रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
क्या मैं तुम्हें ये ना बता दूँ के जहन्नुम किस पर हराम है ? फिर फरमाया, जहन्नुम उस शख्स पर हराम है, जो लोगों के साथ नरमी और सहूलियत के मामले इख्तियार करें।
-तिर्मिज़ी
- साल में एक बार नवाफिल अदा करने की पाबंदी खत्म
- नसक एप के जरिये हर बीस मिनट बाद हासिल की जा सकती है परमिट
- गुजिश्ता साल लगी थी पाबंदी
मस्जिद नबवीﷺ में रियाज़ उल जन्ना में साल में सिर्फ एक बार नवाफ़िल अदायगी की पाबंदी हटा ली गई है। इंतिज़ामीया हरमैन शरीफ़ैन के मुताबिक़ मोबाइल एप नसक़ के ज़रीये परमिट की शर्त बरक़रार रहेगी। इंतिज़ामीया हरमैन शरीफ़ैन का कहना है कि ज़ाइरीन नसक़ मोबाइल एप के ज़रीये हर 20 मिनट बाद नया इजाज़तनामा हासिल कर सकेंगे। इंतिज़ामीया के मुताबिक़ मस्जिद नबवीﷺ में मौजूद ज़ाइरीन भी मोबाइल एप के ज़रीये ही रियाज़ उल जन्ना में नवाफ़िल अदायगी के परमिट हासिल कर सकेंगे।
ख़्याल रहे कि रियाज़ उल जन्ना में साल में सिर्फ एक बार नवाफ़िल अदायगी की पाबंदी गुजिश्ता साल लगाई गई थी। सऊदी अरब की वज़ारत हज-ओ-उमरा की जानिब से जारी बयान में कहा गया था कि रियाज़ उल जन्ना जाने का परमिट हर 365 दिन बाद जारी किया जाएगा। पाबंदी का इतलाक़ मुक़ामी सऊदी शहरियों और ऐसे ग़ैर मुल्कों पर भी था जो इकामा हासिल कर सऊदी अरब में मुक़ीम हैं।