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वक़्फ़ एक्ट में तरमीम से कब्ल मज़हबी रहनुमाओं से गुफ़्तग करनी चाहिए : शीया पर्सनल ला बोर्ड

सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी ﷺ  

तुम कयामत के दिन सबसे बद तरीन उस शख्स को पाओगे जो दोगला है। यानि एक जगह कुछ कहता है और दूसरी जगह कुछ और।

- मिश्कवात शरीफ

✅ लखनऊ : आईएनएस, इंडिया 

ऑल इंडिया शीया पर्सनल ला बोर्ड के सदर मौलाना सय्यद साइम मह्दी ने कहा कि बेहतर होता कि मर्कज़ी हुकूमत एक्ट में तरमीम करने से कब्ल मज़हबी रहनुमाओं से सलाह-ओ-मश्वरा लेती और जो कुछ बेहतर हो सकता था, उसमें किया जाता, इससे अवाम का एतिमाद भी बहाल होता और हुकूमत वक़्फ़ एक्ट में बेहतरी भी ला सकती थी लेकिन हुकूमत ने ऐसा नहीं किया, यही वजह है कि लोगों को ख़दशात-ओ-गुमान हो रहे हैं कि कहीं हुकूमत ऐसी तरमीमात ना कर दे जिससे वक़्फ़ की नौईयत बदल जाए या वक़्फ़ के इमलाक पर हुकूमत क़ाबिज़ न हो जाए।
    उन्होंने मज़ीद कहा कि हमने पहले दिन से ही हुकूमत से गुज़ारिश की थी कि औक़ाफ़ के मुताल्लिक़ अगर एक्ट में किसी भी किस्म की तरमीम हुकूमत करना चाह रही है तो सबसे पहले मज़हबी उल्मा, समाजी कारकुनान, औक़ाफ़ से मुताल्लिक़ रज़ाकारों से बातचीत करें और जो बेहतर तरमीमात हो सकता है उसे अंजाम देने में कोई ख़राबी नहीं है लेकिन मर्कज़ी हुकूमत के रवैय्ये को पहले भी देखा जा चुका है ख़ातिर-ख़्वाह इतमीनान बख़श नहीं रहा है, यही वजह है कि वक़्फ़ एक्ट की तरमीम के हवाले से मुस्लिम तबक़े में बेचैनी है। 
    वाजेह रहे कि वक़्फ़ एक्ट 1995 में इससे पहले भी कई बार तरमीम हो चुकी है। अब मोदी की क़ियादत वाली हुकूमत इसमें बड़ी तब्दीलियां करने जा रही है जिससे लोगों में शदीद बेचैनी है। 

तरमीम की जरूरत नहीं : प्रियंका चतुर्वेदी

शिव सेना की रुक्न पार्लियामेंट प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह ये बिल लाया जा रहा है, मैं पूछूँगी कि क्या उनका इत्तिहाद (एनडीए) इसकी हिमायत करेगा। मैँ पूछना चाहती हूँ कि क्या जेडीयू और टीडीपी ने इस बिल को देखा और अपनी रजामंदी दी है, अगर ऐसा नहीं किया गया है तो ये ज़रूरी है कि जब भी ऐसा कोई बिल आए तो तमाम इस्टेक् होल्डरज़, अराकीन पार्लियामेंट की बात सुनी जाये और अगर ज़रूरत हो तो उसमें तरामीम की जाएं वर्ना कोई ज़रूरत नहीं है।



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