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स्वीडन : कुरआन जलाने की मुखालफत में मैंने तौरेत को जलाने का ऐलान किया था

2 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 21 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
‘आप (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) के साथ हजरत अबू बकर (रदिअल्लाहो अन्हो), हजरत उमर 
(रदिअल्लाहो अन्हो), और हजरत उस्मान (रदिअल्लाहो अन्हो), भी थे, अचानक उहद पहाड़ लरजने लगा तो आप (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) ने अपने पांव से पहाड़ पर ठोकर मारकर फरमाया, उहद, ठहरा रह कि तु­ा पर एक नबी, एक सिद्दीक और दो शोहदा ही तो हैं।’
- बुखारी शरीफ 
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स्वीडन : कुरआन जलाने की मुखालफत में मैंने तौरेत को जलाने का ऐलान किया था
- Image google

शामी नौजवान ने तर्क कर दिया अपना इरादा

स्टाक होम : आईएनएस, इंडिया
स्वीडन के दार-उल-हकूमत स्टाक होम में तौरेत जलाने का मन्सूबा बनाने वाले 32 साला शख़्स ने इसराईल के इजहार मजम्मत  (निंदा) के बाद अपना मन्सूबा तर्क करते हुए एहतिजाज ना करने का ऐलान किया है। 
    न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक तौरेत को नजर-ए-आतिश करने और उसकी बे-हुरमती का ऐलान करने वाले शामी नौजवान ने वजाहत (स्पष्ट) किया कि मेरा मकसद दरअसल उन लोगों की मजम्मत करना था, जो स्वीडन में कुरान-ए-पाक जैसी मुकद्दस किताबों को जलाते हैं। स्वीडन की पुलिस ने जुमे को कहा था कि उन्होंने स्टाक होम में इसराईली सिफारत खाने के बाहर तौरेत और इंजील को जलाने के लिए एक एहितजाजी मुजाहिरे की इजाजत दी है। इसराईल के सदर एजाक हरजूग उन कई इसराईली नुमाइंदों और यहूदी तन्जीमों में से एक हैं, जिन्होंने इस फैसले की फौरी तौर पर मुजम्मत की। मुजाहिरे के मुंतजिम अहमद ने वजाहत की कि उनका मकसद दरअसल मुकद्दस किताबों को जलाना नहीं, बल्कि उन लोगों पर तन्कीद और उनकी मजम्मत करना है, जिन्होंने हालिया महीनों में स्वीडन में कुरान-ए-पाक के नुस्खों की बे-हुरमती की है और जिसकी स्वीडिश कानून मुमानअत नहीं करता। 
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    शामी नजाद (शामी मूल के) स्वीडिश बाशिंदे का कहना था कि ये उन लोगों को एक जवाब है, जो कुरआन नजर-ए-आतिश करते हैं, मैं ये दिखाना चाहता हूं कि इजहार राय की आजादी की हदूद हैं, जिनका ख़्याल रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैं ये दिखाना चाहता हूं कि हमें एक-दूसरे का एहतिराम करना चाहिए, हम एक ही मुआशरे में रहते हैं, अगर मैं तौरेत, कोई शख़्स इंजील, कोई और शख़्स कुरआन-ए-मजीद को नजर-ए-आतिश करता है, तो यहां जंग होगी, मैं जो दिखाना चाहता था, वो ये है कि ऐसा करना दुरुस्त नहीं है। 
    जनवरी में स्वीडिश डेनमार्क के दाएं बाजू के इंतिहापसंद ने स्वीडन की नेटो रुकनीयत के लिए दरखास्त और स्वीडन की इत्तिहाद में शमूलीयत के लिए तुर्की के साथ मुजाकरात की मुजम्मत करने के लिए कुरान-ए-पाक का एक नुस्खा नजर-ए-आतिश कर दिया था। 28 जून को स्वीडन में एक इराकी पनाह गुजीन ने ईद-उल-अजहा के मौका पर स्टाक होम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान-ए-पाक के नुस्खे के कुछ औराक नजर-ए-आतिश कर दिया था। दोनों वाकियात की मुस्लिम दुनिया समेत दुनिया-भर में शदीद मुजम्मत की गई थी। अगरचे स्वीडिश पुलिस ने निशानदेही की कि मुजाहिरे में किसी मुकद्दस किताब को नजर-ए-आतिश करने की बाजाबता इजाजत नहीं दी लेकिन मुल्क में मुकद्दस किताबों को जलाने की मुमानअत के हवाले से कोई कानून मौजूद नहीं है। 


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