22 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमेरात, 10 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’
- मिश्कवात
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नई तहरीक : भिलाई
मोहर्रम कर्बला कमेटी की जानिब से गुजिश्ता रोज इस्तकबालिया तकरीब मुनाकिद की गई। कंट्रोल रूम, कोतवाली में मुनाकिद इस्तकबालिया तकरीब (सम्मान समारोह) में सभी मजहब के मजहबी रहनुमाओं और इंतेजामिया के अफसरान ने शिरकत की। इनमें शलभ कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक, जिला दुर्ग, संजय धु्व, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर, सतीष ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक, यातायात और छावनी टीआई मोनिका पांडेय शामिल हैं जिनका मोहर्रम कर्बला कमेटी की जानिब से इस्तकबाल किया गया।
तकरीब का मकसद शहर में अमन-ओ-चैन बरकरार रखने के लिए इंतेजामिया अफसरान (प्रशासनिक अधिकारियों) की कोशिशों की हौसला अफजाई करना था। और तकरीब में दीगर मआशरे के मजहबी रहनुमाओं को बुलाने का मकसद बाहमी मोहब्बत को फरोग देना था। तकरीब में सभी मजहबी रहनुमाओं ने शिरकत की। मोहर्रम कर्बला कमेटी के गुलाम सैलानी ने बताया कि हर साल मोहर्रम में यौमे आशूरा के बाद इस्तकबालिया तकरीब मुनाकिद की जाती है। soci इस मौके पर मोहर्रम कर्बला कमेटी के सदर पीरजाह शेख, सरपरस्त विरेन्द्र सतपती, मंसूर भाई इमदादी वाला, गुलाम सैलानी, मुंसफ अली, मोहम्मद ताहिर, आसिफ अली, गुलाम सिद्दीकी, डॉ ऊमर अंसारी, जाफर खान, सैय्यद सिराज, गुलाम उस्मानी, सलामुद्दीन, बरकत अली, नबी गुलाम, मोहम्मद, नईम मोहम्मद, अफजल, हजरत अली, जिया उल हक व चांद खान समेत मआशरे के लोग बड़ी तादाद में मौजूद थे।
रूहानी इलाज
घर में लड़ाई-झगड़ा, रुपए-पैसों की तंगी, बे-बरकती, नुहूसत और जिन्नाती असरात दूर करने के लिए ‘सूरह जिन्न’ और ‘सूरह मुजम्मिल’ 3-3 बार (अव्वल-आखिर 3-3 बार दुरूदे पाक के साथ) पढ़कर आजवाइन और लोबान पर दम करें और 7 या 11 दिन धूनी लगाएं और दुआ कर लें। इन्शा अल्लाह घर में लड़ाई-झगड़ा खत्म होकर तंगदस्ती, बे-बरकती, नुहूसत और जिन्नाती असरात दूर हो जाएंगे।