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इज्तिमा में जुटे हजारों, की गईं अमन व सलामती की दुआएं

शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी 


  फरमाने रसूल  

तीन चीज़ों के बारे में रसुल अल्लाहﷺ  की कसम
"मै कसम खाकर कहता हूँ कि 
  • सदका देने से किसी के माल में कमी नहीं आती।
  • जो शख्स ज़ुल्म पर सब्र करे ,अल्लाह उसकी इज़्ज़त बढ़ा देता है।"
  • जो शख्स अपने पर मांगने का दरवाज़ा खोल ले, अल्लाह ताअला उस पर फक्र (मुफलिसी) का दरवाज़ा खोल देता हैं।
- जामए तिरमिज़ी
 
इज्तिमा में जुटे हजारों, की गईं अमन व सलामती की दुआएं

✅ नई तहरीक : भिलाई

दावत-ए-इस्लामी का एक रोजा इज्तिमा 15 फरवरी की शाम सेक्टर-6, जामा मस्जिद में मुनाकिद हुआ। इस दौरान अहले सुन्नत वल जमाअत के उलेमाओ ने अपनी तकरीर में पैगम्बर इस्लाम हजरत मुहम्मद 000 के बताए रास्ते पर अमल करने और जिंदगी बसर करने की तालीम दी। 

इज्तिमा में जुटे हजारों, की गईं अमन व सलामती की दुआएं


    उलेमाओं ने पैगम्बर मुहम्मद 000 के अमन व भाईचारे के पैगाम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की बात कही। इज्तिमा में 2000 से ज्यादा लोगों ने अपनी भागीदारी दी और जिक्र-अजकार के बाद दुआओं में शामिल हुए। आखिर में मुल्क में अमन व सलामती की दुआएं की गई।
    सेक्टर-6 जामा मस्जिद के इमाम इकबाल अंजुम हैदर, भिलाई नगर मस्जिद ट्रस्ट के सदर मिर्जा आसिम बेग व अरकीन ए कमेटी, दावते इस्लामी के नुमाइंदे मुहम्मद यूसुफ अत्तारी, इज्जत अली, मिस्बाहुद्दीन, साहिल, नासिर, मुनव्वर सईद, रफीक और एजाज सहित मुतअदिदद लोगों की इस इज्तिमा को कामयाब बनाने में भागीदारी रही।  

इज्तिमा में जुटे हजारों, की गईं अमन व सलामती की दुआएं


ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की बारगाह में मारूफ़ सनअतकार गौतम अडानी ने दी हाज़िरी

अजमेर :  मुल्क के मशहूर सनअतकार (इंडस्ट्रियलिस्ट) गौतम अडानी हफ़्ता को अपनी अहलिया के साथ सुलतान उल हिंद ख़्वाजा मुईन उद्दीन चिशती रहमतुल्लाह अलैह की बारगाह अजमेर पहुंचे और ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ के मज़ार पर जबीन-ए-नियाज़ ख़म की। चादर और अक़ीदत के फूल चढ़ाकर उन्होंने मुल्क की ख़ुशहाली और तरक़्क़ी के लिए दुआएं की। 
    इस दौरान दरगाह के ख़ादिम सलमान चिशती ने उन्हें तबर्रुक भी पेश किया। ख़बर के मुताबिक़ गौतम अडानी प्राईवेट जहाज से किशन गढ़ एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वो सड़क के ज़रीये अजमेर दरगाह पहुंचे। शाम को दरगाह पहुंचने के बाद उन्होंने ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ मुईन उद्दीन हसन चिशती रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार पर हाज़िरी दी और चादर चढ़ाई। इस दौरान उन्होंने मुल्क की ख़ुशहाली के लिए दुआ की। 
    गौतम अडानी ने दरगाह के बेगम दालान में बैठ कर क़व्वाली का भी लुत्फ लिया। दरगाह शरीफ़ आने वाले ज़ाइरीन अक्सर यहां बैठ कर क़व्वाली से लुत्फ अंदोज़ होते हैं। इस दौरान दरगाह के ख़ादिम सलमान चिशती ने उन्हें तबर्रुक पेश किया और ख़्वाजा साहिब की तालीमात और सूफ़ी रिवायत की एहमीयत पर गुफ़्तगु की। दरगाह पर जाने के बाद गौतम अडानी ने अजमेर के महावीर सर्किल इलाक़े में शादी की तक़रीब में शिरकत की। 



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