जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
तुम जहां भी हो, अल्लाह से डरते रहो और बुराई सरजद हो जाने के बाद नेकी करो ताकि वो उस बुराई को मिटा दे और लोगों के साथ हुश्ने इख्लाक से पेश आओ।
- जामह तिर्मिजी
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी अरब की जनरल रोडिज़ अथार्टी ने आज़मीन-ए-हज्ज की सहूलत और अय्याम हज में अर्फ़ात के इलाक़े में गर्मी की शिद्दत कम करने के लिए मस्जिद नमरा के इर्द-गिर्द सड़कों पर सफेद रंग कर दिया। अथार्टी के मुताबिक़ सड़कों पर मख़सूस किस्म का सफेद रंग लगाने से सतह की हरारत में 20 डिग्री सेल्सियत तक कम हो जाती है।
रोड अथार्टी के तर्जुमान अबद उल अज़ीज़ अलातीबी ने कहा है कि सड़कों पर लगाया जाने वाला मख़सूस रोग़न मुक़ामी तौर पर तैयार हुआ है और इसमें धूप की हरारत कम जज्ब होती है। उन्होंने कहा है कि गुजिश्ता बरस यही तजुर्बा महिदूद रक़बे पर किया गया था जिसके अच्छे नताइज बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि मीना में जुमरात जाने वाले रास्ते पर यही रोग़न लगाया गया तो वहां 12 से 15 डिग्री गर्मी कम हो गई।
अबदुल अज़ीज़ अलातीबी का कहना था कि इमसाल वसीअ पैमाने पर तजुर्बा किया जा रहा है, जहां मस्जिद नमरा के क़रीब कम-ओ-बेश 25 हज़ार मुरब्बा मीटर पर रोग़न लगाया गया है।
मस्जिद अक्सा पर इसराईली इंतिहा पसंदों के हमले की मुज़म्मत
सऊदी वज़ारत-ए-ख़ारजा ने इसराईली क़ाबिज़ हुकूमत के मुतअद्दिद ओहदेदारों, अरकान और इंतिहापसंद आबादकारों की जानिब से मस्जिद अक्सा पर हमले की मुज़म्मत की है।
सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ जारी बयान में इसराईली हुक्काम के इस इक़दाम की भी मुज़म्मत की गई जिसमें इंतिहापसंद आबादकारों को इसराईली सिक्योरिटी फ़ोर्सिज़ के तहफ़्फ़ुज़ में इश्तिआल अंगेज़ मार्च की इजाज़त दी गई। बयान में कहा गया कि ये ख़िलाफ़ वरज़ीयां दुनियाभर के मुस्लमानों के जज़बात को मजरूह और मुश्तइल करने का सबब बन सकती हैं। खासतौर पर जिन हालात से ग़ज़ा पट्टी और फ़लस्तीनी अवाम गुज़र रहे हैं।
बयान में इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा गया कि इस किस्म के मुनज़्ज़म हमले बैन-उल-अक़वामी क़रारदादों की सरीह ख़िलाफ़वरज़ी है। इस तरह कार्यवाहीयां 1967 की सरहदों के मुताबिक़ फ़लस्तीनी रियासत के क़ियाम के ज़रीये मुस्तक़िल बुनियादों पर क़ियाम अमन के लिए की जाने वाली कोशिशों की राह में रुकावट साबित होंगी।
मुशाविर मुक़द्दसा में स्कूटर के लिए ख़ुसूसी ट्रैक
मक्का मुकर्रमा रॉयल अथार्टी ने आज़मीन-ए-हज्ज की सहूलत के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए ख़ुसूसी ट्रैक बनाए हैं। सबक़ वेबसाइट के मुताबिक़ मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में आने-जाने के लिए 1.2 किलोमीटर के तीन ट्रैक बनाए गए हैं। अथार्टी ने कहा है कि पहला ट्रैक मुज़दल्फ़ा, मीना के दरमयान है जिसकी मजमूई लंबाई 1.2 किलो मीटर है।
दूसरा ट्रैक मीना जुमरात पुल जाने के लिए मग़रिबी ट्रैक है, जबकि तीसरा ट्रैक जुमरात जाने वाले पैदल चलने वाले ट्रैक पर क़ायम किया गया है, जिसके ज़रीया मशरिक़ी दाख़िले तक पहुंचा जा सकता है।
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