रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
विसाल (22 रमज़ान)
0 उस्तादे ज़मन हज़रत मौलाना हसन रज़ा खान अलैहिर्रहमा, बरैली शरीफ
अल कुरआन
'' बेशक अल्लाह सुब्हानहु ताअला और उसके फरिश्ते नबी-ए-करीम पर दरुद भेजते हैं, ऐ ईमान वालों, तुम भी उन पर दरुद-ओ-सलाम भेजा करो। ''- सूरह अल अहजाब
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✅ पेरिस : आईएनएस, इंडिया
फ़्रांस की हुकूमत का कहना है कि जिस नौ उम्र मुस्लिम तालिबा ने स्कार्फ़ के हवाले से तल्ख़ बहस के दौरान अपने हेड टीचर पर मारने पीटने का झूटा इल्ज़ाम लगाया था, उसके ख़िलाफ़ अदालत में मुक़द्दमा दायर करने का फ़ैसला किया गया है। फ़्रांस के वज़ीर-ए-आज़म का कहना है कि नौ उम्र मुस्लिम लड़की ने स्कार्फ़ के हवाले से होने वाली गर्मागर्म बेहस के दौरान अपने हेड टीचर पर मारने का झूटा इल्ज़ाम आइद किया था, रियासत की तरफ से उसके ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दायर किया जाएगा। वाजेह रहे कि हेड टीचर ने इस बात पर इसरार किया था कि तालिबा को फ़्रांसीसी क़ानून के मुताबिक़ स्कूल के अंदर अपना सिर नहीं ढाँपना चाहिए। अलबत्ता इस हवाले से सोशल मीडीया पर जान से मारने की धमकीयों के बाद उन्होंने अपने ओहदे से इस्तीफ़ा दे दिया था।
फ़्रांस के स्कूलों में दो असातिज़ा (टीचर्स) के कत्ल के बाद से, इस्लाम पसंदों के जानिब से इस तरह के ख़तरात को इंतिहाई संजीदगी से लिया जाता है। वाजेह रहे कि सन 2020 मैं पेरिस के एक मज़ाफ़ाती इलाक़े में सड़क पर ही एक उस्ताद सेमोयल पीटी का सर क़लम कर दिया गया था। उसके पाँच माह कब्ल एरॉस में स्कूल के अंदर ही एक और टीचर डोमेनिक बर्नार्ड को कत्ल कर दिया गया था। जब स्कार्फ़ के हवाले से ताज़ा तनाज़ा (विवाद) मंज़र-ए-आम पर आया तो, बाअज़ अफ़राद की जानिब से टीचर को जान से मारने की धमकीयां दी गईं। इसी के बाद पेरिस में एक स्कूल के हेड टीचर ने अपने इस्तीफ़े का ऐलान गुजिश्ता जुमा के रोज़ एक ईमेल के ज़रीये किया। अलबत्ता उस्ताद की शिनाख़्त ज़ाहिर नहीं की गई है। हेड टीचर ने वज़ाहत करते हुए कहा कि अपनी और इदारे की हिफ़ाज़त की फ़िक्र करते हुए, बिलआख़िर मैंने अपनी ज़िम्मेदारियाँ छोड़ने का फ़ैसला किया है। उनका मज़ीद कहना था कि में आपके साथ काफ़ी मेहनत के सात बरस गुज़ारने और 45 साल अवामी तालीम के बाद उसे छोड़ रहा हूँ।
स्कूल में स्कार्फ़ का ये तनाज़ा गुज़श्ता 28 फरवरी को उस वक़्त पेश आया था, जब हेडमास्टर ने तीन मुस्लिम तालिबात से कहा कि वो अपने सर से निक़ाब उतार कर मुल्क के क़ानून की पाबंदी करें। इस हुक्म की दो तालिबात ने तो तामील की लेकिन तीसरी तालिबा ने स्कार्फ़ उतारने का हुक्म मुस्तर्द कर दिया, जिस पर झगड़ा खड़ा हो गया। उसके चंद रोज़ बाद सोशल मीडीया पर हेडमास्टर को जान से मारने की धमकीयों का निशाना बनाया गया।
