़ार 552 अफ़राद मारे जा चुके हैं। फ़लस्तीनी वज़ारत-ए-सेहत के आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ जख्मियों की तादाद 75 हज़ार से ज़्यादा है जिनमें दो तिहाई से ज़्यादा ख़वातीन और बच्चे हैं। इमदादी एजेंसियों और अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के मुताबिक़ इसराईली हमलों में ग़ज़ा की पट्टी में ज़्यादातर इमारतें मलबे का ढेर बन चुकी हैं, 23 लाख आबादी का एक बड़ा हिस्सा बे-घर है और पनाह की तलाश में मारा मारा फिर रहा है। पूरे इलाक़े में ख़ुराक की शदीद क़िल्लत है और कई जगहों पर फ़लस्तीनी जानवरों का चारा खाने पर मजबूर हैं।
बैन-उल-अक़वामी इमदादी इदारों ने इंतिबाह (सचेत) किया है कि अगर ग़ज़ा के लिए ख़ुराक की फ़राहमी बेहतर ना हुई तो नसफ़ (आधी) आबादी भूख से मौत के दहाने पर पहुंच जाएगी। एक और ख़बर के मुताबिक़ इसराईल ने बुध को अपना फ़ैसला तबदील करते हुए जंगी हिक्मत-ए-अमली के अपने माहिरीन को वाशिंगटन भेजने में रजामंदी ज़ाहिर की है ताकि ग़ज़ा की पट्टी के जुनूबी शहर रफा में हम्मास के अस्करीयत पसंदों के ख़िलाफ़ ज़मीनी हमले के मंसूबे पर बातचीत की जा सके।
अमरीका और अक़वाम-ए-मुत्तहिदा इसराईल को इंतिबाह कर चुके हैं कि 10 लाख से ज़्यादा फ़लस्तीनी पनाह गज़ीनों की मौजूदगी के बाइस फ़ौजी कार्रवाई के नतीजे में एक बड़े इन्सानी अलमीए का अंदेशा है। इससे कब्ल इसराईल ने सलामती काउंसिल में जंग बन्दी से मुताल्लिक़ क़रारदाद को अमरीका की जानिब से वीटो ना किए जाने पर एहतेजाजन रफा पर हमले के मंसूबे से मुताल्लिक़ बातचीत के लिए अपने माहिरीन का वफ़द वाशिंगटन भेजने का फ़ैसला मंसूख़ कर दिया था। तक़रीबन छः माह से इसराईल और हम्मास के दरमयान जारी जंग में अमरीका, इसराईल का सबसे मुस्तहकम इत्तिहादी रहा है, लेकिन हालिया हफ़्तों में वो मुसलसल ये ज़ोर देता रहा है कि इसराईल इन्सानी हलाकतें कम से कम करने और ज़्यादा ज़्यादा से इन्सानी इमदाद की मुल्क में दाख़िल होने के लिए ठोस इक़दामात करे। लेकिन इसराईली वज़ीर-ए-आज़म नेतन्याहू के सख़्त मौक़िफ़ और पालिसीयों की वजह से वाशिंगटन के साथ तनाव में इज़ाफ़ा हुआ है, जिसका एक इज़हार अमरीका ने सलामती काउंसिल में जंग बंदी की क़रारदाद में वोटिंग के दौरान गैरहाज़िर रह कर किया।
हम्मास के कंट्रोल को खत्म करने के लिए रफा पर हमला जरूरी
नितिन याहू का कहना है कि ग़ज़ा पर हम्मास के किसी भी कंट्रोल को ख़त्म करने के लिए रफा पर हमला ज़रूरी है। इसराईल के मुताबिक़ रफा में हम्मास की चार बटालियन अस्करी क़ुव्वत मौजूद है जिसे तबाह किए बग़ैर हम्मास की जानिब से ख़तरा मौजूद रहेगा। इसराईल का ये भी कहना है कि वो रफा पर हमले से पहले वहां मौजूद फ़लस्तीनीयों को किसी दूसरे मुक़ाम पर मुंतक़िल कर देगा, लेकिन उसने ये नहीं बताया कि फ़लस्तीनीयों को कहाँ भेजा जाएगा। नेतन्याहू का कहना है कि हम्मास के मुकम्मल ख़ातमे और तमाम यरग़मालों की रिहाई तक जंग जारी रहेगी।For the latest updates of islam
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