Top News

ख़ैबर पख्तूनख्वा के ज़िला करम में शीया-सुन्नी कबाईल के बीच टकराव में 11 अफ़राद हलाक

 रबि उल आखिर 1446 हिजरी 

 फरमाने रसूल ﷺ 

वो नौजवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत और फरमाबरदारी में गुज़री, अल्लाह ताअला उसे कयामत के दिन अपने अर्श का ठंडा साया नसीब फरमाएगा।

- बुख़ारी शरीफ

ख़ैबर पख्तूनख्वा के ज़िला करम में शीया-सुन्नी कबाईल के बीच टकराव में 11 अफ़राद हलाक, bakhtawar adab, nai tahreek

✅ पेशावर : आईएनएस, इंडिया 

अफ़्ग़ानिस्तान से मुल्हिक़ा (लगे हुए) पाकिस्तान के क़बाइली ज़िला करम में फायरिंग के वाकिये में कम अज़ कम 11 अफ़राद हलाक और छः ज़ख़मी हो गए हैं। हलाक होने वालों में एक ख़ातून भी शामिल है। 
    सरकारी तौर पर इस वाकिये के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया मगर इंतिज़ामी शहर पाढ़ा चनार से ताल्लुक़ रखने वाले सहाफ़ी ने बताया कि ये वाक़िया पाक, अफ़्ग़ान सरहद के क़रीब कुंज अली ज़ई के इलाक़े में पेश आया, जहां मुसल्लह अफ़राद (हथियारबंद) ने एक पहाड़ी इलाक़े और सड़क पर मौजूद लोगों पर फायरिंग की। करम के ज़िलई पुलिस अफ़्सर के दफ़्तर में मौजूद अहलकारों ने मीडीया को बताया कि फायरिंग की इत्तिला मिलते ही पुलिस की भारी नफ़री जाए वक़ूआ पर पहुंच गई और जख्मियों और लाशों को अस्पताल मुंतक़िल किया गया। 
    सहाफी का कहना है कि तूरी क़बाइल पर फायरिंग के बाद इलाक़े में हालात फिर कशीदा हो गए हैं जबकि पुलिस आमद-ओ-रफ़्त और हालात मामूल पर लाने के लिए इक़दामात कर रही है। अफ़्ग़ानिस्तान से मुल्हिक़ा करम के इस क़बाइली ज़िला में अहले सुन्नत (सुन्नी) और अहले तशीअ (शीया) मकतबा फ़िक्र के क़बाइल आबाद हैं और दोनों फ़िर्क़ों के दरमयान ज़मीनी तनाज़आत कशीदगी का बाइस बनते रहे हैं। 
    चंद साल कब्ल ख़ैबर पख्तूनख्वा सूबे में ज़म होने वाला क़बाइली ज़िला करम मुल्की सतह पर फ़िर्कावाराना फ़सादाद के हवाले से हस्सास (संवेदनशील) खितों में से एक है। करम की सरहदें अफ़्ग़ानिस्तान के सूबों ख़ोस्त, नंगरहार और पक्तिया के साथ साथ पाकिस्तान के क़बाइली जिलों ख़ैबर, औरकज़ई और शुमाली वज़ीरस्तान से मिलती हैं। क़बाइली इलाक़ों में करम वो पहला इलाक़ा है, जहां सबसे पहले फ़िर्कावाराना फ़सादाद के नाम पर शीया सुन्नी आबादी के दरमयान बदतरीन लड़ाईयों की इबतिदा हुई। ख़ैबर पख्तूनख्वा सूबे का ये वाहिद ज़िला है, जहां शीया आबादी बड़ी तादाद में आबाद है। करम में अगस्त से लेकर अब तक मुबय्यना फ़िर्कावाराना कशीदगी का ये तीसरा वाक़िया है। 

    सितंबर में लगभग एक हफ़्ते तक जारी रहने वाले मुसल्लह तसादुम के बाद जंगबंदी हुई थी। सितंबर के दौरान अहल-ए-तशीअ और सुन्नी क़बाइल के दरमयान में 45 अफ़राद हलाक और 90 ज़ख़मी हुए थे जबकि अगस्त में होने वाले तसादुम (टकराव) में 90 अफ़राद हलाक और 170 से ज़ाइद ज़ख़मी हुए थे।


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने