शअबान उल मोअज्जम-1445 हिजरी
हदीसे नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम
'' हजरत अबुदर्दा रदि अल्लाहो ताअला अन्हु फरमाते हैं कि जिसने अपने भाई को सबके सामने नसीहत की, उसने उसे जलील किया और जिसने तन्हाई में नसीहत की, उसने उसे संवार दिया। (तन्हाई की नसीहत ज्यादा असर करती है, हर शख्स उसे कबूल कर लेता है और उस पर अमल करने की कोशिश करता है। और जाहिर है कि अमल करने से वह संवर जाएगा।) ''-------------------------------
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी इदारा अमन आम्मा ने कहा है कि मस्जिद उल हराम में आने वाले उमरा ज़ाइरीन एहतियाती तदाबीर के तहत मास्क का इस्तिमाल जरूर करें। अमन आम्मा के एक्स (टोइटर) एकाऊंट पर जारी अहम हिदायात में कहा गया है कि मास्क के इस्तिमाल से इन्फेक्शन और दीगर मसाइल से बचा जा सकता है।यह भी पढ़ें :
ख़्याल रहे इन दिनों मस्जिद उल-हराम और मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में काफी रश चल रहा है। ऐसे में इनफेक्शन से बचाव का वाहिद तरीक़ा मास्क का इस्तिमाल करना है। एहतियाती तदाबीर के हवाले से इदारे के ज़िम्मेदार का कहना था कि रश के मुक़ामात पर ख़सूसन सांस की बीमारी में मुबतला और मुअम्मर (बुजुर्ग) अफ़राद के लिए मास्क का इस्तिमाल इंतिहाई ज़रूरी होता है। रमज़ान उल-मुबारक में उमरा और नमाज़ों की अदायगी के लिए हरमैन शरीफ़ैन आते वक़्त मास्क का इस्तिमाल जारी रखें ताकि मुख़्तलिफ़ बीमारीयों से महफ़ूज़ रह सकें।
सबक़ वेबसाइट के मुताबिक़ अवामी सर्वे के क़ौमी मर्कज़ की जानिब से फरवरी में ड्राइविंग से मुताल्लिक़ किए जानेवाले सर्वे में मुल्क के मुख़्तलिफ़ शहरों के 1549 अफ़राद की राय ली गई। राय दहिंदगान के मुताबिक़ घर से दफ़्तर जाने में रियाद के 59 फ़ीसद अफ़राद को आधे घंटे से ज़ाइद वक़्त लगता है। सर्वे में शरीक 23 फ़ीसद अफ़राद को दौरान ड्राइविंग मोबाइल इस्तिमाल करने पर जुर्माना हो चुका है, जिनमें से 35 फ़ीसद अफ़राद रास्ते की निशानदेही के लिए जीपीएस की मदद लेते थे।
सर्वे के मुताबिक़ ड्राइविंग के दौरान दीगर ड्राईवरज़ की जानिब से परेशान करने वालों में रश के दौरान ट्रैफ़िक क़वानीन की ख़िलाफ़वरज़ी करते हुए ओवरटेक करना और तेज़ रफ़्तारी और मुस्तक़िल ट्रैक की तबदीली शामिल है।
आधे से ज्यादा लोग हो रहे हादसे फ़ीसद अफ़राद ट्रैफ़िक रश से परेशान : सर्वे
सऊदी दार-उल-हकूमत रियाद की सड़कों पर भीड़ बढ़ गई है। हालत यह है कि 59 फ़ीसद लोगों को अपने कामों पर जाने के लिए आधे घंटे से ज़ाइद वक़्त सड़कों पर जाया हो रहा है।सबक़ वेबसाइट के मुताबिक़ अवामी सर्वे के क़ौमी मर्कज़ की जानिब से फरवरी में ड्राइविंग से मुताल्लिक़ किए जानेवाले सर्वे में मुल्क के मुख़्तलिफ़ शहरों के 1549 अफ़राद की राय ली गई। राय दहिंदगान के मुताबिक़ घर से दफ़्तर जाने में रियाद के 59 फ़ीसद अफ़राद को आधे घंटे से ज़ाइद वक़्त लगता है। सर्वे में शरीक 23 फ़ीसद अफ़राद को दौरान ड्राइविंग मोबाइल इस्तिमाल करने पर जुर्माना हो चुका है, जिनमें से 35 फ़ीसद अफ़राद रास्ते की निशानदेही के लिए जीपीएस की मदद लेते थे।
सर्वे के मुताबिक़ ड्राइविंग के दौरान दीगर ड्राईवरज़ की जानिब से परेशान करने वालों में रश के दौरान ट्रैफ़िक क़वानीन की ख़िलाफ़वरज़ी करते हुए ओवरटेक करना और तेज़ रफ़्तारी और मुस्तक़िल ट्रैक की तबदीली शामिल है।