नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया दिल्ली में गुजिश्ता चंद हफ़्तों से पड़ रही शदीद गर्मी कई दहाईयों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ इस साल हीट वेव के दिनों की तादाद गुजिश्ता 74 सालों में सबसे ज़्यादा है। इस साल मई और जून के दरमियान दिल्ली में पड़ने वाली ने पहले ही कई रिकार्ड तोड़ दिए थे।
गुजिश्ता माह 29 मई को दिल्ली में दर्जा हरारत 46.8 रिकार्ड किया गया, जो 29 मई 1944 को रिकार्ड किए गए 47.2 डिग्री के बाद दूसरा बलंद तरीन दर्जा हरारत है। 1998 में दिल्ली का दर्जा हरारत 46.5 डिग्री सेल्सियस था। इससे कब्ल 1998 में लगातार 4 दिन ऐसे थे, जब दर्जा हरारत 45 डिग्री से ज़्यादा था।
इस बार हीट वेव ने सबसे ज़्यादा परेशानी पैदा कर रखी है महकमा-ए-मौसीमीयत के आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक इस साल कम अज़ कम आठ रियास्तों में 2010 के बाद से गर्मतरीन दिन रिकार्ड किए गए हैं। इस साल पहली बार हिमाचल प्रदेश और केराला में भी हीट वेव रिकार्ड की गई है। आईएमडी के मुताबिक़, ओडीशा में 1 मार्च से 9 जून के दरमयान 27 दिनों तक हीट वेव रिकार्ड की गई जो मुल्क की किसी भी रियासत में सबसे ज़्यादा थी। राजिस्थान में 23 दिन जबकि हरियाणा, दिल्ली और यूपी में कम अज़ कम 20 दिन हीट वेव रिकार्ड की गई। यहां तक कि जम्मू-ओ-कश्मीर में छः दिन तक हीट वेव रिकार्ड की गई।
साबिक़ सेक्रेटरी एम राजीवन के मुताबिक हीट वेव के असर से हमारे पीने के पानी, हमारे खेतों और गोदामों पर पड़ेगा। आईएमडी के साबिक़ डायरेक्टर जे रमेश ने कहा कि कुछ साल पहले तक, गर्मी की लहर ज़्यादातर मुल्क के शुमाली (उत्तरी) मैदानी इलाक़ों और वसती (मध्य) हिस्सों तक महिदूद रहती थी। लेकिन अब तक़रीबन पूरा मुल्क हीट वेव का सामना कर रहा है, यहां तक कि हिमाचल प्रदेश या उत्तराखंड जैसी पहाड़ी रियास्तें और तमिलनाडू और केराला जैसी जुनूबी रियास्तें भी इसकी ज़द में हैं।