✒ इस्लामाबाद : आईएनएस, इंडियापाकिस्तान के निगरां वजीर-ए-आजम अनवार उल-हक ने ओआईसी अरब लीग मुशतर्का सरबराही इजलास में खिताब करते हुए कहा है कि महसूर गजा पर इसराईल के हमले नसल कुशी का बाइस हैं और इस खित्ते को जिंदा जहन्नुम में तबदील कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसराईल की जानिब से बैन-उल-अकवामी कानून की खिलाफवरजी हो रही है। निगरान वजीर-ए-आजम अनवार उल-हक ने मुतालिबा किया है कि आलमी रहनुमा गजा में फौरी जंग बंदी के लिए किरदार अदा करें और गजा में जारी खूँरेजी रोक दी जाए।
सऊदी दार-उल-हकूमत रियाद में ओआईसी, अरब लीग मुशतर्का सरबराही इजलास में खिताब के दौरान अनवार उल-हक ने कहा कि सऊदी अरब, मिस्र, तुरकिया और अरदन की सिफारती कोशिशें काबिल-ए-तारीफ हैं। उन्होंने आलमी बिरादरी से मुतालिबा किया है कि जंगी जराइम पर इसराईल का मुहासिबा किया जाए, इसराईल के मजालिम और रियास्ती दहश्तगर्दी की इस मुहिम को फौरी तौर पर रोका जाए। उन्होंने कहा कि फौरी गैर मशरूत (निशर्त) जंगबंदी, गजा के मुहासिरे को खत्म और गजा के लोगों तक इमदाद की फराहमी यकीनी बनाई जाए। वजीर-ए-आजम आॅफिस के मीडीया विंग से जारी बयान के मुताबिक उन्होंने रियाद में मुनाकिदा मुशतर्का अरब-ओ-इस्लामी गैरमामूली सरबराह इजलास में शिरकत की।
निगरान वजीर-ए-खारिजा जलील अब्बास जीलानी और सेक्रेटरी खारिजा •ाी वजीर-ए-आजम के हमराह इजलास में शरीक हुए। रियाद में जारी गैरमामूली सरबराह इजलास काबिज इसराईल की फलस्तीन में हालिया इन्सानियत सोज जारहीयत और उसके नतीजे में पैदा होने वाली तशवीशनाक सूरत-ए-हाल के हवाले से मुनाकिद किया गया। वजीर-ए-आजम अनवार उल-हक ने इजलास से अपने खिताब में गजा में काबिज सहयोनी फौज की जानिब से मुसलसल और जालिमाना जारहीयत की वाजेह और शदीद मुजम्मत की। वजीर-ए-आजम ने अपने खिताब में इसराईल की इन जालिमाना कार्यवाईयों और गजा के गैर इन्सानी-ओ-गै़रकानूनी मुहासिरे को गजा में निहत्ते फलस्तीनीयों की शहादतों, बड़े पैमाने पर तबाही और नकल मकानी का जिÞम्मेदार करार दिया। वजीर-ए-आजम ने कहा कि इसराईली अफ़्वाज फलस्तीन में बैन-उल-अकवामी इन्सानी कवानीन और इन्सानी हुकूक के कवानीन की खुल्लम खुल्ला खिलाफवरजी कर रही हैं। इसराईली अफ़्वाज का मुसलसल और बिला तफरीक निहत्ते फलस्तीनीयों पर ताकत का इस्तिमाल जंगी जुर्म और इन्सानियत के खिलाफ जुर्म है।
वजीर-ए-आजम ने मुतालिबा किया कि आलमी बिरादरी इसराईल के जंगी जराइम पर उसका मुहासिबा करे। इसराईल के मजालिम और रियास्ती दहश्तगर्दी की इस मुहिम को फौरी तौर पर रोका जाए।
गाजा के लिए डोनेशन मुहिम जारी, 45 करोड़ रियाल से जाइद रकम जमा
रियाद : फलस्तीनी अवाम के लिए सऊदी अरब की जानिब से जारी अतयात मुहिम में अब तक 45 करोड़ रियाल से जाइद रकम जमा हो चुकी है। खबर के मुताबिक शाह सलमान इमदादी मर्कज की जानिब से गजा के मुतास्सिरीन के लिए ह्यसाहम पोर्टलह्ण पर अतयात मुहिम जारी की गई थी। मुहिम का ऐलान होते ही शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज आॅल सऊद की जानिब से 30 मिलियन जबकि वली अहद ममलकत शहजादा मुहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज आॅल सऊद की जानिब से 20 मिलियन रियाल ह्यसाहम पोर्टलह्ण में अतीया किए गए। अब तक साहम पोर्टल में गजा के मुतास्सिरीन के लिए 6 लाख 69 हजार 74 अफराद ने 45 करोड़ 77 लाख 18 हजार 713 रियाल जमा कराए हैं। अतयात जमा करने का सिलसिला जारी है। इस हवाले से शाह सलमान इमदादी मर्कज बराए फलाह की जानिब से साहम पोर्टल के अलावा बैंक अकाउंट की सहूलत •ाी फराहम की गई है जिस पर बराह-ए-रास्त अतयात जमा कराए जा सकते हैं।गजा के फील्ड हस्पताल में अरदन ने पैराशूट के जरीये •ोजी मेडिकल मदद
गजा : अर्दनी फौज ने इतवार के रोज गजा की पट्टी में अर्दनी फील्ड हस्पताल को फौरी तिब्बी इमदाद पहुंचाने का ऐलान किया है। फौज के एक बयान में अरदन की मुसल्लह अफ़्वाज (हथियारबंद फौज) की जनरल कमांड के एक अहलकार के हवाले से कहा गया है कि हफ़्ते के रोज शाही फिजाईया के एक तय्यारे ने शाही दरबार की हिदायात के तहत दूसरी बार पैराशूट का इस्तिमाल करते हुए फौरी तिब्बी इमदाद पहुंचाई। बयान में कहा गया है कि लैंडिंग आॅप्रेशन इमारात और कतर के तआवुन से हस्पताल की सलाहीयतों को मजबूत और तरक़्की देने और गजा की पट्टी में लोगों की तकालीफ को कम करने के लिए सेहत और ईलाज की खिदमात फराहम करने के लिए तिब्बी अमले की सलाहीयत को बढ़ाने के लिए किया गया है।उन्होंने जोर देकर कहा कि हस्पताल गजा की पट्टी पर जारी इसराईली बमबारी के नतीजे में मुश्किलात से दो-चार होने के बावजूद काम जारी रखे हुए है। हम्मास के अस्करीयत पसंदों ने 7 अक्तूबर को गजा की पट्टी की सरहदी बाड़ को तोड़ने के बाद से इसराईल गजा पर फिजाई, समुंद्री और जमीनी बमबारी कर रहा है। इसराईल ने कहा है हम्मास के हमले में उसके 1,200 अफराद मारे गए और तकरीबन 240 को हिरासत में लिया गया। फलस्तीनी हुक्काम का कहना है कि इसराईल की जानिब से फौजी मुहिम शुरू करने के बाद से गजा में तकरीबन 1200 अफराद शहीद हो चुके हैं और गजा के हस्पतालों को तिब्बी सामान, साफ पानी और बिजली के जनरेटरों को चलाने के लिए दरकार ईंधन की कमी की वजह से मुश्किलात का सामना है।
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