मौलाना अरशद मदनी की वजाहत
मौलाना अरशद मदनी

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
जमई उल्मा हिंद के 34वें इजलास में मौलाना अरशद मदनी के बयान पर हंगामा जारी है। इजलास में जैन मजहबी पेशवाओं के साथ-साथ कई मजहबी गुरु भी मौजूद थे। मौलाना अरशद मदनी के बयान के बाद स्टेज पर हंगामा हुआ। कनवेनशन में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अल्लाह ने मनु यानी आदम को इस जमीन पर उतारा जिनकी बीवी हव्वा है। उन्होंने दिल्ली के राम लीला मैदान में जमई उल्मा हिंद के इजलास में कहा कि ओम और अल्लाह एक हैं। इस बयान पर जैन मजहबी पेशवा लोकेश मुनि नाराज हो गए, और वहीं स्टेज पर ही मुनाजरा की खुली दावत दे डाली। अब इस सिलसिले में मौलाना मदनी ने अपने बयान पर वजाहत दी है। एक न्यूज चैनल से गुफ़्तगु करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने किसी के मजहब पर तबसरा नहीं किया, हम मनु को मानते हैं, अल्लाह को मानते हैं, जैन मुनी को स्टेज नहीं छोड़ना चाहिए था, हम ओम को अल्लाह कह कर पुकारते हैं, अगर कोई ओम नहीं मानता तो हमें बताएं, अल्लाह ने ही हम सबको पैदा किया है। मौलाना मदनी ने कहा कि हम खुदा को इसी तरह मानते हैं जिस तरह मनु को मानते थे, मनु खुदा को मानते थे कि खुदा का कोई जिस्म नहीं है, उसकी कोई शक्ल नहीं है, वो हमेशा से है और हमेशा रहेगा। वो जो चाहता है, करता है, उसी ने आसमान बनाया, जिसके पास ऐसी ताकत है कि वो हमेशा से है और हमेशा रहेगा। हम समझते हैं कि वो अल्लाह है, हमारा अकीदा ये है कि उसकी इबादत की जानी चाहिए। ख़्याल रहे कि इसी तनाजुर में जब लोकेश मुनि ने मौलाना अरशद मदनी को मुनाजरा के लिए ललकारा, तो नौजवान फाजिल मुफ़्ती यासर नदीम ने लोकेश मुनी का चैलेंज कबूल करते हुए, उन्हें टवीट करते हुए मुनाजरा करने की दावत दे डाली है। हालांकि लोकेश मुनि की तरफ से इस तनाजा पर कोई रद्द-ए-अमल सामने नहीं है।
22 रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
14 फरवरी 2023
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