23 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 11 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘मेरी उम्मत में से सबसे पहले मेरे पास हौजे कौसर पर आने वाले वो होंगे जो मु्रासे और मेरे अहले बैत से मोहब्बत करने वाले हैं।’
सोशल मीडीया पर भी जाटों को मुश्तइल (उत्तेजित) करने के लिए कई तरह के पैगामात लिखे गए, मगर इस बिरादरी ने तशद्दुद से खुद को अलग रखा। रिपोर्ट के मुताबिक जाट महासभा के सेक्रेटरी वीर सिंह ने कहा कि जाट बिरादरी सेकूलर है और वो किसी भी गलत बात की हिमायत नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हुकूमत ने अगर बरवक़्त कार्रवाई की होती तो मेवात के तशद्दुद को टाला जा सकता था। हुकूमत ने सोशल मीडीया पर इश्तिआलअंगेज वीडियो डालने वाले के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया। सियासी माहिरीन का कहना है कि जाटों के इस इकदाम का बीजेपी को नुक़्सान होगा। ख़्याल रहे कि जाट बिरादरी ने अब तक बीजेपी का साथ दिया था और 2019 के लोक सभा इंतिखाबात में पार्टी ने यहां की तमाम 10 सीटों पर जीत हासिल की।
‘मेरी उम्मत में से सबसे पहले मेरे पास हौजे कौसर पर आने वाले वो होंगे जो मु्रासे और मेरे अहले बैत से मोहब्बत करने वाले हैं।’
- जामाह उल हदीस
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नूह : आईएनएस, इंडिया
नूह मेवात में शिद्दत पसंद हिंदू तन्जीमों की यात्रा के दौरान भड़के तशद्दुद के दरमयान हिंदुओं को मुस्लमानों के खिलाफ खड़ा करने की भरपूर कोशिशें की गईं, ताहम इलाके की जाट बिरादरी ने तशद्दुद से खुद को अलहदा (अलग) करते हुए कहा कि मेवाती उनके भाई हैं और वो उनके खिलाफ तशद्दुद पर आमादा नहीं होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक जाटों के इस इकदाम को खाप पंचायतों की भी हिमायत हासिल हो रही है।सोशल मीडीया पर भी जाटों को मुश्तइल (उत्तेजित) करने के लिए कई तरह के पैगामात लिखे गए, मगर इस बिरादरी ने तशद्दुद से खुद को अलग रखा। रिपोर्ट के मुताबिक जाट महासभा के सेक्रेटरी वीर सिंह ने कहा कि जाट बिरादरी सेकूलर है और वो किसी भी गलत बात की हिमायत नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हुकूमत ने अगर बरवक़्त कार्रवाई की होती तो मेवात के तशद्दुद को टाला जा सकता था। हुकूमत ने सोशल मीडीया पर इश्तिआलअंगेज वीडियो डालने वाले के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया। सियासी माहिरीन का कहना है कि जाटों के इस इकदाम का बीजेपी को नुक़्सान होगा। ख़्याल रहे कि जाट बिरादरी ने अब तक बीजेपी का साथ दिया था और 2019 के लोक सभा इंतिखाबात में पार्टी ने यहां की तमाम 10 सीटों पर जीत हासिल की।
