12 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
बुध, 30 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘नमाजों में एक नमाज ऐसी है, जो किसी से छूट जाए तो गोया उसका घर-बार सब बर्बाद हो गया। वो नमाज, नमाजे असर है।’
- सहीह बुखारी
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✒ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
मुजफ़्फरनगर स्कूल मामले में अपने सख़्त रद्द-ए-अमल का इजहार करते हुए जमई हिंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि ये सानिहा (मामला) इस बात की अलामत है कि नफरत अपने इंतिहा पर जा पहुंची है, मां की गोद के बाद स्कूल ही वो जगह है, जहां बच्चे की अखलाकी तर्बीयत होती है। इस दौरान मौलाना मदनी ने कहा कि बच्चे के तालीमी अखराजात जमई उलमा हिंद बर्दाश्त करेगी।
जारी एक रीलीज के मुताबिक उन्होंने कहा कि बच्चा जहां भी पढ़ना चाहे, उसके तमाम अखराजात जमई उलमाए हिंद बर्दाश्त करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ बरसों के दौरान मुल्क के बेलगाम और मुतअस्सिब मीडीया और फिरकापरस्त अनासिर (तत्वों) ने मिलकर फिरकापरस्ती और शिद्दत पसंदी का जो जहर लोगों के दिलो दिमाग में भरा है, उससे हमारे तालीमी इदारे भी अब महफूज नहीं रहे। उन्होंने आगे कहा कि मुजफ़्फरनगर का ये सानिहा ये बताता है कि इस मुल्क में नफरत की जड़ें गहिरी और मजबूत हो चुकी हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि अगर बच्चे से कोई गलती सरजद हुई थी तो उसकी सजा खुद टीचर देती तो शायद इस पर कोई तवज्जा ना देता लेकिन इस तरह एक मखसूस फिरका के बच्चे को दूसरे फिरकों के बच्चों से जद-ओ-कूब कराया गया, ये अपने आप में एक इंतिहाई शर्मनाक हरकत है और एक नाकाबिले माफी जुर्म है। इसकी जिस कदर भी मुजम्मत की जाए, कम है।
उन्होंने आगे कहा कि स्कूल जैसी जगह पर मासूम बच्चों के अजहान में नफरत और इमतियाज का जहर घोलना उस्ताद और शागिर्द के रिश्ते को तारतार कर देता है। उन्होंने कहा कि हर मजहब में उस्ताज का दर्जा बहुत बुलंद है, क्योंकि वो बच्चों को अच्छा इन्सान बनाने की कोशिश करता है, लेकिन अफसोस, सुप्रीमकोर्ट की बार-बार सरजनिश के बावजूद, मीडीया के जरीया नफरत और शिद्दत पसंदी का जो सबक पढ़ाया जा रहा है, फिरकापरस्त अनासिर खुले आम इश्तिआल अंगेजी करके समाज में फिरकावाराना सफ बंदी कायम करने की कोशिशें करते रहे हैं, वो अब खतरनाक होता जा रहा है।
तफतीश पूरी होने तक स्कूल बंद करने का हुक्म
होमवर्क ना करने पर क्लास के दूसरे तलबा से मुस्लिम बच्चे की पिटाई मुआमले में महिकमा तालीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्कूल (नेहा पब्लिक स्कूल) से जवाब तलब किया है। साथ ही तहकीकात मुकम्मल होने तक स्कूल बंद रखने की हिदायत जारी की है।रिपोर्ट के मुताबिक मंसूर पूर के स्कूल में तालिब-इल्म की पिटाई की वीडीयो वाइरल होने के बाद महिकमा तालीम की जानिब से स्कूल का रजिस्ट्रेशन मंसूख करने का अमल शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही जिला इंतिजामीया की जानिब से स्कूल का रजिस्ट्रेशन मंसूख करने का अमल भी शुरू कर दिया गया है। महिकमा तालीम ने इस हवाले से भी नोटिस भेज दिया है। महिकमा तालीम (शिक्षा विभाग) ने स्कूल के मेयार के हवाले से कई नकात (बिंदुओं) पर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही तहकीकात मुकम्मल होने तक स्कूल बंद करने के अहकामात भी दिए गए हैं।
बीएसए ने कहा कि स्कूल नहीं चलाया जा सकता, ब्लॉक एजूकेशन आॅफीसर स्कूल के तलबा को दूसरे स्कूल में दाखिल कराएगा। ख़्याल रहे कि मंसूर पूर के स्कूल में मुस्लिम बच्चे की पिटाई की वीडीयो वाइरल होने के बाद रियास्ती हुकूमत को तन्कीद का सामना है। पुलिस ने इस मुआमले पर मुल्जिम खातून टीचर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। मुआमले के हवाले से पुलिस की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि खबापूर गांव में वाके स्कूल की टीचर ने होमवर्क ना करने पर क्लास के दीगर तलबा से एक तालिब-इल्म की पिटाई कराने और उसके खिलाफ काबिल एतराज तबसरे करने के मुआमला में बच्चे के वालिद ने तहरीर दी है। वहीं, सोशल मीडीया पर हंगामा-आराई के बाद टीचर तृप्ता त्यागी ने अपना बयान जारी करते हुए वजाहत की है। उसने कहा कि मेरा मकसद किसी के मजहबी और समाजी जजबात को ठेस पहुंचाना नहीं था, वीडीयो एडिट करके सोशल मीडीया पर शेयर किया गया है, मैं माजूर हूंं, इसलिए बच्चों को कंट्रोल करने के लिए ये कदम उठाया।