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अल्लाह ताअला की कुरबत हासिल करने का दिन है ईद-ए-अदहा

Eid Mubarak

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

ह्य अल्लाह ताअला जिसके साथ खैर व भलाई करना चाहता है, उसे बीमारी की तकलीफ और दीगर मुसीबतों में मुब्तिला कर देता है।ह्य

- सहीह बुख़ारी

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Eid Mubarak

✅ मोहम्मद जुनैद कुरैशी : बालोद 

मआशरे ने ईदुल अदहा का तेहवार खुशनुमा माहौल में मनाया गया। जामा मस्जिद के ईमाम ओ खतीब मोहम्मद शकील चिश्ती ने ईदगाह में अवाम से खिताब करते हुए कहा कि ईद उल अदहा पर की जाने वाली कुर्बानी का मकसद अल्लाह ताअला की कुरबत हासिल करना है। उन्होंने आगे कहा कि हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह की रजा जानकर अपने बेटे हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम को अल्लाह की राह में कुर्बान करना चाहा लेकिन अल्लाह की कुदरत से हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम की जगह एक दुंबा आ गया जो हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम की जगह कुर्बान हो गया। 
    हाफिज शकील चिश्ती ने कहा कि एक कुर्बानी सिर्फ जानवर को ज़िबा करना नहीं बल्कि इंसान को अपनी जिंदगी की तमाम बुराइयों तकब्बुर, हसद, बुग्ज, कीना और नफरत जैसी तमाम बुराइओं को भी अपनी जिंदगी से दूर करना है। यह भी एक अल्लाह की राह में एक कुर्बानी है। उन्होंने कहा कि आज अल्लाह की बारगाह में मांगने का दिन है, आज शुक्राना अदा करने और खुशी मनाने का दिन है, गरीबों, मिस्कीनों की मदद करने का दिन है। 
Eid Mubarak

    इमाम-ओ-खतीब शकील चिस्ती ने ईद की नमाज के बाद रियासत व मुल्क की तरक्की, अमनो-आमान और भाईचारे के लिए दुआएं की। ईद उल अदहा पर छोटे-बड़े, बुजुर्ग सभी नए कपड़े पहन कर ईदगाह पहुंचे। नमाज से फारिग होकर एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। कब्रिस्तान जाकर अपने मरहूमीन के लिए दुआए मगफिरत की। 
    इस मौके पर इंतेजामियां कमेटी के मुतवल्ली शाहिद खान ने मआशरे को ईद की मुबारकबाद देने के साथ ही कमेटी के तरक्कीयाती कामें की जानकारी दी। 

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