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ताहम किसान तहरीक (आंदोलन) के दौरान जाट बिरादरी पर जिस तरह से इल्जामात आइद किए गए, उससे वो दिलबर्दाशता है। उसके बाद जब जंतर मंतर पर खातून पहलवानों ने एहतिजाज किया, उस वक़्त भी जाट बिरादरी को निशाना बनाया गया। उसी का नतीजा है कि सोशल मीडीया पर बिलवासता और बराह-ए-रास्त मेवात में हिंदुओं का साथ देने के पैगामात और बजरंग दल की मदद की अपील के बावजूद जाटों ने उनका साथ देने से साफ इनकार कर दिया। दरीं अस्ना (उसी बीच), हरियाणा के नायब वजीर-ए-आला दुष्यंत चौटाला और गुरु ग्राम से लोक सभा के रुकन पार्लियामेंट राव इंद्रजीत ने भी गैर मुतवक़्के तौर पर हिंदू तन्जीमों की ब्रिज मंडल यात्रा पर ही सवाल उठा कर नफरत की सियासत की हवा निकाल दी।
उन्होंने कहा कि नूह में यात्रा के मुंतजमीन ने इंतिजामीया को ये इत्तिला नहीं दी कि उसमें कितनी तादाद में लोग शामिल होंगे। जबकि राव इंद्रजीत ने कहा कि इस तरह की यात्रा में हथियार लेकर कौन जाता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि एक बिरादरी ने इश्तिआल अंगेज हरकतें अंजाम दी हैं। जाट बिरादरी के सख़्त मौकिफ के बाद सोशल मीडीया पर मेवात तशद्दुद में मारे गए लोगों के नाम उनके गोत्र और जात नजर आने लगी। उन बिरादरीयों को उकसाने की कोशिश की गई, मुजफ़्फर नगर फसादाद की याद दिलाई गई, ताहम, जाट बिरादरी के नौजवानों ने लिखा कि आज मेवात में हमारी मदद मांगने वालों ने हमें टुकड़े-टुकड़े गैंग, टूल कट और खालिस्तानी के लकब से नवाजा था, अकल ठोकर खाने के बाद ही आती है। सोशल मीडीया पर लिखा गया कि जाट समाज के नौजवान आरएसएस के उस फार्मूले को अच्छी तरह समझ चुके हैं, जब मुस्लमानों के सामने लड़ाई होती है तो उन्हें जाट हिंदू बना दिया जाता है और जब वो अपना हक मांगते हैं, तो उन्हें गद्दार, खालिस्तानी या दहश्तगर्द कराद दिया जाता है। जाट नौजवान माजी की बातों को नहीं भूले हैं।
उन्होंने कहा कि नूह में यात्रा के मुंतजमीन ने इंतिजामीया को ये इत्तिला नहीं दी कि उसमें कितनी तादाद में लोग शामिल होंगे। जबकि राव इंद्रजीत ने कहा कि इस तरह की यात्रा में हथियार लेकर कौन जाता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि एक बिरादरी ने इश्तिआल अंगेज हरकतें अंजाम दी हैं। जाट बिरादरी के सख़्त मौकिफ के बाद सोशल मीडीया पर मेवात तशद्दुद में मारे गए लोगों के नाम उनके गोत्र और जात नजर आने लगी। उन बिरादरीयों को उकसाने की कोशिश की गई, मुजफ़्फर नगर फसादाद की याद दिलाई गई, ताहम, जाट बिरादरी के नौजवानों ने लिखा कि आज मेवात में हमारी मदद मांगने वालों ने हमें टुकड़े-टुकड़े गैंग, टूल कट और खालिस्तानी के लकब से नवाजा था, अकल ठोकर खाने के बाद ही आती है। सोशल मीडीया पर लिखा गया कि जाट समाज के नौजवान आरएसएस के उस फार्मूले को अच्छी तरह समझ चुके हैं, जब मुस्लमानों के सामने लड़ाई होती है तो उन्हें जाट हिंदू बना दिया जाता है और जब वो अपना हक मांगते हैं, तो उन्हें गद्दार, खालिस्तानी या दहश्तगर्द कराद दिया जाता है। जाट नौजवान माजी की बातों को नहीं भूले हैं।
रूहानी इलाज
बच्चे की पैदाईश के फौरन बाद अव्वल-आखिर एक-एक बार दरुद पाक के साथ 7 बार ‘या बर्रु’ पढ़कर बच्चे पर दम कर दें। इन्शा अल्लाह बालिग होने तक बच्चा आफतों से हिफाजत में रहेगा।
- मदनी पंजसूरह