रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
दूसरों के ऐबों को जाहिर न करो
'' हजरत उक्बा बिन आमिर रदि अल्लाहो अन्हु से रवायत है कि जनाब रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया, जो शख्स किसी का कोई ऐब देखे और फिर उसे छुपा ले, यानी दूसरों पर उसे जाहिर न करे तो सवाब में ऐसा होगा, जैसे किसी ने जिंदा दफन हुए किसी की जान बचा ली और कब्र से उसको जिंदा निकाल लाया। ''- तिर्मिजी शरीफ
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✅ गाजा : आईएनएस, इंडिया
माह रमज़ान में भी इसराईली फ़ौज की जारहीयत ना रुक सकी, यकम रमज़ान की रात इसराईली जंगी तय्यारों ने गाजा के इलाक़े रफा में बमबारी की। अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़ इसराईली फ़ोर्सिज़ ने जुनूबी गाजा के शहर रफा और वसती हिस्से में पनाह गज़ीन कैंप पर हमले किए। रातों रात ये हमले ऐसे वक़्त हुए, जब ग़ज़ा में फ़लस्तीनी रमज़ान का पहला रोज़ा रखने की तैयारी कर रहे थे। इसराईली बमबारी के बाइस 10 फ़लस्तीनी शहीद हो गए। 7 अक्तूबर से गाजा पर इसराईली हमलों में कम अज़ कम 31 हज़ार 45 फ़लस्तीनी शहीद और 72 हज़ार 654 ज़ख़मी हो चुके हैं। जबकि हम्मास के 7 अक्तूबर के हमलों से इसराईल में मरने वालों की तादाद 1,139 है।नहीं होने दिया मस्जिद अकसा में दाख़िल, सड़क पर अदा करनी पड़ी नमाज-ए-तरावीह
मक़बूज़ा बैतुल-मुक़द्दस : दुनिया के कई ममालिक की तरह गाजा में भी रमज़ान उल-मुबारक का आग़ाज़ हो चुका है। बच्चों ने जंग के साए में मुक़द्दस माह का इस्तिक़बाल किया जबकि इसराईल ने फ़लस्तीनीयों को मस्जिद अकसा में नमाज़ की अदायगी से रोक दिया। मुक़ामी मीडीया रिपोर्टस के मुताबिक़ इसराईली फ़ोर्सिज़ ने रमज़ान उल-मुबारक के मौके पर यरूशलम में फ़लस्तीनीयों को मस्जिद अकसा में दाख़िल होने से रोक दिया।
इसराईल ने यरूशलम मैं हज़ारों की तादाद में पुलिस तयनात कर रखे हैं। मस्जिद अकसा में दाख़िल होने से रोकने के बाद फ़लस्तीनीयों ने यरूशलम के पुराने शहर की सड़क पर नमाज़-ए-तरावीह अदा की। दूसरी जानिब रफा शहर में कई फ़लस्तीनीयों ने शहीद होने वाली मस्जिद उल-फ़ारूक़ के मलबे के दरमयान नमाज़ तरावीह अदा की। अल-अक़सा की निगरानी करने वाली मज़हबी फ़ाउंडेशन यरूशलम वक़्फ़ के डायरेक्टर जनरल इज़ाम अलख़तीब ने कहा कि ये हमारी मस्जिद है और हमें इसका ख़्याल रखना चाहिए। गाजा की खवातीन का कहना है कि उन्होंने रमज़ान के इस्तिक़बाल के लिए कोई तैयारी नहीं की। उनका कहना है कि वे पाँच महीने से रोज़े रखे हुए हैं। याद रहे कि 7 अक्तूबर से गाजा पर इसराईली हमलों में कम अज़ कम 31 हज़ार 45 फ़लस्तीनी शहीद और 72 हज़ार 654 ज़ख़मी हो चुके हैं।