शअबान उल मोअज्जम-1445 हिजरी
हदीसे नबवी (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम)
'' हजरत अबुदर्दा रदि अल्लाहो ताअला अन्हु फरमाते हैं कि जिसने अपने भाई को सबके सामने नसीहत की, उसने उसे जलील किया और जिसने तन्हाई में नसीहत की, उसने उसे संवार दिया। (तन्हाई की नसीहत ज्यादा असर करती है, हर शख्स उसे कबूल कर लेता है और उस पर अमल करने की कोशिश करता है। और जाहिर है कि अमल करने से वह संवर जाएगा।) ''------------------------------------
✅ गाजा : आईएनएस, इंडिया
अक़्वाम-ए-मुत्तहदा (संयुक्त राष्ट्र) ने कहा कि लड़ाई, ईंधन की क़िल्लत और इसराईली छापों की वजह से गुजिश्ता इतवार के रोज़ गाजा की पट्टी का दूसरा बड़ा हस्पताल मुकम्मल तौर पर बंद हो गया। उधर इसराईल जुनूबी शहर रफा पर हमले की तैयारी कर रहा है, जहां इस वक्त दस लाख से ज़्यादा बे-घर फलीस्तीनी पनाह लिए हुए हैं। बैन-उल-अक़वामी बिरादरी ने ख़बरदार किया है कि अगर इसराईल रफा क्रासिंग पर हमला करता है तो यह बहुत ज़्यादा इन्सानी नुकसान का सबब बनेगा। इसराईल के फ़िज़ाई और ज़मीनी हमले ने गाजा का बेशतर हिस्सा तबाह कर दिया है और तक़रीबन तमाम बाशिंदों को उनके घरों से बेदख़ल कर दिया है। फ़लस्तीनी महकमा सेहत के हुक्काम कहते हैं कि जंग से अब तक 28,985 अफ़राद जांबाहक़ हो चुके हैं जिनमें ज़्यादातर आम शहरी हैं। ग़ज़ा के हस्पताल इसराईल और फ़लस्तीनी ग्रुप हम्मास के दरमयान चार माह से जारी जंग का मर्कज़ी नुक़्ता रहे हैं। ग़ज़ा की वज़ारत-ए-सेहत के तर्जुमान अशरफ अलकदरा ने बताया कि जुनूबी शहर ख़ान यूनुस में एलिना सर हस्पताल इतवार की सुबह ख़िदमात से क़ासिर हो गया। सेहत के हुक्काम ने बताया कि हस्पताल बिजली सप्लाई न होने और दवाईयों की किल्लत के चलते उसे बंद कर देना पड़ा। अस्पताल में फिलवक्त महज चार मेडिकल टीमें मरीज़ों की देख-भाल कर रही हैं।
अलकदरा ने कहा कि हस्पताल को पानी की स्पलाई रुक गई क्योंकि जनरेटर तीन दिन से बंद थे, सीवरेज का पानी एमरजैंसी कमरों में भर गया और बाकी अमले के पास इंतिहाई निगहदाशत वाले मरीज़ों के ईलाज का कोई तरीक़ा नहीं था। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की फ़राहमी की कमी कम अज़ कम सात मरीज़ों की मौत का सबब बनी। ये भी बिजली ना होने का नतीजा था। ग़ज़ा तनाज़े ने पूरे मशरिक वुसता (मध्या पूर्व) को ग़ैर-मुस्तहकम (अस्थिर) कर दिया है। ग़ज़ा के बेशतर हस्पताल लड़ाई और ईंधन की कमी की वजह से ख़िदमात की फ़राहमी से क़ासिर हो गए हैं जिसकी बिना पर 2.3 मिलियन की आबादी सेहत की मुनासिब निगहदाशत से महरूम है। इसराईल ने अस्पतालों पर हमला किया और इल्ज़ाम लगाया है कि हम्मास ने हस्पतालों में हथियार और यर्गमाली रखे हुए है। हालांकि हम्मास इस बात से इंकार करता है कि उसने अस्पतालों को जंग के लिए इस्तेमाल किया है। उधर बैन-उल-अक़वामी (अंतरराष्ट्रीय) बिरादरी के मुताबिक बैन-उल-अक़वामी क़ानून के तहत हस्पतालों का तहफ़्फ़ुज़ (हिफाजत) ज़रूरी है।
आलमी इदारा सेहत ने इसराईल पर ज़ोर दिया कि वो उसके अमले को हस्पताल तक पहुंचने दे। ख्याल रहे कि हम्मास के जंगजूओं की तलाश में इसराईली फौज ने एक हफ़्ते तक हस्पताल का मुहासरा (घेराबंदी) कर रखा था जिसकी वजह से मेडिकल टीमें मरीज़ों की देखभाल नहीं कर सकी। यहां तक कि डब्लयूएचओ की टीम को अस्पताल में जाने नहीं दिया गया।
इसराईली फ़ौज के मुताबिक उसकी ख़ुसूसी फौज अल नासिर हस्पताल और उसके इर्द-गिर्द काम कर रही हैं। फौज ने गुजिश्ता रोज़ गाजा भर में दर्जनों फ़लस्तीनी जंगजू को हलाक कर भारी मिक़दार में असलाह अपने कब्जे में ले लिया है। फ़ौज ने कहा कि वो अल नासिर अस्पताल से तकरीबन 100 मुश्तबा (संदिग्ध) अफ़राद को गिरफ़्तार किया था। हस्पताल के क़रीब हथियारबंद अफ़राद को हलाक कर कर अस्पताल के अंदर से हथियार बरामद किए।