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वक़्फ़ एक्ट में वो तरमीम, जो वक़्फ़ की हैसियत को बदल दे, क़तअन तस्लीम नहीं : मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड

सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी ﷺ  

तुम कयामत के दिन सबसे बद तरीन उस शख्स को पाओगे जो दोगला है। यानि एक जगह कुछ कहता है और दूसरी जगह कुछ और।

- मिश्कवात शरीफ

✅ लखनऊ : आईएनएस, इंडिया 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने कहा है कि वो ये वाजेह कर देना ज़रूरी समझता है कि वक़्फ़ एक्ट 2013 में कोई ऐसी तबदीली, जिससे वक़्फ़ जायदादों की हैसियत-ओ-नौईयत बदल जाए, या उसको हड़प कर लेना हुकूमत या किसी फ़र्द के लिए आसान हो जाए, ऐसी कोशिश हरगिज़ भी काबिल-ए-क़बूल नहीं होगी। इसी तरह वक़्फ़ बोर्डों के इख़्तयारात को कम या महदूद करने को भी क़तअन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के तर्जुमान डाक्टर सय्यद क़ासिम रसूल इलयास ने एक प्रेस बयान में कहा कि इत्तिलाआत के मुताबिक़ हकूमत-ए-हिन्द एक्ट 2013 में तक़रीबन 40 तरमीमात के ज़रीया वक़्फ़ जायदादों की हैसियत और नौईयत को बदल देना चाहती है ताकि उस पर क़बज़ा करना और उन्हें हड़प लेना आसान हो जाए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ये वाजेह कर देना ज़रूरी समझता है कि वक़्फ़ जायदादें मुस्लमानों के बुज़ुर्गों के दिए हुए वो अतयात हैं, जिन्हें मज़हबी और ख़ैराती कामों के लिए वक़्फ़ किया गया है। हुकूमत ने बस उन्हें रेगूलेट करने के लिए वक़्फ़ एक्ट बनाया है। उन्होंने आगे कहा कि वक़्फ़ एक्ट और औकाफ़ी जायदादों को दस्तूर-ए-हिंद और शरीयत एप्लीकेशन एक्ट 1937 भी तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करता है। इसलिए हकूमत-ए-हिन्द इस क़ानून में कोई ऐसी तरमीम नहीं कर सकती जिससे इन जायदादों की नौईयत और हैसियत ही बदल जाए। उन्होंने कहा कि अब तक हुकूमत ने मुस्लमानों से मुताल्लिक़ जितने भी फ़ैसले और इक़दामात किए हैं, उसमें उनसे कुछ छीना ही है, दिया कुछ नहीं, चाहे मौलाना आज़ाद फाउंडेशन का बंद किया जाना हो या अक़ल्लीयती स्कालरशिप की मंसूख़ी या फिर तीन तलाक़ से मुताल्लिक़ क़ानून हो। 
    उन्होंने कहा कि ये मुआमला मुस्लमानों तक महदूद नहीं रहेगा। अंदेशा है कि उगला नंबर सिखों और ईसाईयों की औकाफ़ी जायदादों और फिर हिंदूओं के मठों और दीगर मज़हबी जायदादों पर भी आ सकता है। डाक्टर इलयास ने वाजेह किया कि मुस्लमान वक़्फ़ एक्ट में कोई ऐसी तरमीम हरगिज़ भी क़बूल नहीं करेगा जो उसकी हैसियत को बदल कर रख दे। इसी तरह वक़्फ़ बोर्डों की क़ानूनी और अदालती हैसियत और इख़्तयारात में मुदाख़िलत को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के तर्जुमान ने एनडीए की हलीफ़ पार्टियों और दीगर अपोज़ीशन सियासी पार्टियों से अपील की है कि वो हर ऐसी तजवीज़-ओ-तरमीम को पूरी तरह मुस्तर्द कर दें और उसे हरगिज़ भी मंज़ूर ना होने दें। 
    डाक्टर इलयास ने आगे कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड मुसलमानान हिंद और उनकी दीनी-ओ-मिल्ली जमातों से अपील करता है कि वो मर्कज़ी हुकूमत के इस इक़दाम के ख़िलाफ़ मुत्तहिद हो कर पेशक़दमी करें। बोर्ड भी इस इक़दाम को नाकाम बनाने के लिए हर तरह के क़ानूनी और जमहूरी रास्ते इख़तियार करेगा।


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