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कराची और लाहौर से अगले बरस ‘रूट टू मक्का’ प्रोजेक्ट का होगा आगाज : सऊदी सफीर

15 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमेरात, 3 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘मेरी उम्मत में से सबसे पहले मेरे पास हौजे कौसर पर आने वाले वो होंगे जो मु्र­ासे और मेरे अहले बैत से मोहब्बत करने वाले हैं।’
-जामाह उल हदीस 

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इस्लामाबाद : आईएनएस, इंडिया 

पाकिस्तान में खादिम उल हरमैन शरीफैन के सफीर नवाफ बिन सईद अल मालिकी ने कहा है कि मुस्तकबिल में हज के लिए पाकिस्तान के मजीद शहरों से ‘रूट टू मक्का’ प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा जिसकी बदौलत पाकिस्तानी हुज्जाज के लिए सफर मजीद आसान हो जाएगा। 
कराची और लाहौर से अगले बरस ‘रूट टू मक्का’ प्रोजेक्ट का होगा आगाज : सऊदी सफीर

    बुध के रोज इस्लामाबाद में तहरीक दिफा हरमैन शरीफैन के जेर-ए-एहतिमाम पाकिस्तान सऊदी ताल्लुकात के मौजू पर एक तकरीब के बाद सहाफियों से गुफ़्तगु करते हुए सऊदी अरब के सफीर ने कहा कि ‘रूट टू मक्का’ प्रोजेक्ट बड़ा अहम है और इस साल इस्लामाबाद से 26 हजार से जाइद हुज्जाज ने इससे फायदा उठाया। सऊदी सफीर नवाफ बिन सईद अल मालिकी ने कहा कि 'अगले साल ये प्रोजेक्ट कराची और लाहौर से भी शुरू करने के लिए इकदामात किए जाएंगे। इस मर्तबा हज इंतिहाई शानदार रहा और इसके लिए बहुत अच्छे इकदामात किए गए थे। एक जगह पर एक ही वक़्त में 25 लाख से ज्यादा अफराद का इकट्ठा होना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन सऊदी अरब के पास उनके लिए इंतिजामात करने की सलाहीयत मौजूद है। सऊदी सफीर ने मजीद कहा कि 'पाकिस्तान और सऊदी अरब के दरमयान बहुत अच्छे, गहरे और स्ट्रेटजिक ताल्लुकात हैं और उनमें इजाफा होगा। कब्लअजीं तकरीब से खिताब करते हुए उन्होंने कहा कि सऊदी अरब पाकिस्तान की हिमायत और तआवुन जारी रखेगा और उम्मत मुस्लिमा के लिए भी काम करता रहेगा। 

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    इस मौका पर वजीर मजहबी उमूर सीनेटर तलहा महमूद ने कहा कि रवां साल सऊदी अरब ने हज के बेहतरीन इकदामात किए हुए थे और ज्यों-ज्यों हुज्जाज की तादाद बढ़ रही है, त्यों-त्यों इंतिजामात में भी बेहतरी आ रही है। अगले साल पाकिस्तान के दो मजीद शहरों से रूट टू मक्का प्रोजेक्ट शुरू होगा और इसके लिए हुज्जाज का कोटा अभी से मिल गया है। मुस्तकबिल में हुज्जाज की रवानगी के लिए बहरी और जमीनी सफर की सहूलयात भी मयस्सर होंगी। 
    हज के अखराजात में कमी और बेहतर सहूलयात की फराहमी के लिए रिहायश, खुराक और सफर के मुआमलात बेहतर बनाए जाएंगे। उनका कहना था कि सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के बिरादराना ताल्लुकात कायम-ए-पाकिस्तान से हैं और ये ताल्लुकात महज हुकूमतों के दरमियान नहीं बल्कि अवाम के दरमियान भी हैं। इस मौका पर जमात-ए-उलमाए इस्लाम के सीनीयर रहनुमा सीनेटर अब्दुल गफूर हैदरी, पाकिस्तान के साबिक वजीर मजहबी उमूर सरदार मुहम्मद यूसुफ, सीनेटर साजिद मीर, उवैस नूरानी और तहरीक दिफा हरमैन शरीफैन के रहनुमा फजल अलरहमान खलील ने भी खिताब किया। तकरीब में स्वीडन और डेनमार्क में कुरआन की बे-हुरमती के खिलाफ मुजम्मती करारदाद भी पेश की गई, जिसे शुरका ने भारी अक्सरीयत से मंजूर किया।

रूहानी इलाज

किसी शख़्स पर कोई बड़ी मुसीबत आन पड़ी हो, और वह किसी तरीके से टल नहीं रही हो, उसे चाहिए बाद नमाजे जोहर 450 मर्तबा ‘हस्बुनल्लाहु व नेअ़मल वकील’ (अव्वल-आखिर 100-100 बार दुरूदे पाक के साथ) पढ़कर मुसीबत दूर होने की दुआ करे। इन्शा अल्लाह जल्द ही मुसीबत से छुटकारा मिल जाएगा। यह अमल 41 दिन करना है।


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