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न्यूजर्सी में नामालूम शख्स की फायरिंग से इमाम मस्जिद हलाक

न्यूजर्सी में नामालूम शख्स की फायरिंग से इमाम मस्जिद हलाक
न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया

    न्यू र्सी के ओहदेदारों ने बताया कि इमाम हसन शरीफ़ को पिछले दिनों उनकी मस्जिद के बाहर गोलियां मार कर हलाक कर दिया गया। न्यूजर्सी की एसेक्स काओंटी के क़स्बे नेवार्क में कत्ल का ये वाक़िया उस वक़्त पेश आया, जब इमाम हसन शरीफ़ अपनी गाड़ी में मस्जिद मुहम्मद के क़रीब पहुंचे। प्रासीक्यूटर टेड स्टीफंज़ ने न्यूज़ कान्फ्रेंस में बताया कि उन्हें क़रीब से कई बार गोली मारी गई। 
    अटार्नी जनरल का कहना था कि हुक्काम हमला-आवर को तलाश कर रहे हैं, लेकिन ऐसे शवाहिद नहीं मिले कि कत्ल के इस वाक़िया का ताल्लुक़ मुस्लिम मुख़ालिफ़ तास्सुब से था। अटार्नी जनरल का कहना कि 7 अक्तूबर को इसराईल पर हम्मास के हमले के बाद से क़ानून नाफ़िज़ करने वाले इदारों ने इबादत-गाहों, ख़ास पर यहूदीयों और मुस्लमानों की इबादत-गाहों की निगरानी बढ़ा दी है। प्लाटकन का कहना था कि ये मेरे इल्म में है कि हमारी रियासत में, आलमी वाक़ियात की सूरत-ए-हाल और बहुत सी कम्यूनिटीज में तास्सुब में इज़ाफे़ की वजह से, खासतौर पर मुस्लमान कम्यूनिटी को ख़ौफ़ का सामना है। उन्होंने मज़ीद कहा इस वक़्त न्यूजर्सी में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनमें इस कत्ल की ख़बर के बाद डर या इज़तिराब का शदीद एहसास है। इमाम मस्जिद पर फायरिंग के हवाले से फ़ौरी तौर पर मालूमात दस्तयाब नहीं हैं, लेकिन स्टीफ़नज़ का कहना था कि ये वाक़िया सुबह छः बजे मस्जिद के बाहर उस वक़्त पेश आया, जब इमाम शरीफ़ अपनी गाड़ी से नहीं उतरे थे। उन्हें एक क़रीबी अस्पताल ले जाया गया लेकिन दोपहर को उनका इंतिक़ाल हो गया। 
    न्यूयार्क के पब्लिक सेफ़्टी के डायरेक्टर ने बताया कि हसन शरीफ़ पाँच साल से मस्जिद में इमामत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इमाम शरीफ़ को बैन उल मज़ाहिब कम्यूनिटी के एक रहनुमा के तौर पर याद रखा जाएगा जिन्होंने शहर को महफ़ूज़ रखने के लिए काम किया। काउंसिल अमरीकन इस्लामिक रिलेशन्ज़ के न्यूजर्सी चैप्टर ने अपने एक बयान में कहा है कि वो मालूमात इकट्ठी कर रहे हैं। उन्होंने लोगों पर ज़ोर दिया कि वो मुक़ामी पुलिस से राबते में रहें। केयर न्यूजर्सी की तर्जुमान देना सय्यद अहमद ने अपने एक बयान में कहा है कि हमें इस वाक़े पर गहिरी तशवीश है।

अमरीका में मुस्लमानों के ख़िलाफ़ तशद्दुद, हुक्काम का इमाम मस्जिद के क़ातिल को ढ़ूढ़ने का अज्म

    अमरीकी रियासत न्यू जर्सी के अटार्नी जनरल मैथीयू ने प्रेस कान्फ्रेंस में इस अज्म (निश्चय) का इज़हार किया है कि इमाम मस्जिद पर फायरिंग करने वाले हमला-आवर को तलाश करेंगे। मैथीयू और न्यूजर्सी के दीगर क़ानून नाफ़िज़ करने वाले ओहदेदारों का कहना है कि तहक़ीक़ात के इस मरहले पर ख़्याल है कि इमाम मस्जिद को इस्लामो फोबिया की वजह से क़तल किया गया है। उनका कहना था कि वो इस केस की तहक़ीक़ात कर रहे हैं और हमला-आवर की शिनाख्त कर रहे हैं। 

    पुलिस का कहना है कि फायरिंग करने वाले शख़्स ने स्याह लिबास पहना हुआ था और फायरिंग के बाद जाए वाकिया पर ऐनी शाहिदीन ने मस्जिद से निकलते हुए उसे देखा था। मुस्लिम कम्यूनिटी पर कत्ल के असरात के बारे में बात करते हुए मैथीयू ने कहा कि ये ज़ख़म मुकम्मल तौर पर नहीं भरेंगे और इस वजह से हमें अपनी कोशिशों को दोगुना करना चाहिए ताकि हम इस वायलेंस का ख़ातमा कर सकें ताकि मुस्तक़बिल में ख़ानदानों को इमाम शरीफ़ के ख़ानदान जैसे दुख से बचा सकें। डेमोक्रेसी समेत दीगर ज़राइआ का कहना है कि गुजिश्ता बरस अगस्त में हुस्न शरीफ़ को हिरासाँ किया गया था। 

मुसलमानों के खिलाफ तशद्दुद में हुआ इजाफा

    मैथीयू ने तस्लीम किया कि 'तशद्दुद में इज़ाफ़ा हुआ है खासतौर पर मुस्लिम कम्यूनिटी के ख़िलाफ़। मस्जिद मुहम्मद नेवार्क में अफ़्रीक़ी नज़ाद अमरीकन शहरीयों की तादाद ज़्यादा है और ये मस्जिद अफ़्रीक़ी अमरीकी कम्यूनिटी में है । शरीफ़ हुस्न का कत्ल हाल ही में न्यूजर्सी में होने वाला दूसरा पुरतशद्दुद वाक़िया है। इससे पहले अप्रैल 2023 में न्यू जर्सी के इलाक़े पीटरसन की मस्जिद-ए-उम्र में इमाम-ए-मस्जिद सय्यद अलंकीब पर चाक़ू से हमला कर उन्हें शदीद जख्मी कर दिया गया था। हमले के बाद मुलजिम मौके से भागने की कोशिश कर रहा था जिसे नमाजियों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। 

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