जीकाअदा-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
बाप की खुशनूदी में अल्लाह की रजा और बाप की नाराजगी में अल्लाह का गजब है।
मिश्कवात (जिल्द 2, सफा 419)
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✅ मोहम्मद हासम अली : अजमेर
हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (रहमतुल्ला अलैह) की दरगाह के खादिम व अजमेर शहर के मशहूर शायर व कवि डॉ. अब्दुल मन्नान राही चिश्ती का दो रोजा उर्स मनाया गया। तकरीब की शुरुआत सूफी हाफिज शाहबाज चिश्ती (धनबाद, झारखण्ड) के तिलावते कलामे इलाही से हुई।
उर्स के पहले रोज बाद नमाज-ए-अस्र, दरगाह शरीफ से चादर का जुलूस निकाला गया जो शहर का गश्त करता हुआ राही साहब की मजार पर पहुंचा जहाँ सैकड़ों की तादाद में मौजूद उनके मुरीद व शागिर्दों ने चादरपोशी कर दुआए खैर की। रात में उनके दौलत कदे पर मुशायरे कि महफिल सजाई गई जिसमे देशभर के शायरों के साथ मकामी शायरों ने अपने मुनफर्द अन्दाज में उन्हें खिराजे अकीदत पेश किए। डा. अब्दुल मन्नान राही चिश्ती के जां नशीं साहिबजादा सैय्यद अब्दुल हन्नान चिश्ती ने बताया कि तकरीब में आबिद अली चिश्ती (कोलकता), मोहम्मद हासिम (कोलकता), सूफी मोहम्मद फय्याज हुसैन, फैजान अहमद चिश्ती, सूफी शराफत अली, कुरबान चिश्ती, मुम्ताज शराफ्ती, सैय्यद मिक्काद चिश्ती, मुनव्वर व शादाब वगैरह ने नजराना-ए-अकीदत पेश किया।
इस मौके पर अंजुमन सदस्य सैय्यद गफ्फार हुसैन काज़मी, सैय्यद साजिद अली (अज्जू भाई), अहसान मिर्जा, सैय्यद दिलनवाज अली, मिसम चिश्ती, काशिफ, आबिद समेत बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे। तकरीब की कार्रवाई सैय्यद राहत मोतीवाला ने चलाई। ये जानकारी सैय्यद अब्दुल हन्नान चिश्ती ने दी।