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अयोध्या के लिए नहीं मिल रहे मुसाफिर, कैंसिल करनी पड़ी फ्लाईट्स

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

जो कोई इल्म की तलाश में किसी राह पर चलता है, अल्लाह ताअला उसके लिए जन्नत की राह आसान कर देता है। 

- इब्ने माजा

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अयोध्या के लिए नहीं मिल रहे मुसाफिर, कैंसिल करनी पड़ी फ्लाईट्स

✅ आयोध्या, लखनऊ : आईएनएस, इंडिया 

एयर लाईन कंपनी स्पाईस जेट ने हैदराबाद से आयोध्या के लिए अपनी बराह-ए-रास्त परवाज़ें रोक दी हैं। स्पाईस जेट ने मुसाफ़िरों की कम मांग की वजह से फ्लाइट सर्विस शुरू होने के सिर्फ दो माह बाद ही बंद कर दी। ये परवाज़ें अप्रैल के आग़ाज़ में हैदाराबाद-आयोध्या के लिए हफते में तीन दिन के लिए शुरू हुई थीं। 
    एयर लाईन कंपनी स्पाईस जेट के तर्जुमान ने कहा कि फ्लाइट को रोकने की वजह ये है कि आयोध्या जाने वाले मुसाफ़िरों की तादाद में बहुत ज़्यादा कमी आ गई थी। इसीलिए ये सर्विस बंद करनी पड़ी। 
    गुरुग्राम की एयर लाईन ने अपनी आख़िरी परवाज़ एक जून को चलाई थी। स्पाईस जेट की आयोध्या-चेन्नई रूट पर उड़ाने बरकरार है। एयर लाईन के तर्जुमान ने ये भी कहा कि परवाज़ों के औक़ात का फ़ैसला कमर्शीयल फ़िज़ीबिल्टी और मुसाफ़िरों की तलब को मद्द-ए-नज़र रखते हुए किया जाता है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा तक़रीब के लिए कंपनी ने 21 जनवरी को एक ख़ुसूसी परवाज़ चलाई थी, जो दिल्ली से थी। आयोध्या में महाऋषि वाल्मीकि बैन-उल-अक़वामी हवाई अड्डे का इफ़्तिताह पीएम मोदी ने 30 दिसंबर को किया था। 
    स्पाईस जेट ने 31 जनवरी को ऐलान किया था कि वो दिल्ली, मुंबई, चन्नई, अहमदाबाद, जयपुर, बंग्लूरू, पटना और दरभंगा समेत आठ शहरों से आयोध्या के लिए नई परवाज़ें शुरू कर अपने नैटवर्क को बढ़ा रहा है।

पहली ही बारिश में राम मंदिर की दीवार में लिकेज : चीफ़ पुजारी का दावा 

मीडीया ज़राइआ के मुताबिक़ राम मंदिर के चीफ़ पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास ने राम मंदिर के तामीराती काम को लेकर बड़ा बयान दिया है, साथ ही उन्होंने राम मंदिर को लेकर भी बड़ा इन्किशाफ़ (खुलासा) भी किया है। उन्होंने पहली बारिश में राम मंदिर के छत से पानी के टपकने की बात कही है। 
    राम मंदिर के चीफ़ पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास ने राम मंदिर की तामीर के ताल्लुक़ से बात करते हुए कहा जुलाई 2025 तक तामीराती काम मुकम्मल होना नामुमकिन है, लेकिन अगर राम मंदिर की तामीराती सरगर्मीयां जुलाई 2025 तक मुकम्मल होने की बात कही जा रही है तो मैं उसे मान लेता हूँ। उन्होंने राम मंदिर की तामीर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जहां रामलला बैठे हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी टपकना शुरू हो गया है जिसकी तहक़ीक़ात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये 2024 है और एक साल बाद यानि 2025 में मंदिर की तामीर मुकम्मल होना नामुमकिन है। 
    उन्होंने मज़ीद कहा कि जिस जगह रामलला मौजूद है, वहां से पहली बारिश में पानी टपकना शुरू हो गया है, इसके अलावा दूसरे मुक़ामात पर भी पानी टपक रहा है। उन्होंने इसकी तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया है। आपको बताते चलें कि 22 जनवरी 2024 को आयोध्या में रामलला के इफ़्तिताह के ताल्लुक़ से अज़ीमुश्शान प्रोग्राम मुनाक़िद किया गया था। 

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