2 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 21 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं‘आप (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) के साथ हजरत अबू बकर (रदिअल्लाहो अन्हो), हजरत उमर (रदिअल्लाहो अन्हो), और हजरत उस्मान (रदिअल्लाहो अन्हो), भी थे, अचानक उहद पहाड़ लरजने लगा तो आप (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने अपने पांव से पहाड़ पर ठोकर मारकर फरमाया, उहद, ठहरा रह कि तुा पर एक नबी, एक सिद्दीक और दो शोहदा ही तो हैं।’
- बुखारी शरीफ
स्टाक होम, लंदन : आईएनएस, इंडियास्वीडन में कुरआन-ए-करीम की बे-हुरमती के वाकिया के खिलाफ इस्लामी दुनिया में एहितजाजी मुजाहिरे अब भी जारी हैं इसके बावजूद स्वीडिश पुलिस ने एक मर्तबा फिर इंतिहा पसंदों को इराकी सिफारत खाना के सामने इजतिमा करने (जमा होने) की इजाजत दे दी जिसमें शिद्दत-पसंद मुंतजमीन ने कुरआन-ए-करीम के नुस्खे को नजर-ए-आतिश करने का ऐलान कर रखा है।
फ्रÞांसीसी प्रेस एजेंसी के मुताबिक दो अफराद ने जुमेरात को मुकामी वक़्त के मुताबिक दोपहर एक बजे से 3 बजे तक मुजाहिरे की इजाजत तलब की। पुलिस ने मुंतजिम अफराद को इजतिमा करने की इजाजत दे दी है। इस इजतिमा में दोनों शिद्दत पसंदों का सिफारत खाना के सामने कुरआन मुकद्दस और इराकी पर्चम नजर-ए-आतिश करने का इरादा है। स्वीडिश न्यूज एजेंसी के मुताबिक मुंतजिम (प्रबंधक) का कहना था कि वो इजतिमा के दौरान कुरआन का एक नुस्खा जलाना चाहता है जिससे जाहिर होता है कि वो वही शख़्स था जिसने पहले स्टाक होम की एक मस्जिद के सामने कुरआन को जलाने का एहतिमाम किया था।
स्वीडिश पुलिस ने तसदीक की कि ये इजाजत मजहबी किताबों को जलाने की सरकारी दरखास्त की बुनियाद पर नहीं दी गई थी। बल्कि एक अवामी इजतिमा के इनइकाद की बुनियाद पर दी गई थी जिसके दौरान आजादी के आईनी हक के मुताबिक राय का इजहार किया जा सके। पुलिस के तर्जुमान ने कहा कि इसका मतलब ये नहीं था कि वो इस बात पर राजी हैं कि क्या होगा। कुरआन-ए-करीम का पहला नुस्खा जनवरी में दाएं बाजू के स्वीडिश डेनमार्क के इंतिहापसंद ने स्वीडन की नेटो में शमूलीयत और इस मकसद के लिए तुरकिया के साथ मुजाकरात की दरखास्त की मुजम्मत करने के लिए नजर-ए-आतिश किया था। उसके बाद 28 जून को स्वीडन में एक इराकी पनाह गजीन सलवान मोमीका ने ईद अजहा के पहले रोज स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरआन के नुस्खे के औराक जलाए।
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स्वीडिश हुकूमत ने जनवरी और जून में होने वाले जारिहाना और इस्लामो फोबिया पर मबनी इन वाकियात की मुजम्मत की ताहम स्वीडिश हुकूमत इस हवाले से मौजूद कानून को तबदील करने का इरादा नहीं रखती है। वाजेह रहे कि पुलिस ऐसे मुजाहिरे की इजाजत देने से इनकार कर सकती है, अगर उससे मुल्क की सलामती को खतरा लाहक हो या अगर ये ऐसी हरकतों या अलफाज की तरफ ले जाए जो नसली मुनाफिरत को हवा दे।