हरम नबवी ﷺ: एक हफ़्ते में 54 लाख से ज़्यादा जायरीन की आमद, 5 लाख से ज्यादा लोगों ने दी रोज़ा-ए-रसूल ﷺ पर हाजिरी

सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी

 जो कोई अल्लाह और आख़ेरत के दिन पर मान रखता हो, वो अच्छी बात ज़बान से निकाले वरना खामोश रहे।

 - सहीह बुखारी

हरम नबवी ﷺ: एक हफ़्ते में 54 लाख से ज़्यादा जायरीन की आमद, 5 लाख से ज्यादा लोगों ने दी रोज़ा-ए-रसूल ﷺ पर हाजिरी
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया

मस्जिद नबवी  इंतेजामिया का कहना है कि गुजिश्ता एक हफ़्ते के दौरान यहां 54 लाख 28 हज़ार 718 नमाज़ी और ज़ाइरीन आए। सऊदी न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ मस्जिद नबवीके  उमूर की जनरल अथार्टी ने गुजिश्ता एक हफ़्ते के दौरान मस्जिद में आने वाले नमाज़ियों और ज़ाइरीन को फ़राहम की जाने वाली ख़िदमात के आदाद-ओ-शुमार जारी किए हैं। अथार्टी के मुताबिक 5 लाख 5 हज़ार 700 ने रोज़ा-ए-रसूल पर हाज़िरी दी। इसी तरह रियाज़ अल जन्ना में मुख़्तलिफ़ औक़ात में पाबंदी और परमिट के साथ 2 लाख 12 हज़ार 946 अफ़राद ने नमाज़ अदा की।
    मस्जिद नबवी के उमूर की देख-भाल करने वाली अथार्टी ने बताया कि मुख़्तलिफ़ क़ौमीयतों के एक लाख 52 हज़ार 912 अफ़राद को मुतअद्दिद ज़बानों में मुवासलाती ख़िदमात (संचार सेवाएं) फ़राहम की गईं। अथार्टी का कहना था कि 1810 टन ज़मज़म फ़राहम किया गया इसी तरह 218 नमूनों की जांच और तजज़िया किया गया। मस्जिद नबवी में मुख़्तलिफ़ जगहों पर रोज़ा दारों में 4 लाख 83 हज़ार 194 इफ़तार पैकेटस फ़राहम कराए गए। इसके अलावा सफ़ाई और जरासीम के ख़ातमे के लिए अदविया और माद्दे का इस्तिमाल किया गया जिसकी मिक़दार 2 लाख 92 हज़ार 56 लीटर थी।

हज सीज़न के दौरान हरमैन ट्रेन से दस लाख हुज्जाज ने किया सफ़र

हरम नबवी ﷺ: एक हफ़्ते में 54 लाख से ज़्यादा जायरीन की आमद, 5 लाख से ज्यादा लोगों ने दी रोज़ा-ए-रसूल ﷺ पर हाजिरी
रियाद : सऊदी रेलवे कंपनी ने कहा कि हरमैन हाई स्पीड रेलवे ने हज सीज़न 2024 के दौरान 1.07 मिलियन से ज़्यादा अफ़राद को आमद-ओ-रफ़त की सहूलत फ़राहम की। 
    एसपीए के मुताबिक़ मुसाफ़िरों की तादाद में गुजिश्ता हज सीज़न के मुक़ाबले में 42 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ है। हरमैन हाई स्पीड रेलवे ने हज सीज़न के दौरान तीन हज़ार 895 ट्रिप्स किए जिसमें बरवक़्त आमद की शरह 98 फ़ीसद रही। सीज़न के दौरान जद्दा के मर्कज़ी रेलवे स्टेशन, जद्दा के किंग अबदुल अज़ीज़ एयरपोर्ट स्टेशन और किंग अबदुल्लाह इकनॉमिक सिटी स्टेशन से गुज़रते हुए मक्का और मदीना के दरमयान हुज्जा कराम ने हरमैन एक्सप्रेस से सफर किया। 
    हरमैन एक्सप्रेस ने जिल हज्जा के मसरूफ़ दिन तेराह हज़ार 131 ट्रिप्स किए। मक्का मुकर्रमा रेलवे स्टेशन पर सबसे ज़याह फ्रीक्वेंसी थी जहां से हर पंद्रह मिनट बाद एक ट्रेन मुख़्तलिफ़ स्टेशनों के लिए रवाना हुई। रेलवे ने कई शराकतदारों के साथ पहली बार हज़ारों हुज्जाज को लगेज के बग़ैर जद्दा के किंग अबदुल अज़ीज़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टेशन से मक्का मुकर्रमा स्टेशन पहुंचाने के लिए शुरूआत की। इस इक़दाम से हुज्जाज को एयरपोर्ट से बराह-ए-रास्त ट्रेन में जाने की इजाज़त दी गई जबकि उनके सामान को सफ़र के दौरान ले जाने की ज़रूरत के बग़ैर उनकी रिहायश तक पहुंचाया गया।

