रबि उल आखिर 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
तुम्हें नमाज़े इशा की बदौलत पहली उम्मतों पर फज़ीलत दी गई, तुम से पहले ये नमाज किसी उम्मत ने नहीं पढ़ी।
- अबु दाऊद
✅ बीजिंग : आईएनएस, इंडिया
एक 30 साला चीनी शख़्स मुबय्यना (कथित) तौर पर 104 दिन के सख़्त काम के बाद सिर्फ एक दिन आराम मिलने की वजह से हलाक हो गया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक़ ये शख़्स एक पेंटर के तौर पर काम करता था। वह जून 2023 में इन्फ़ैक्शन का शिकार हुआ जिसके नतीजे में उसकी मौत वाके हुई।काबिल-ए-ज़िक्र ये है कि उसने फरवरी में एक कंपनी के साथ मुआहिदा किया था। जिसमें उसने गुजिशता साल से इस साल जनवरी तक एक प्रोजेक्ट पर काम किया। मुआहिदे पर दस्तख़त के बाद उसे मशरिक़ी चीनी सूबे के शहर में एक काम के मंसूबे के लिए तयनात किया गया। उसके बाद उसने एक थका देने वाला काम का शेडयल शुरू किया। वह पिछले साल फरवरी से मई तक लगातार 104 दिन तक हर दिन काम करता रहा, 6 अप्रैल को सिर्फ एक दिन आराम किया। 25 मई को उसकी तबीयत ना-साज़ हुई और हालत तेज़ी से बिगड़ती गई, और 28 मई तक उसे उसके साथियों के ज़रीये हस्पताल ले जाना पड़ा।
डाक्टरों ने उसे फेफड़ों में इन्फ़ैक्शन और सांस की नाकामी की तशख़ीस की। जिसके बाद 1 जून को उसका इंतिक़ाल हो गया। उसकी मौत के बाद उसके ख़ानदान ने कंपनी के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दायर किया, जिसमें संगीन ग़फ़लत का इल्ज़ाम लगाया गया। उसके ख़ानदान ने दलील दी कि ज़रूरत से ज़्यादा काम और आराम की कमी ने उसकी जान ली। उसी बीच कंपनी ने ये भी दावा किया कि उसका काम का बोझ मुनासिब था और काम करने वाले इज़ाफ़ी घंटे रज़ाकाराना थे।
कंपनी ने उसकी मौता का सारा ठीकरा उसकी सेहत की ख़राबी पर डाल दिया और कहा कि उसकी बरवक़्त तिब्बी इमदाद हासिल करने में नाकामी ने सूरत-ए-हाल को मज़ीद ख़राब कर दिया। ताहम एक चीनी अदालत ने उसके अहिल-ए-ख़ाना के हक़ में फ़ैसला सुनाया, जिसमें कंपनी को उसकी मौत का 20 फ़ीसद ज़िम्मेदार ठहराया गया। अदालत ने पाया कि उसकी मौत इन्फेक्शन की वजह से हुई, जो अक्सर कमज़ोर मदाफ़अती निज़ाम से मुंसलिक होता है। अदालत ने ये भी तै किया कि मुसलसल 104 दिनों तक काम करने का दौरानिया चीनी लेबर क़ानून की खुल्लम खुल्ला ख़िलाफ़वरज़ी है, जिसमें वाजेह तौर पर ज़्यादा से ज़्यादा 8 काम के घंटे फ़ी दिन और औसतन 44 घंटे फ़ी हफ़्ता मुक़र्रर किया गया है।
पहली सऊदी कंपनी जहां हफ़्ते में चार दिन काम, तीन छुट्टियां और पूरी तनख़्वाह
रियाद : सऊदी दार-उल-हकूमत रियाद में एक निजी कंपनी ने मुलाज़मीन के हफ़्ता-वार काम के दिन 5 के बजाय 4 कर दिए हैं। ये सऊदी अरब में पहली कंपनी शुमार की जा रही है, जिसने कारकुनों को दो के बजाय तीन दिन की हफ़्ता-वार छुटटी पर अमल शुरू किया है।सऊदी टीवी अलाख़बारीह के एक प्रोग्राम में बताया गया कि काम का हफ़्ता-वार दौरानिया (अवधि) कम करने जबकि तनख़्वाह में किसी किस्म की कटौती ना करने से जहां कारकुन ख़ुश हैं, वहीं काम के मयार में भी इज़ाफ़ा हुआ है। अलाख़बारीह से गुफ़्तगु करते हुए कंपनी की एक ख़ातून कारकुन ने बताया 'ये बहुत अच्छा फ़ैसला है, जिस पर अमल दरआमद किया गया है। इस फ़ैसले से कारकुनों को सहूलत हो गई है। उन्होंने कहा कि अब हमें आराम का भी काफ़ी वक़्त मिल जाता है। अपने अहिल-ए-ख़ाना और दोस्तों में भी वक़्त गुज़ार सकते हैं जबकि जिम भी जा सकते हैं। एक और कारकुन का कहना था मैं जददा में रहता हूँ, जबकि कंपनी रियाद में है। इस फ़ैसले से मुझे तीन दिन का वक़्त मिल जाता है। वीक एंड पर मैं अपने शहर आराम से जा सकता हूँ। कंपनी के सेल्ज़ डिपार्टमैंट से मुंसलिक ज़िम्मेदार का कहना था कि, इस तरह कारकुनों में काम करने की सलाहीयत जबकि कंपनी की प्रोडक्शन में भी इज़ाफ़ा हुआ है।