इस्तिग़ासा का कहना है कि कत्ल की धमकी के सिलसिले में दो अफ़राद को हिरासत में लिया गया है। अलबत्ता उनकी शिनाख्त ज़ाहिर नहीं की गई है। इसके बाद पुलिस ने मज़कूरा स्कूल के इर्द-गिर्द सिक्योरटी में इज़ाफ़ा किया और गशत को बढ़ा दिया है। मुल्क के वज़ीर-ए-तालीम ने स्कूल का दौरा भी किया। फ़्रांस में हुक्काम का कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि स्कूल के हेड टीचर ने लड़की को मारा था। वज़ीर-ए-आज़म गैब्रियल अताल का कहना है कि तालिबा की जानिब से मारने के झूटे इल्ज़ामात लगाने की वजह से ही अदालत में मुक़द्दमा दायर करने का फ़ैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि रियासत हमेशा ऐसे अहलकारों के साथ खड़ी होगी, जो सैकूलर इज़म की ख़िलाफ़ वरज़ीयों और हमारे तालीमी इदारों में इस्लाम पसंदों के दाख़िले की कोशिशों के ख़िलाफ़ नबर्द-आज़मा होते हैं। फ़्रांस में बाएं और दाएं दोनों ख़्यालात के सियासतदानों ने इस बात पर ग़म-ओ-ग़ुस्से का इज़हार किया कि इंटरनैट पर नफ़रतअंगेज़ मुहिम के ज़रीये एक काबिल-ए-एहतिराम उस्ताद का कैरीयर ख़त्म कर दिया गया। दाएं बाज़ू की जमात नेशनल रैली की सख़्त-गीर रहनुमा मारियन ली पेन ने सोशल मीडीया पर कहा कि ये हुकूमत हमारे स्कूलों की हिफ़ाज़त करने से क़ासिर है।
एक और दाएं बाज़ू की सख़्त-गीर रहनुमा ने कहा कि ये रियासत की शिकस्त है और इस्लाम पसंदी के हामीयों ने मज़ीद ताक़त हासिल कर ली है।
स्कूल में स्कार्फ़ का ये तनाज़ा गुज़श्ता 28 फरवरी को उस वक़्त पेश आया था, जब हेडमास्टर ने तीन मुस्लिम तालिबात से कहा कि वो अपने सर से निक़ाब उतार कर मुल्क के क़ानून की पाबंदी करें। इस हुक्म की दो तालिबात ने तो तामील की लेकिन तीसरी तालिबा ने स्कार्फ़ उतारने का हुक्म मुस्तर्द कर दिया, जिस पर झगड़ा खड़ा हो गया। उसके चंद रोज़ बाद सोशल मीडीया पर हेडमास्टर को जान से मारने की धमकीयों का निशाना बनाया गया।
इस्तिग़ासा का कहना है कि कत्ल की धमकी के सिलसिले में दो अफ़राद को हिरासत में लिया गया है। अलबत्ता उनकी शिनाख्त ज़ाहिर नहीं की गई है। इसके बाद पुलिस ने मज़कूरा स्कूल के इर्द-गिर्द सिक्योरटी में इज़ाफ़ा किया और गशत को बढ़ा दिया है। मुल्क के वज़ीर-ए-तालीम ने स्कूल का दौरा भी किया। फ़्रांस में हुक्काम का कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि स्कूल के हेड टीचर ने लड़की को मारा था। वज़ीर-ए-आज़म गैब्रियल अताल का कहना है कि तालिबा की जानिब से मारने के झूटे इल्ज़ामात लगाने की वजह से ही अदालत में मुक़द्दमा दायर करने का फ़ैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि रियासत हमेशा ऐसे अहलकारों के साथ खड़ी होगी, जो सैकूलर इज़म की ख़िलाफ़ वरज़ीयों और हमारे तालीमी इदारों में इस्लाम पसंदों के दाख़िले की कोशिशों के ख़िलाफ़ नबर्द-आज़मा होते हैं। फ़्रांस में बाएं और दाएं दोनों ख़्यालात के सियासतदानों ने इस बात पर ग़म-ओ-ग़ुस्से का इज़हार किया कि इंटरनैट पर नफ़रतअंगेज़ मुहिम के ज़रीये एक काबिल-ए-एहतिराम उस्ताद का कैरीयर ख़त्म कर दिया गया। दाएं बाज़ू की जमात नेशनल रैली की सख़्त-गीर रहनुमा मारियन ली पेन ने सोशल मीडीया पर कहा कि ये हुकूमत हमारे स्कूलों की हिफ़ाज़त करने से क़ासिर है।
एक और दाएं बाज़ू की सख़्त-गीर रहनुमा ने कहा कि ये रियासत की शिकस्त है और इस्लाम पसंदी के हामीयों ने मज़ीद ताक़त हासिल कर ली है।
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