एक हफ़्ते के दौरान 17 हज़ार से ज़्यादा गै़रक़ानूनी तारकीन गिरफ़्तार



सऊदी अरब में एक हफ़्ते के दौरान इकामा, लेबर और सरहदी ख़िलाफ़वरज़ी के जुल्म में मज़ीद 17 हज़ार 616 गै़रक़ानूनी तारकीन (अप्रवासी) को हिरासत में लिया गया है। 15 से 21 अगस्त के दौरान 11 हज़ार 22 अफ़राद को इकामा क़ानून, 4 हज़ार 216 को सरहदी अमन क़ानून और 4 हज़ार 216 तारकीन को क़ानून मेहनत की ख़िलाफ़वरज़ी पर पकड़ा गया है। इसके अलावा ममलकत में दरअंदाज़ी (अनाधिकृत प्रवेश) की कोशिश करने वाले 883 अफ़राद को भी हिरासत में लिया गया, इनमें से 41 फ़ीसद यमनी, 58 फ़ीसद एथोपीयन और एक फ़ीसद दीगर मुल्कों से ताल्लुक़ रखते हैं।
    इसके अलावा 68 ऐसे अफ़राद को भी पकड़ा गया है जो सरहद पार कर ममलकत से निकलने की कोशिश कर रहे थे। इकामा, मुलाज़मत और सरहदी अमन क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी करने वालों को सफ़र, रिहायश, रोज़गार और पनाह देने की कोशिशों में मुलव्वस 15 अफ़राद को भी हिरासत में लिया गया है। बयान में कहा गया कि 14 हज़ार 524 गै़रक़ानूनी तारकीन के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है। इनमें से 13 हज़ार 471 मर्द और एक हज़ार 71 ख़वातीन हैं। 2 हज़ार 70 अफ़राद के पास सफ़री दस्तावेज़ात नहीं मिले। उन्हें दस्तावेज़ात हासिल करने के लिए सिफ़ारत ख़ानों से रुजू करने का मौक़ा दिया गया है जबकि 5 हज़ार 926 अफ़राद के सफ़र की कार्रवाई मुकम्मल की जा रही है। 13 हज़ार 952 को ममलकत से बेदख़ल किया गया। 
    वाजेह रहे कि सऊदी अरब में गै़रक़ानूनी तारकीन-ए-वतन को सफ़री, रिहायशी या मुलाज़मत की सहूलत फ़राहम करना क़ानूनन जुर्म है और इसके लिए मुख़्तलिफ़ सख़्त सज़ाएं मुक़र्रर हैं। सऊदी वज़ारत-ए-दाख़िला का कहना है जो भी शख़्स गै़रक़ानूनी तारकीन को सऊदी अरब में दाख़िल होने की सहूलत फ़राहम करेगा, उसे 15 बरस क़ैद और 10 लाख रियाल तक जुर्माने की सज़ा होगी। गै़रक़ानूनी तरीक़े से ममलकत में दाख़िल होने वालों को मुख़्तलिफ़ सहूलतें फ़राहम करने की सूरत में गाड़ी और रिहायश के लिए इस्तिमाल होने वाली इमलाक को भी ज़बत किया जाएगा।


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