![]() |
जैतून का बाग file photo |
तुरकिया के जुनूबी इलाके हाताई में जलजले से होने वाली तबाही और बर्बादी के मुनाजिर चहार सू फैले हुए हैं। दिल दहला देने वाले इन मुनाजिर में जैतून के दरख़्तों के एक फार्म का मंजर भी शामिल है जो जलजले की वजह से फटने वाली जमीन के बाइस कई टुकड़ों में बट गया है। जैतून कयास फार्म में जलजले ने बड़े-बड़े गढ़े बना दिए हैं। जराइआ इबलाग (प्रेस नोट) में आने वाली तसावीर में हाताई के नवाही इलाके तबेहान में वाके जैतून के बाग की तबाही देखी जा सकती है। ड्रोन के जरीये ली गई तसावीर से भी जरई जमीनों (कृषि भूमि) पर जलजले के तबाहकुन असरात देखे जा सकते हैं। उन्ही तसावीर में फौजी छावनी के अंदर जैतून का एक खेत दिखाया गया है जो जलजले से दो हिस्सों में बट गया है। बाग के होलनाक मुनाजिर तुरकिया की सरकारी न्यूज एजेंसी अनाजूल ने शाइआ किए हैं। तस्वीरों में जलजले के नतीजे में जैतून के खेत में एक गहरी वादी को उभरते हुए दिखाया गया है जो जलजले की ताकत और उससे होने वाले नुक़्सानात की निशानदेही करती है। कुदरती आफात से मुताल्लिक उमूर में माहिर एक मुहक़्किक (शोधकर्ता) की तरफ से शाइआ सेटेलाइट तसावीर में ये भी दिखाया गया है कि किस तरह जलजला तुरकिया में जमीन की शक्ल को तबदील करने का बाइस बना है। चंद रोज कब्ल मुहक़्किक एंड्रेस शेवा ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर कई सेटेलाइट तसावीर शाइआ कीं जिनमें तुरकिया में जलजले से पहले और बाद के इलाके दिखाए गए, ताकि वहां की तबाही से पैदा होने वाले फर्क़ को दिखाया जा सके। काबिल-ए-जिÞक्र है कि तुरकिया और शाम में पीर को आने वाले जलजले से हजारों अफराद हलाक और जखमी हुए थे। इसके अलावा हजारों इमारतों और मकानात के मुनहदिम होने की वजह से हजारों अफराद हलाक और जखमी हुए हैं।
हिंदूस्तान का शुक्रिया
नई दिल्ली : तुरकिया में आए जलजले से मुतास्सिर अफराद के लिए दुनियाभर से मदद पहुंचाई जा रही है। हिन्दोस्तान ने तुरकिया को मदद भेजी है। तुर्की ने इसके लिए एक बार फिर हिन्दोस्तान का शुक्रिया अदा किया है। हिन्दोस्तान में तुरकिया के सफीर (दूत) ने ट्वीटर पर लिखे एक पैगाम में कहा कि हंगामी सूरत-ए-हाल में तुर्की को हिन्दोस्तान की तरफ से एक और मदद। जरूरत के मुताबिक तरकश एयर लाईन्ज जलजला से मुतास्सिरा इलाकों में सामान ले जा रही है। शुक्रिया इंडिया। आप्रेशन फ्रैंड के तहत हिंदूस्तान की सातवीं उड़ान इतवार को जलजला से मुतास्सिरा मुल्क-ए-शाम पहुंची। 23 टन इमदादी सामान ले जाने वाली इस परवाज का दमिश्क के हवाई अड्डे पर इस्तिकबाल किया गया। इससे कब्ल भी तुरकिया के सफीर आॅप्रेशन दोस्त की तारीफ कर चुके हैं। गुजशता हफ़्ते ही उन्होंने कहा था कि हिन्दोस्तान के इस कदम ने साबित कर दिया है कि तुर्की और हिन्दोस्तान दोस्त हैं।जलजला से 84 बिलीयन डालर से ज्यादा का नुकसान
इस्तांबोल : जुनूबी (दक्षिण) तुरकिया और शुमाली (उत्तरी) शाम में आने वाले तबाहकुन जलजले के नतीजे में अब तक 35000 हजार जांबाहक हो गए हैं। इतने बड़े जानी नुक़्सान के साथ बड़े पैमाने पर माद्दी नुक़्सानात भी हुए हैं। इब्तिदाई तखमीना (अंदाज) में अरबों डालर का नुक़्सान हो चुका है। तरकश एंटरप्राइज एंड बिजनेस कन्फेडरेशन ने इत्तिला दी है कि उनके मुल्क में होने वाला माद्दी नुक़्सान 84 बिलीयन डालर से ज्यादा है। ये नुक़्सान तुरकिया की मजमूई घरेलू पैदावार या जीडीपी का तकरीबन 10 फीसद है। शाम में होने वाला जानी-ओ-माद्दी नुक़्सान इसके अलावा है।22 रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
14 फरवरी 2023
nai tahreek, naitahreek, tahreek, tahreeke nav