11 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
इतवार, 30 जुलाई, 2023
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अकवाले जरीं‘जो कोई नजूमी (ज्योतिष) के पास जाए और उससे कुछ मुस्तकबिल के बारे में सवाल करे तो उसकी चालीस रातों की इबादत कबूल नहीं होती।’
- मुस्लिम
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नई तहरीक : रायपुर
हर साल की तरह इस साल भी मोहर्रम के मौके पर 29 जुलाई सनीचर को मिशन अहले बैत, जुलूस-ए-हुसैनी निकाला गया। जुलूस की शुरुआत नेहरू नगर से हुई जो बैरन बाजार होते हुए औलिया चौक पहुंचा, जहां हजरत सैय्यद शेर अली आगा रहमतुल्लाह अलैह की की दरगाह पर हजरत सैय्यद आलमगीर अशरफ मियां दुआ की। इस दौरान उन्होंने कौम से खिताब किया। कहा, 10 मोहर्रम को ईराक के करबला में मौला हजरत इमाम हुसैन रदि अल्लाहो ताअला अन्हो और उनके 72 साथियों की शहादत हुई थी।इस वाकिये के बाद पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को याद करते हैं। कमेटी के राहिल रउफी ने बताया कि शोहदा-ए-करबला की याद में निकाले गए जुलूस-ए-हुसैनी, ताजिया, अलम और परचम-ए-हुसैनी लिए बिरगांव, ताज नगर, पंडरी राजातालाब, संजय नगर, बैरन बाजार, नेहरू नगर, छोटा पारा और संजय नगर वगैरह दीगर मोहल्लों के लोग शामिल हुए। हुसैनी सेना का अखाड़ा जुलूस दोपहर 3 बजे औलिया चौक, मोती बाग से निकलकर कर्बला पहुंचा। इस दौरान हुसैनी जवानों ने लठबाजी के हुनर दिखाए। हुसैनी सेना के सीनियर नईम अशरफी, रिजवी रफीक गौठिया, शेख अमीन, मोहम्मद शकील, याकूब राजा व जफर इकबाल ने बताया कि मोहर्रम के जुलूस-ए-हुसैनी में सैकड़ों नौजवान शामिल हुए।
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