नई तहरीक : दुर्ग
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ श्री सुविहित प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वितीय दिवस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6 बजे सदर जैन मंदिर में परमात्मा की वेदी पूजन से हुई।
तत्पश्चात परमात्मा का विधि स्थापना, कुंभ स्थापना, दीप स्थापना, भैरव पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, 4 देवी पूजन, 16 विद्या देवी पूजन, चौसठ योगिनी पूजन, 10 दिगपाल पूजन, नवग्रह पूजन, अष्टमंगल पूजन, लघु सिद्ध चक्र पूजन, लघु बस स्थानक पूजन आदि कार्यक्रम संपन्न हुआ। दोपहर को सत्तर भेदी विधि पूजा हुई। इसके अलावा सुबह दस बजे परम पूज्य खरतर गच्छधिपति आचार्य श्री जिन मणि सुरेश्वर जी महाराज साहब, आचार्यद्वय एवं साधू-साध्वी मंडल एवं सकल श्री संघ की समृद्ध उपस्थिति में अयोध्या नगरी एवं भरत चक्रवर्ती भोजन खंड का उद्घाटन हुआ। दोपहर को 54 कल्याणक विधान इंद्राणी स्थापना का कार्यक्रम एवं रात्रि भक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। इस पांच दिवसीय महोत्सव को संपादित करने संगीत सम्राट नरेंद्र वाणी गोता द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
परम पूज्य आचार्य जिनमणि प्रभ सुरिस्वर जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये प्रतिष्ठा महोत्सव जीवन को मंगल करने एवं परमात्मा से जुडने का स्वर्णिम अवसर है। पूरी श्रद्धा व समर्पण भाव से हमे परमात्मा भक्ति से जुडते हुए आनंद मंगल भावना से प्रत्येक कार्यक्रम में अपनी सहभागिता देनी है।
आयोजन के तृतीय दिवस च्वयन जन्म कल्याणक दिवस है जिसमें जन्म कल्याणक विधान एवं 56 द्विक कुमारी महोत्सव इन्द्रासन कंपन मेरु पर्वत पर अभिषेक कार्यक्रम सम्पन्न होगा।
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ श्री सुविहित प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वितीय दिवस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6 बजे सदर जैन मंदिर में परमात्मा की वेदी पूजन से हुई।
तत्पश्चात परमात्मा का विधि स्थापना, कुंभ स्थापना, दीप स्थापना, भैरव पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, 4 देवी पूजन, 16 विद्या देवी पूजन, चौसठ योगिनी पूजन, 10 दिगपाल पूजन, नवग्रह पूजन, अष्टमंगल पूजन, लघु सिद्ध चक्र पूजन, लघु बस स्थानक पूजन आदि कार्यक्रम संपन्न हुआ। दोपहर को सत्तर भेदी विधि पूजा हुई। इसके अलावा सुबह दस बजे परम पूज्य खरतर गच्छधिपति आचार्य श्री जिन मणि सुरेश्वर जी महाराज साहब, आचार्यद्वय एवं साधू-साध्वी मंडल एवं सकल श्री संघ की समृद्ध उपस्थिति में अयोध्या नगरी एवं भरत चक्रवर्ती भोजन खंड का उद्घाटन हुआ। दोपहर को 54 कल्याणक विधान इंद्राणी स्थापना का कार्यक्रम एवं रात्रि भक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। इस पांच दिवसीय महोत्सव को संपादित करने संगीत सम्राट नरेंद्र वाणी गोता द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
परम पूज्य आचार्य जिनमणि प्रभ सुरिस्वर जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये प्रतिष्ठा महोत्सव जीवन को मंगल करने एवं परमात्मा से जुडने का स्वर्णिम अवसर है। पूरी श्रद्धा व समर्पण भाव से हमे परमात्मा भक्ति से जुडते हुए आनंद मंगल भावना से प्रत्येक कार्यक्रम में अपनी सहभागिता देनी है।
आयोजन के तृतीय दिवस च्वयन जन्म कल्याणक दिवस है जिसमें जन्म कल्याणक विधान एवं 56 द्विक कुमारी महोत्सव इन्द्रासन कंपन मेरु पर्वत पर अभिषेक कार्यक्रम सम्पन्न होगा।
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