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तुलसी की उपस्थिति से नकारात्मक शक्तियां एवं विचारों से होती है रक्षा

स्वरूपानंद महाविद्यालय में तुलसी पूजन दिवस उल्लासपूर्वक मनाया गया

नई तहरीक : दुर्ग 

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अंतर्गत कला विभाग द्वारा 25 दिसंबर तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा ने बताया कि भारतीय संस्कृति की धरोहर तुलसी के महत्व के प्रति जागरूक करने एवं आरोग्यता तथा आध्यात्मिकता का संगम है यह विशेष दिवस जिसे पर्व के रूप में मनाना एक वरदान है। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि समाज में तुलसी के महत्व के बारे में जागरूकता लाना एवं इसके आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से जहां तुलसी को पूजनीय माना गया है, वहीं आयुर्वेद में तुलसी को अमृत कहा गया है। 

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि तुलसी की उपस्थिति मात्र से नकारात्मक शक्तियां एवं नकारात्मक विचारों से रक्षा होती है। तुलसी एक उत्कृष्ट अवसाद रोधी है जो उत्साह एवं स्फूर्ति बढ़ाती है। वर्तमान में जब विश्व में कोरोना वैरीएंट संक्रमण अपने पांव पसार रहा है, ऐसे में तुलसी के औषधीय गुणों के संदेश का प्रसार अत्यंत आवश्यक है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने एवं आॅक्सीजन लेबल को संतुलित करने की अद्भुत शक्ति है। उन्होंने कहा कि तुलसी के महत्व को देखते हुए इसके संरक्षण का संकल्प हम सभी के लिए अनिवार्य है।

इस मौके पर "घर-घर तुलसी अभियान" के तहत तुलसी पौधा वितरण कार्यक्रम आयोजित कर घर-घर तुलसी पौधा लगाने का संकल्प लिया गया। 

संस्कारों की तुलसी से आंगन था सुसज्जित

विचारों की अभिव्यक्ति कार्यक्रम के तहत छात्रा सातविका ने कहा कि जब दुनिया को सभ्यता का पता भी नहीं था, देश में संस्कारों की तुलसी से आंगन सुसज्जित था। छात्राओं द्वारा तुलसी पूजन कर आरोग्यता का संदेश दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कला संकाय के प्राध्यापक गोल्डी राजपूत एवं निधि शर्मा का विशेष योगदान रहा।


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