जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
तुम जहां भी हो, अल्लाह से डरते रहो और बुराई सरजद हो जाने के बाद नेकी करो ताकि वो उस बुराई को मिटा दे और लोगों के साथ हुश्ने इख्लाक से पेश आओ।
- जामह तिर्मिजी
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✅ मुंबई : आईएनएस, इंडिया
बंबई हाईकोर्ट ने ईद-उल-अज़हा के मौक़ा पर क़ुर्बानी की इजाज़त देने वाली बंबई म्यूनसिंपल कारपोरेशन (बीएमसी) के ख़िलाफ़ जीव मैत्री ट्रस्ट के मुतालिबे को तस्लीम करने से इनकार कर दिया है। बीएमसी ने 29 मई को क़ुर्बानी से मुताल्लिक़ एक सर्कुलर जारी किया था, जिसके ख़िलाफ़ मज़कूरा ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में अर्ज़दाशत दाख़िल की थी।
ट्रस्ट का मुतालिबा था कि बीएमसी का सर्कुलर गै़रक़ानूनी है इसलिए इस पर रोक लगाई जाए, मगर हाईकोर्ट ने ट्रस्ट के दलायल को मानने से इनकार कर दिया। जीव मैत्री नामी ट्रस्ट ने अर्ज़ी में देवनार स्लॉटर हाउस के अलावा दीगर मुक़ामात पर क़ुर्बानी की इजाज़त देने के बीएमसी के सर्कुलर पर रोक लगाने की इस्तिदा की थी। अपने फ़ैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि आख़िरी वक़्त में राहत हासिल करने के लिए अदालत में ना आएं। जिसके बाद अब अर्ज़दाशत गुज़ार ने जुमा 14 जून को हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस की बेंच के सामने अपील करने की बात की है।
उसी बीच बीएमसी ने अदालत के सामने ये भी वाज़िह किया है कि रिहायशी सोसाइटियों और दीगर मुक़ामात पर क़ुर्बानी करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। वाजेह रहे कि ईद उल अज़हा के मौक़ा पर मुंबई म्यूनसिंपल कारपोरेशन ने 29 मई 2024 को क़ुर्बानी के हवाले से एक सरकूलर जारी किया है जिसमें 67 निजी दुकानों और 47 म्यूनसिंपल मार्केट में क़ुर्बानी करने की इजाज़त दी गई थी। सरकूलर के ख़िलाफ़ जीव मैत्री ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में अर्ज़दाशत दायर कर दावा किया कि हवाई अड्डों, मंदिरों, स्कूलों, रेलवे स्टेशनों और अस्पतालों के क़रीब बराह-ए-रास्त क़ुर्बानी की इजाज़त देकर क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी की जा रही है। ट्रस्ट ने अदालत से दरख़ास्त की कि देवनार स्लॉटर हाऊस के अलावा प्राईवेट मटन शाप और म्यूनसिंपल मार्केट में क़ुर्बानी की इजाज़त ना दी जाए। बीएमसी की तरफ़ से पेश होने वाले सीनीयर एडवोकेट ने अदालत को बताया कि इस तरह की अर्ज़दाशतें हर साल ईद उल अज़हा के मौक़ा पर दायर की जाती हैं। गुजिश्ता साल 8 जून के अपने हुक्म में हाईकोर्ट ने उबूरी राहत दी थी और मुंबई की 67 निजी दुकानों और 47 म्यूनसिंपल मार्कीटों में सिर्फ तीन दिन यानी 17 और 19 जून के दरमयान क़ुर्बानी की इजाज़त दी थी।
फ़रीक़ैन के दलायल सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अर्ज़दाशत गुज़ार के मुतालिबे को तस्लीम करने से इनकार कर दिया। बेंच ने ये भी कहा कि फ़ौरी अर्ज़दाशत पर इस तरह की उबूरी राहत नहीं दी जा सकती।
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अरब अमीरात हुकूमत की जानिब से ईद अदहा पर 1824 कैदियों की रिहाई का हुक्म
दुबई : मुत्तहदा अरब अमीरात के सदर और नायब सदर ने ईद अदहा के मौक़ा पर 1824 कैदियों की रिहाई का हुक्म जारी किया है। अल अमीरातुल यौम के मुताबिक़ मुत्तहदा अरब अमीरात के सदर शेख़ मुहम्मद बिन ज़ाएद ऑल नहयान ने ईद अदहा के मुबारक मौक़ा पर इस्लाही मर्कज़ में 1138 कैदियों की रिहाई का हुक्म दिया है।
दूसरी जानिब अमीरात के नायब सदर और दुबई के हुक्मराँ शेख़ मुहम्मद बिन राशिद ऑल मकतूम ने कहा है कि ईद अदहा के पुरमुसर्रत मौक़ा पर दुबई के इस्लाही मर्कज़ में क़ैद मुख़्तलिफ़ क़ौमीयतों के 686 क़ैदी रिहा किए जाएं। दुबई के अटार्नी जनरल ने कहा है कि कैदियों की रिहाई के हुक्म पर अमल दरआमद के लिए दुबई पुलिस जनरल कमांड से राबिता कर लिया गया है।
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