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हज के पहले मरहले का आगाज, आज़मीन-ए-हज की मीना रवानगी का सिलसिला शुरू

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी

क्या मैं तुम्हें जहन्नुमी लोगों के बारे में ना बताऊं, आप ﷺ ने फरमाया-हर सख्त मिजाज़, बद अखलाक और तकब्बुर करने वाला जहन्नुमी है।

- सहीह बुख़ारी

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हज के पहले मरहले का आगाज, आज़मीन-ए-हज की मीना रवानगी का सिलसिला शुरू

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

मक्का मुकर्रमा में दुनियाभर से आए हुए आज़मीन-ए-हज्ज मीना रवाना होने के लिए तैयार हैं। आज़मीन के क़ाफ़िलों को मरहला वार जुमेरात 7 जिल हज्ज की नसफ़ शब (आधी रात) के बाद से मीना की आज़िज़ी ख़ेमा बस्ती में पहुंचाया जाएगा। आज़मीन की मीना रवानगी का अमल बरोज़ जुमा 8 जिल हज्ज को भी जारी रहा। इसके साथ ही हज 1445 हिज्री के मनासिक की अदायगी का पहला मरहला बाक़ायदा शुरू हो गया। 
    मक्का मुकर्रमा के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में मुक़ीम दुनिया-भर से आने वाले आज़मीन को हज ख़िदमात फ़राहम करने वाले इदारों की जानिब से शैडूल जारी कर दिए गए हैं ताकि उसके मुताबिक़ आज़मीन एहराम बांध कर मनासिक हज की अदायगी के लिए तैयार हो जाएं। आज़मीन की सहूलत के लिए मुख़्तलिफ़ ज़बानों के ट्रांसलेटर की सहूलत भी फ़राहम की गई है ताकि आज़मीन बरवक़्त एहराम बांध कर मनासिक हज की अदायगी के लिए रवाना हो सकें। हज के अज़ीमुश्शान इजतिमा को कामयाब बनाने के लिए ममलकत की जानिब से इंतिहाई आला इंतिज़ामात किए गए हैं। 
    सिक्योरिटी फ़ोर्सिज़ के मुख़्तलिफ़ शोबों से ताल्लुक़ रखने वाले अहलकारों समेत हज ऑप्रेशन में वज़ारत-ए-सेहत, शहरी दिफ़ा, म्यूंसिपल्टी, टेली कम्यूनीकेशन, महकमा-ए-मौसीमीयत-ओ-दीगर सर्विसिज़ फ़राहम करने वाले इदारों की टीमें भी मीना की आरिज़ी ख़ेमा बस्ती में मौजूद हैं। ममलकत के मुख़्तलिफ़ शहरों से आने वाले सऊदी टीमें भी मीना की आरिज़ी ख़ेमा बस्ती में पहुंच गए हैं जबकि वज़ारत तिजारत की जानिब से भी तफतीशी टीमें मुशाविर मुक़द्दसा में तायिनात की गई हैं। इमसाल इंतिज़ामीया की जानिब से मक्का मुकर्रमा और मीना में इंतिहाई सख़्त इंतिज़ामात किए गए हैं जिसका मक़सद गै़रक़ानूनी तौर पर हज करने वालों को रोकना है। 
    वादी मीना में दाख़िल होने वाले तमाम रास्तों पर अहलकारों को तायिनात किया गया है जो हज परमिट देखने के बाद उन्हें मीना में जाने की इजाज़त देते हैं। आज़मीन-ए-हज्ज की मीना मुंतकली के लिए 'ट्रेन' की सहूलत भी फ़राहम की गई है जबकि बस सर्विस इन आज़मीन के ग्रुपस के लिए मख़सूस है, जिन्हें ट्रेन की सहूलत फ़राहम नहीं है।

अपने क़ीमती लमहात फोटोग्राफी और सेल्फियों में ज़ाए ना करें : वज़ारत हज का मश्वरा

हज के पहले मरहले का आगाज, आज़मीन-ए-हज की मीना रवानगी का सिलसिला शुरू

Maidan-e-Arfat


    
सऊदी वज़ारत हज-ओ-उमरा ने आज़मीन-ए-हज्ज से कहा है कि वो इन लमहात में दुआओं का ख़ुसूसी एहतिमाम करें। क़ीमती वक़्त को तसावीर बनाने और फ़ुज़ूल बातों में ज़ाए ना करें। वज़ारत हज-ओ-उमरा ने सोशल मीडिया एकाउंट पर कहा है कि मस्जिद उल-हराम में ज़्यादा वक़्त इबादत में गुज़ारें। अल्लाह से रहम-ओ-करम की दुआएं नीज़ नमाज़-ओ-तस्बीह का एहतिमाम करें, क्योंकि ये वक़्त सबसे अहम है। 
    वज़ारत ने आज़मीन-ए-हज्ज से कहा कि इन लमहात की क़दर करें ख़ाना काअबा में अपना क़ीमती वक़्त दुआएं करने में गुज़ारें। फ़ोटो और वीडियोग्राफी में मसरूफ़ हो कर उन लमहात को ज़ाए ना करें।

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