जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
क्या मैं तुम्हें जहन्नुमी लोगों के बारे में ना बताऊं, आप ﷺ ने फरमाया-हर सख्त मिजाज़, बद अखलाक और तकब्बुर करने वाला जहन्नुमी है।
- सहीह बुख़ारी
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✅ मक्का मुकर्रमा : आईएनएस, इंडिया
मस्जिद निमरा में हज का ख़ुतबा देते हुए इमाम व ख़तीब शेख़ डाक्टर माहिर बिन हमद ने कहा कि मुसीबतों और फ़साद से दूर रहो, क़ुरआन कहता है, जो जुल्म करता है, उसकी पकड़ होगी। शेख़ डाक्टर माहिर बिन हमद ने ख़ुतबा हज में कहा कि तमाम तारीफ़ें अल्लाह-तआला के लिए हैं और अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं, अरकान-ए-इस्लाम की पैरवी में ही हिदायत मौजूद है, अल्लाह ने पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद 000 के अहकामात पर अमल का हुक्म दिया है, रसूल अल्लाह 000 इत्तिबा करने वालों ने हमेशा हिदायत पाई है। इमाम व ख़तीब मस्जिद उल-हराम का कहना था कि नमाज़ बुराई से बचाती है, अल्लाह तआला ने तफ़र्रुक़ा डालने से मना किया है, अल्लाह पर तवक्कुल करने वालों को दुनिया और आख़िरत में कामयाबी मिलती है। ख़ुतबा हज में उन्होंने कहा कि मुसीबतों और फ़साद से दूर रहो, किसी को बुरे नाम और बुरे अलक़ाबात से ना पुकारो, क़ुरआन कहता है जो मोमिनों को तकलीफ़ देते हैं, कभी फ़लाह नहीं पा सकते। शेख़ डाक्टर माहिर बिन हमद ने ख़ुतबा हज में कहा कि तक़्वा इख़तियार करना चाहिए, किसी का हक मत खाओ, शराब और जुआ शैतानी अमल है, इस्लाम फ़ह्हाशी, बुराई और अमानत में खयानत करने से मना करता है।
इमाम व ख़तीब मस्जिद उल-हराम का कहना था कि कभी किसी मुआमले पर किसी दूसरे माबूद को ना पुकारो, मुसीबत और परेशानी में अल्लाह-तआला से रुजू करना चाहिए क्योंकि हाकिमीयत और हक़ीक़ी हुक्मरानी अल्लाह-तआला की ज़ात की है, इन्सान अल्लाह से डर कर ज़िंदगी बसर करे और उन बातों से रुकना चाहिए जिसमें अल्लाह की नाराज़ी है क्योंकि अल्लाह की ना-फ़रमानी करने वाला जन्नत में दाख़िल नहीं हो सकता।