12 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
बुध, 30 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘नमाजों में एक नमाज ऐसी है, जो किसी से छूट जाए तो गोया उसका घर-बार सब बर्बाद हो गया। वो नमाज, नमाजे असर है।’
- सहीह बुखारी
✒ नूह : आईएनएस, इंडिया
नूह तशद्दुद के दौरान भादस गांव में फसादीयों के हुजूम से लड़ कर गुरूकुल की हिफाजत करने के लिए मुल्कभर में सराहे जाने वाले भादस गांव के सरपंच शौकत अली को इंतिजामीया और मुकामी हिंदू बिरादरी ने यौम-ए-आजादी के मौका पर एजाज से नवाजा है।शौकत अली तशद्दुद (हिंसा) के दिन गांव वालों के साथ लाठीयां लेकर फसादीयों के सामने खड़े हो गए थे। इस गांव की 95 फीसद आबादी मुस्लमानों की है। बताया जा रहा है कि फसादीयों ने अपने चेहरों पर कपड़ा बांध रखा था और उनकी मोटर साईकल की नंबर प्लेट उतारी हुई थी। 400-500 फसादीयों के इस हुजूम ने बुरे इरादे से गुरूकुल पर हमला किया, तो शौकत अली अपने साथीयों के साथ उनसे भिड़ गए, मुकामी मुस्लमानों को गुरूकुल के एतराफ से लड़ते देखकर फसादी वापिस चले गए। चंद घंटों बाद फसादीयों ने फिर गुरूकुल पर हमला किया लेकिन सरपंच शौकत अली ने दुबारा उन्हें खदेड़ दिया। हालात की संगीनी को देखते हुए शौकत अली मुकामी देहातियों को साथ लेकर 24 घंटे गुरूकुल में रहे।
भादस के गुरूकुल में 30 तलबा रहते हैं और हिंदू मजहब की तालीम हासिल करते हैं। सरपंच शौकत अली को उनके काम के लिए मुकामी हिंदू समाज और इंतिजामीया ने एजाज से नवाजा है। आचार्य महाऋषि दयानंद गुरूकुल और गोशाला के डायरेक्टर आचार्य तरूण के मुताबिक तशद्दुद वाले दिन 12 बजे तक सब कुछ पुरसुकून था लेकिन उसके बाद कई जगहों से मनफी (नकारात्मक) खबरें आने लगी, खौफ फैल गया क्योंकि यहां हिंदू सिर्फ 5 फीसद है, हालाँकि उसके बाद सरपंच आए और उन्होंने कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। तालिब-इल्म और हम गुरूकुल के अंदर महफूज हैं, फिर उन्होंने गांव के कुछ लोगों को यहां बुलाया। सरपंच बाहर गुरूकुल के दरवाजे पर बैठ गए, जब फसादीयों का हुजूम 2 बार आया तो भादस गांव के मुकामी लोगों ने सरपंच शौकत अली की कियादत में उन्हें अंदर नहीं आने दिया।
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हुजूम में शामिल लोग मुकामी नहीं थे। ऐसा लगता था कि वो राजिस्थान की सरहद से आए थे। नगीना इलाका में पड़ने वाले भादस के सरपंच को फिरोज पूर झिरका के सब डिवीजनल अफ़्सर डाक्टर के हाथों फिरकावाराना हम-आहंगी कायम करने और गुरूकुल की हिफाजत के लिए बेहतरीन शहरी ऐवार्ड से नवाजा गया है। इस दौरान डाक्टर ने सरपंच शौकत अली की बहुत तारीफ की। भदास में प्रिंसिपल रहे नानक चंद ने भी शौकत अली की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने ना सिर्फ गुरूकुल की हिफाजत की बल्कि पूरे इलाके को आग में जलने से भी बचा लिया।