शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"जो कोई नजूमी (ज्योतिश) के पास जाए फिर उससे कुछ पूछे तो उसकी चालीस रात की नमाज़े क़ुबूल न होगी।"
- मुस्लिम
- पैगंबर-ए-इस्लाम ﷺ की तर्जे जिंदगी के मुताबिक हो बच्चों की ताअलीम, तर्बियत और परवरिश : मौलाना खुर्शीद
- मदरसा जामिया अरबिया में हुआ सालाना जलसा
- की गई हाफिजे कुरआन की दस्तारबंदी
- पैगंबर-ए-इस्लाम ﷺ की तर्जे जिंदगी के मुताबिक हो बच्चों की ताअलीम, तर्बियत और परवरिश : मौलाना खुर्शीद
- मदरसा जामिया अरबिया में हुआ सालाना जलसा
- की गई हाफिजे कुरआन की दस्तारबंदी
✅ नई तहरीक : भिलाई
मदरसा जामिया अरबिया, पावर हाउस, कैंप-2, मर्कजी मस्जिद का हाल ही में मुनाकिद सालाना जलसे में कुरआन हिफ्ज करने वाले हुफ्फाज की दस्तारबंदी की गई। इस दौरान उन्हें इनआम-ओ-इकराम से नवाजा गया। वहीं अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी में नात-ए-रसूल ﷺ, दरूद-ओसलाम, दीनी मामले और अदब-ओ-तहज़ीब के तरीके बताए गए।
जलसे में मौजूद लोगों के बीच मेहमाने खुसूसी मौलाना खुर्शीद आलम, सदर छत्तीसगढ़ जमीयते उलेमा हिंद, मोहतमिम मदरसा जामिया अबू बकर, अंबिकापुर ने बच्चों की ताअलीम, तर्बियत और परवरिश को पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद ﷺ की पाकीजा जिंदगी के मुताबिक करने कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों को सच्चा मुसलमान बनाएं ताकि वो अल्लाह के डर के साथ मआशरे के मुख्तलिफ शोबों में हमदर्दी, इंसानियत और पाकीजा माहौल बनाने में भागीदारी दें।
मर्कजी मस्जिद के सदर मोहम्मद असलम व मदरसा के मोहतमिम हाफ़िज़ कासिम ने कहा कि यहां बच्चों की दीनी तालीम, तर्बियत और सादगी के साथ दुनियावी तालीम को बेहतर अंदाज में देने की पूरी कोशिश की जा रही है। यह पूरा जलसा मौलाना दिलशाद, इमाम व खतीब मदनी मस्जिद फरीद नगर, रिटायर्ड जज शफाउल्लाह, मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़, रिटायर्ड चीफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर व इंजीनियर छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल, जलीलुर रहमान और डॉक्टर इरफान रहीम की मौजूदगी में हुआ।
इस दौरान मदरसा के मुफ्ती सालिम, मौलाना इनामुल हक मौलाना जुनैद, हाजी इमामुद्दीन पटेल, सैय्यद असलम, मोहम्मद अकरम, निजामुद्दीन अंसारी, युसूफ सिद्दीकी, हाफ़िज़ महफूज, मोहम्मद सईद, जमीर अहमद, अजमत अली, मोहम्मद अहमद, तमयुजूदीन पटेल, मोहम्मद असलम, जफर कुरैशी, अब्दुल हई, मौलाना फैसल अमीन, अशरफ, निसार, इनाम, शाकिर, हाफ़िज़ अहमद, इमरान, मौलाना निजामुद्दीन, मौलाना हाशिम, मुफ्ती सलीम, अजहर कुरैशी, अफजल, सोहेल, ताहिर, हाफ़िज़ आबिद, अरशद, आदिल, मौलाना हारून, मौलाना निजामुद्दीन और इनाम सिद्दीकी समेत कसीर तादाद में मआशरे के लोग मौजूद थे।
हुफ्फाज को इनआम में मिला उमराह पैकेज
इस दौरान कुरआन हिफ्ज करने वाले तालिबे इल्म मुहम्मद आमिर वल्द मुहम्मद निजामुद्दीन और हाफ़िज़ अबु ज़ैद वल्द मुहम्मद जावेद की मौलाना खुर्शीद आलम, मौलाना दिलशाद, मौलाना शकील, शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद सोहेल व दीगर उलेमा के हाथों की दस्तारबंदी की गई। जलसे में हाफ़िज़ अबू ज़ैद ने कुरआन हिफ्ज करने की नई मिसाल पेश की। कुरआन को उन्होंने जहां से भी पढ़ने के कहा गया, सुना दिया। यही नहीं, उन्होंने सफा, रूकूअ, आयत व सूरह भी बता दिया। उनकी इस कामयाबी को देखते हुए मफाअत हज टूरिस्ट ने उनके लिए इनाम के तौर पर उमराह का पैकेज दिया है।
पेश की नात-ए-नबी, नवाजे गए बच्चे
जलसे में मौलाना फैसल अमीन हाउसिंग बोर्ड छावनी, मुफ्ती सालिम व युसूफ सिद्दीकी ने नाते नबी पेश कर महफिल की दाद लूटी। वहीं बच्चों को उनके बेहतरीन ताअलीम पर इनामात से नवाजा गया जिसमें दर्जें हिफ्ज में अव्वल अबू ज़ैद, दूसरा मोहम्मद जाबिर और तीसरा मोहम्मद अदनान रहे। दर्जें नाजरा में अव्वल मोहम्मद साद, दूसरा मोहम्मद तौसीफ, तीसरा मोहम्मद उजैर, मकतब की तालीम में दर्जें नाजरा में अव्वल मोहम्मद बिंत वसीम, दूसरा मोहम्मद फरहान और तीसरा मुबश्शिरा रही। क्लास 2 में माहिरा, अरहाम और मोहम्मद साद, तीसरी क्लास में आफ़रीन परवीन, मोहम्मद शिबली और अलीना को मौलाना अब्दुल खुर्शीद आलम और दूसरे मेहमानों के हाथों नवाजा गया।