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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लमानों के बाईकॉट का मामला

23 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 11 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘मेरी उम्मत में से सबसे पहले मेरे पास हौजे कौसर पर आने वाले वो होंगे जो मु्र­ासे और मेरे अहले बैत से मोहब्बत करने वाले हैं।’
- जामाह उल हदीस

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    मुसलमानों के खुले आम मआशी (आर्थिक) बाईकॉट की काल के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में अर्जी दायर की गई है। गुड़गांव में चंद शिद्दत-पसंद हिंदू तन्जीमों की तरफ से मुस्लमानों के मआशी बाईकॉट का हलफ लिया गया था। वकील सिब्बल ने मुआमले का जिÞक्र किया और दरखास्त की फौरी फेहरिस्त तलब की। 
    गुजिशता हफ़्ते सुप्रीमकोर्ट की खुसूसी बेंच ने दिल्ली, हरियाणा और उतर प्रदेश के पुलिस हुक्काम को हुक्म दिया कि वो इस बात को यकीनी बनाएँ कि किसी भी बिरादरी के खिलाफ नफरतअंगेज तकरीर ना की जाए या तशद्दुद या इमलाक को नुक़्सान ना पहुंचे। इस साल अप्रैल में सुप्रीमकोर्ट ने जोर दिया था कि आईन हिन्दोस्तान को एक सेक्यूलर मुल्क के तौर पर तसव्वुर करता है, और तमाम रियास्तों और मर्कज के जेरे इंतिजाम इलाकों को हिदायत देता है कि नफरतअंगेज तकारीर के मुकद्दमात पर सख़्त कार्रवाई, और शिकायत दर्ज होने का इंतिजार किए बगैर मुजरिमों के खिलाफ मजहब से बालातर होकर फौजदारी मुकद्दमात दर्ज करना चाहिए। 
    हरियाणा के मेवात नूह में 31 जुलाई को एक हिंदुओं की तरफ से निकाली गई यात्रा पर संगबारी के बाद फिरकावाराना झड़पें हुईं। तशद्दुद गुरु ग्राम और हरियाणा के कुछ जिलों तक फैल गया। इस दौरान, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 7 अगस्त को नूह में इन्हिदाम की मुहिम पर रोक लगा दी, जब जिÞला इंतेजामिया ने एक तीन मंजिला होटल और चंद मेडीकल शॉप्स समेत कुछ इमारतों को मुनहदिम कर दिया था।

मनीपुर तशद्दुद : अब तक कुल 6 हजार 523 एफआईआर हुए दर्ज 

नई दिल्ली : मणिपुर पुलिस ने सुप्रीमकोर्ट को मतला (सूचित) किया है कि मणिपुर तशद्दुद मामले में कुल 6,523 एफआईआर दर्ज की गई है जिनमें से सिर्फ तीन केस इस्मतदरी (बलत्कार) के हैं। अब तक दर्ज की गई एफआईआर का ब्रेक अप देते हुए, पुलिस ने कहा कि ऐसे ओवरलैपिंग केसेज हैं, जहां इस्मतदरी और कत्ल दोनों हुए हैं, जबकि एक केस में गैंग रेप का इल्जाम लगाया गया है। मणिपुर के एक आला पुलिस अफ़्सर ने कहा कि 15 मुकद्दमात में खवातीन के वकार को मजरूह करने के इल्जामात लगाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर मुकद्दमात लूट मार और आतशजनी के हैं। 
    सुप्रीमकोर्ट के साथ शेयर किए गए आदाद-ओ-शुमार में पुलिस ने कहा कि मई और 30 जुलाई के दरमयान आतशजनी के तकरीबन 4,500, इमलाक को तबाह करने के 4,694 और लूटमार के 4,148 मुआमले दर्ज किए गए। उन्होंने मजीद कहा कि 46 वाकियात इबादत-गाहों को नुक़्सान पहुंचाने के थे और 100 वाकियात शदीद चोट पहुंचाने के थे। मणिपुर के एक पुलिस अफ़्सर ने बताया कि कत्ल के वाकियात की तादाद में मुसलसल कमी हुई है। मई में 107, जून में 38, जुलाई में 17 और अगस्त में 6 अफराद को हलाक किया गया। अगस्त में होने वाली मौतें एक मुख़्तसर वक्फे के बाद 3 तारीख को हुईं। 


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