जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
तुम जहां भी हो, अल्लाह से डरते रहो और बुराई सरजद हो जाने के बाद नेकी करो ताकि वो उस बुराई को मिटा दे और लोगों के साथ हुश्ने इख्लाक से पेश आओ।
- जामह तिर्मिजी
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इटली : बुतों के शहर में आख़िर नहीं मिला ख़ुदा का घर
न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ शहर की इंतिहाई दाएं बाज़ू की मेयर ने वहां मौजूद दो सक़ाफ़्ती मराकज़ (सांस्कृतिक केंद्रों) में नवंबर से नमाज़ अदा करने पर पाबंदी आइद कर रखी है। मोनिफ़ालकन के रिहायशी मुस्लमानों को नमाज़ की अदायगी के लिए इलाक़े में मौजूद निजी मिल्कियती तामीराती जगह पर जमा होना पड़ता है। वहां मौजूद मुस्लमानों का कहना है कि हम अदालती फ़ैसले के मुंतज़िर हैं जो रवां माह के आख़िर तक मुतवक़्क़े है ताकि इस मुआमले का हल निकले।
उनका कहना है कि मज़हबी रसूम के उनके आईनी हक़ को रोक दिया गया है। निजी जगह के मालिक रजा उल हक़ ने मायूसी का इज़हार करते हुए कहा कि शहर में बसने वाले मुस्लमानों को हिरासाँ किया जा रहा है जिस पर अफ़सोस है हालाँकि हम इस शहर को अपना घर समझते हैं। यहां मौजूद बंगला देश नज़ाद (मूल के) इतालवी शहरी ने बताया कि मैं 2006 से यहां हूँ और टैक्स अदा करता हूँ, आप बताएं हम कहाँ जाएं। उन्होंने कहा कि अगर यहां कैथोलिक, आर्थोडोक्स, प्रोटैस्टैंट, यहूवाह और दीगर मज़ाहिब की इबादतगाहें और चर्च मौजूद हैं तो हमारे पास मस्जिद क्यों नहीं हो सकती।
मोनिफ़ालकन में इटली का सबसे बड़ा शिपयार्ड है, जहां क्रूज़ लाइनर तैयार होते हैं, वहां एक तिहाई तारकीन (अप्रवासी) काम करते हैं। उनमें ज़्यादातर बंगला देशी मुस्लमान हैं जो 90 की दहाई से यहां आबाद हैं। इलाक़े में बंगला देशी मुस्लमानों की मौजूदगी हर जगह नज़र आती है जो साईकलों पर सवार काम पर आते-जाते नजर आ जाते हैं या ख़रीदारी के लिए दुकानों पर मौजूद होते हैं। शहर की मेयर का कहना है कि नमाज़ पर पाबंदी इमतियाज़ी सुलूक नहीं, शहर में मंसूबाबंदी के ज़वाबत इबादत-गाहों के क़ियाम को सख़्ती से महदूद करते हैं और सैकूलर रियासत में इबादत-गाह फ़राहम करना उनका काम नहीं। उनका कहना है कि बतौर मेयर मैं किसी के ख़िलाफ़ नहीं, मुख़ालिफ़त में अपना वक़्त ज़ाए नहीं कर सकती, लेकिन क़ानून के नफ़ाज़ के लिए मैं यहां मौजूद हूँ।
मेयर का कहना है कि बहुत से बंगलादेशी ख़ानदानों के शहर में क़ियाम से यहां मुस्लमान तारकीन की तादाद बहुत ज़्यादा बढ़ गई है। शहर की मुस्लिम आबादी के मुआशरती अदम इस्तिहकाम के बारे में मेयर के तंबीही बयानात हालिया महीनों में सुर्ख़ीयों में हैं। वाजेह रहे कि इतालवी क़ानून के तहत इस्लाम उन 13 मज़ाहिब में शामिल नहीं जिन्हें सरकारी हैसियत हासिल है। यही वजह है कि इबादत-गाहों की तामीर की कोशिशों को पेचीदा बनाती है। इटली में अहम मुस्लिम अंजुमनों में से एक इस्लामी मज़हबी कम्यूनिटी के ज़िम्मेदार यहया ज़ानू ने बताया कि यहां सरकारी तौर पर तस्लीम शूदा मसाजिद की तादाद 10 से कम है।
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