✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे पर पाबंदी के मुआमले में सुप्रीमकोर्ट में जुमा को होने वाली समाअत मुल्तवी हो गई। मुआमले की समाअत अब नवंबर में होगी।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने केस की समाअत मुल्तवी करते हुए कहा कि मुआमले पर तफ़सील से बहस की ज़रूरत है। सुप्रीमकोर्ट ने ये भी कहा कि हाल ही में हाईकोर्ट ने भी आमले में हुक्म जारी किया है। इस तरफ़ भी तवज्जा की ज़रूरत है। केस की अगली समाअत नवंबर में होगी। तब तक सर्वे पर पाबंदी बरक़रार रहेगी।
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि 1 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसी मुआमले में हुक्म-जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कृष्णा जन्मभूमि और शाही ईदगाह से मुताल्लिक़ 18 अर्ज़ियों पर समाअत जारी रह सकती है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि मुआमले पर हाईकोर्ट में 12 अगस्त को समाअत होनी है। ऐसी सूरत-ए-हाल में तफ़सीली बातचीत के बाद ही कोई फ़ैसला दिया जा सकता है। हिंदू फ़रीक़ की जानिब से विष्णु शंकर जैन सुप्रीमकोर्ट में अर्ज़ी दायर की गई। कहा गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को फ़ैसला दिया है। इसके बाद शाही मस्जिद के सर्वे पर पाबंदी से मुताल्लिक़ मुस्लिम फ़रीक़ की दरख़ास्त बे-असर हो गई है। हाईकोर्ट ने आर्टीकल 7, रोल 11 के हवाले से अपना फ़ैसला सुनाया था। इसमें तमाम दरख़ास्तों को एक साथ सुनने का हुक्म दिया गया था।
ताहम सुप्रीमकोर्ट ने जुमा को कहा कि इस केस की समाअत अब नवंबर में ही होगी। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में हिंदू फ़रीक़ की तरफ़ से 18 दरख़ास्तें दायर की गईं है। इसमें उन्होंने शाही ईदगाह मस्जिद की ज़मीन को हिंदूओं की मिल्कियत बताया है। हिंदूओं की तरफ़ से मुतालिबा किया गया कि यहां इबादत का हक़ दिया जाए। अदालत ने मुख़्तलिफ़ दरख़ास्तों की एक साथ समाअत के हवाले से फ़ैसला सुनाना था। मुस्लिम फ़रीक़ ने आर्डर 7, रोल 11 के तहत इन दरख़ास्तों की बरक़रारी पर सवालात उठाए और उनको ख़ारिज करने की अपील की। मुस्लिम फ़रीक़ ने इबादत-गाहों के क़ानून, वक़्फ़ एक्ट, हदबंदी एक्ट और मख़सूस क़बज़ा रीलीफ़ एक्ट का हवाला दिया और हिंदू फ़रीक़ की दरख़ास्तों को ख़ारिज करने की दलील दी।