सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
ह्यजो शख्स ये चाहता है कि उसके रिज्क में इजाफा हो, और उसकी उम्र दराज हो, उसे चाहिए कि रिश्तेदारों के साथ हुस्न सुलूक और एहसान करे।ह्ण
- मिश्कवात शरीफ
✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर (पूर्व केंद्रिय मंत्री) आरके सिंह ने वक़्फ़ बोर्ड की जायदादों को कंट्रोल करने के लिए मर्कज़ी हुकूमत के बिल के मुताल्लिक़ मीडिया रिपोर्ट पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए कहा कि वक़्फ़ इमलाक को बेहतर तरीक़े से इस्तिमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस तरमीम की बहुत ज़रूरत है। वक़्फ़ एक मज़हबी काम है, जो बेसहारा लोगों की फ़लाह-ओ-बहबूद के लिए किया जाता है लेकिन वक़्फ़ इमलाक को ज़ाती फ़ायदे के लिए इस्तिमाल किया जा रहा है। अब डीएम की निगरानी में वक़्फ़ इमलाक को बेहतर तरीक़े से इस्तिमाल किया जा सकता है। इसमें ख़वातीन की नुमाइंदगी बहुत ज़रूरी है।
तरामीम का मुसव्वदा तैयार करने से पहले, हुकूमत ने जामा इस्लाहात (व्यापक सुधार) को यक़ीनी बनाने के लिए मुख़्तलिफ़ मुस्लिम दानिशवरों और तन्ज़ीमों से मश्वरा किया। तजवीज़ करदा अहम तरामीम में से एक ज़िला कलेक्टर के दफ़्तर में वक़्फ़ इमलाक का लाज़िमी रजिस्ट्रेशन है। तरामीम का मक़सद मर्कज़ी वक़्फ़ काउंसिल और रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड, दोनों में ख़वातीन की नुमाइंदगी को यक़ीनी बनाते हुए उनकी शमूलीयत को बढ़ाना है।
0 टिप्पणियाँ