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सऊदी अरब में हरियाली : 2021 से अब तक लगा दिए गए 95 मिलियन से जाईद पौधे

जमादी उल ऊला 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ

नबी करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया : अगर कोई शख्स मुसलमानों का हाकिम बनाया गया और उसने उनके मामले में खयानत की और उसी हालत में मर गया तो अल्लाह ताअला उस पर जन्नत हराम कर देता है।
- मिश्कवत
 
सऊदी अरब में हरियाली : 2021 से अब तक लगा दिए गए 95 मिलियन से जाईद पौधे

10 अरब पौधे लगाने का हदफ 
इस साल के लिए नेशनल प्लांटेशन मुहिम का आग़ाज़

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सऊदी वज़ारत माहौलियात, पानी-ओ-ज़राअत ने नेशनल सेंटर फ़ार वेजीटेशन को डेवलपमेंट एंड कम्बेटिंग डेज़र्टीफ़ीकेशन के तआवुन से रियाद में इस साल के लिए क़ौमी शजर कारी (नेशनल प्लांटेशन) सीज़न का आग़ाज़ किया है। 



    सऊदी ग्रीन इनिशिएटिव 2021 के आग़ाज़ से अब तक 95 मिलियन से ज़ाइद पौधे लगाए जा चुके हैं। इस सीज़न के दौरान 100 से 115 मिलियन पौधे लगाने का हदफ़ है। क़ौमी शजरकारी सीज़न 2024 का आग़ाज़ 'हम अपने मुस्तक़बिल के लिए पौधे लगाते हैं' के स्लोगन के तहत किया गया था। सीज़न का इफ़्तिताह वज़ीर माहौलियात, पानी और ज़राअत, नेशनल सेंटर फ़ार वेजेटेशन कोर डेवलपमेंट एंड कम्बेटिंग डेज़र्टीफ़ीकेशन के बोर्ड आफ़ डायरेक्टर्ज़ के चेयरमैन इंजीनियर अबदुर्रहमान बिन अबदुल मुहसिन अलफ़ज़ली और सेंटर के सीईओ डाक्टर ख़ालिद बिन अबदुल्लाह अल अबद उल क़ादिर और माहौलियाती निज़ाम के नुमाइंदों और रहनुमाओं की मौजूदगी में किया गया। 




    सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ क़ौमी शजरकारी सीज़न के आग़ाज़ पर शजर कारी की अहमीयत को उजागर किया गया। सऊदी ग्रीन इनिशिएटिव के तहत एहदाफ़ के हुसूल के लिए इक़दामात किए जा रहे हैं जिसका मक़सद 10 अरब दरख़्त लगाना और 40 मिलियन हेक्टरज़ ज़मीन की बहाली है। मुहिम में बच्चों, नौजवानों और ख़वातीन को शामिल किया गया है। नेशनल सेंटर फ़ार वेजेटेशन कोर डेवलपमेंट एंड कम्बेटिंग डेज़र्टीफ़ीकेशन के सीईओ डाक्टर ख़ालिद ने शजरकारी की एहमीयत के बारे में शऊर उजागर करने के अज़म का इज़हार किया। 


    उन्होंने पौधों के रक़बे को बढ़ाने और ज़मीन के इन्हितात को कम करने की कोशिशों की स्पोर्ट की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। सऊदी अरब इंतिहाई संजीदगी से सहरा के ख़ातमे और बदलते मौसमियाती चैलेंजिज़ से निमटने के लिए ग्रीन सऊदी अरब और मशरिक़-ए-वुसता प्रोग्राम पर अमल पैरा है जिसका मक़सद ज़मीन और माहौल का तहफ़्फ़ुज़ है। ममलकत ने आलमी पालिसी साज़ों पर ज़ोर दिया है कि वो ज़मीन की तबाही, ख़ुशकसाली और बंजर ज़मीन के असरात से निपटने के लिए फ़ौरी इक़दामात को तर्जीह दें। 


    याद रहे कि सऊदी अरब इस साल दिसंबर में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के कनवेंशन टू कंपीट डेज़र्टीफ़िकेशन कान्फ्रेंस 16 की मेज़बानी करेगा।



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