रबि उल आखिर, 1447 हिजरी﷽फरमाने रसूल ﷺ"रसुल अल्लाह ﷺ ने एक शख्स को सूरह अखलास पढ़ते हुए सुना तो फरमाया, इसके लिए जन्नत वाजिब हो गई।"- जमाह तिर्मिज़ी
सीरत जनकल्याण कमेटी ने किया
आईकेटी के इनआमात तकसीम
सीरत जनकल्याण कमेटी की जानिब से मुनाकिद इस्लामिक नॉलेज टेस्ट (आईकेटी) का इनआम तकसीम तकरीब, जुनवानी रोड में मुनाकिद हुआ जिसमें आईकेटी के 2 ग्रुप में पहले तीन मकाम हासिल करने वाले कुल 8 बच्चों को नकद राशि देकर एजाज से नवाजा गया। वहीं टेस्ट में 4 से 10 मुकाम हासिल करने वाले बच्चों को मोमेंटो, मेडल्स और सर्टिफिकेट दिए गए। इसके अलावा टेस्ट में हिस्सा लेने वाले दीगर कांटेस्टेंट को सर्टिफिकेट के साथ तहाईफ देकर एजाज से नवाजा गया।
तकरीब से खिताब करते हुए मेहमाने खुसूसी डॉ. एजाज़उद्दीन, रजिस्ट्रार एक्जीक्युटिव डायरेक्टर (आरएंडडी), रूंगटा इंटरनेशनल स्किल यूनिवर्सिटी ने बच्चों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि तालीम ही तरक्की का जरिया है और इसे हर हाल में पूरा करना है।
जमाअत इस्लामी हिंद, छत्तीसगढ़ के साबिर रियासती सदर शब्बीर खान, मेहमाने खास दारुल क़ज़ा, भिलाई दुर्ग के सदर ज़िल्लूर रहमान, क़ाज़ी शहर मुफ़्ती मोहम्मद सोहैल और मोटीवेशनल स्पीकर हसन अली ने मआशरे में बदलाव के लिए ताअलीम के साथ दीन का इल्म हासिल करने और उस पर अमल करने की जरूरत पर जोर दिया।
इस मौके पर सीरत कमेटी के रियासती सदर व सेक्रेटरी अरशद महमूद और मोहम्मद साबिर व दीगर अराकीन के अलावा दीगर मआशरे के खुसूसी लोगों को मोमेंटो देकर एजाज से नवाजा गया। एनजीओ सलाहकार तवक्कल ग्रुप के मोहम्मद इमरान अज़ीज़ ने बताया कि आईकेटी में भिलाई-चरोदा व रायपुर शहर से तकरीबन 500 तलबा ने हिस्सा लिया था। तकरीब का मकसद नई नसल में दीन से मोहब्बत का जज्बा पैदा करना था। तकरीब की कार्रवाई मोहम्मद इमरान अज़ीज़ और इमरान खान के साथ अमजद अली ने चलाई।