शव्वाल -1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' जब तुम अपने घर वालों के पास जाओ तो उन्हें सलाम करो। इससे तुम पर और तुम्हारे घर वालों पर बरकतें नाजिल होंगी। ''
- तिरमिजी शरीफ
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सीहोनी फ़ौज के रात की तारीकी में भी ग़ज़ा के मज़लूम शहरियों पर हमले जारी हैं। इसकी वजह से गुजिश्ता 24 घंटों में मज़ीद 66 फ़लस्तीनी शहीद हो गए। इसराईली फ़ौज ने अपने हमलों में 5 घरों समेत बे-घर अफ़राद को भी निशाना बनाया जिसके नतीजे में 27 अफ़राद शहीद हो गए।
सीहोनी फ़ौज ने रफा में 3 जबकि ग़ज़ा शहर में 2 अलग अलग हमले कर 20 फ़लस्तीनीयों को शहीद किया। अरब मीडीया के मुताबिक़ रफा में इसराईली फ़ौज ने एक घर पर हमला कर 9 अफ़राद को शहीद किया जबकि उस ख़ानदान में सिर्फ एक वाहिद बच्ची मोजज़ाना (चमत्कारिक) तौर पर ज़िंदा बच गई। गुजिश्ता 24 घंटों के दौरान इसराईली हमलों में 66 फ़लस्तीनी शहीद हुए। दूसरी जानिब क़तर और मिस्र की सालिसी में ग़ज़ा जंग बंदी की कोशिशें जारी हैं, हम्मास के वफ़द ने गुजिशता दिनों क़ाहिरा में सालसकारों को इसराईल की जंगबंदी तजावीज़ पर अपने जवाब से आगाह किया।
ग़ज़ा : जंग में शहीद होने वाले फ़लस्तीनियों की तादाद 34 हजार 535 हो गई
ग़ज़ा : ग़ज़ा में फ़लस्तीनी वज़ारत-ए-सेहत ने मंगल के रोज़ जांबाहक़ होने वाले फ़लस्तीनियों के ताज़ा आदाद-ओ-शुमार जारी करते हुए ऐलान किया है कि सात अक्तूबर 2023 से 29 अप्रैल 2024 तक जांबाहक़ होने वाले फ़लस्तीनियों की तादाद 34 हजार 535 हो गई है।
पिछले चौबीस घंटों के दौरान 47 फ़लस्तीनी हलाक हुए हैं। ग़ज़ा की वज़ारत-ए-सेहत के मुरत्तिब करदा ये आदादव शुमार उन फ़लस्तीनियों से मुताल्लिक़ हैं, जिनकी लाशें हस्पतालों में लाई जा सकें। जबकि ऐसे फ़लस्तीनियों की तादाद भी हज़ारों में है, जिनकी लाशें हस्पताल नहीं पहुंच सकी। मंगल के रोज़ फ़लस्तीनी वज़ारत-ए-सेहत के जारी किए गए बयान में बताया गया है कि हस्पताल ना लाई जा सकी लाशों में एक बड़ी तादाद ग़ज़ा के सिविल एमरजेंसी सर्विस के अब तक किए गए सर्वेज़ के मुताबिक़ उन फ़लस्तीनियों की है, जिनकी लाशें इसराईली बमबारी के दौरान उनके घरों या दूसरी इमारात के मलबे तले दब कर रह गई हैं।
वज़ारत-ए-सेहत ने सिविल एमरजेंसी सर्विस के हवाले से उन फ़लस्तीनियों की तादाद का अंदाज़ा 10000 बताया है। इस तरह मजमूई तौर पर ग़ज़ा में तक़रीबन सात माह के दौरान 45 हजार फ़लस्तीनी जांबाहक़ हो चुके हैं। ताहम वज़ारत-ए-सेहत ने ताज़ा जारी करदा आदाद व शुमार में इन दस हज़ार फ़लस्तीनियों की तादाद शामिल नहीं की है। वज़ारत-ए-सेहत के मंगल रोज़ के आदाद व शुमार में ज़ख़मी फ़लस्तीनियों की अब तक की तादाद 77704 बताई गई है। दूसरी जानिब ग़ज़ा हुक्काम का कहना है कि ग़ज़ा में ऐसी मशीनरी और आलात मौजूद नहीं हैं, जिनकी मदद से उन मलबे तले लाशों को निकाला जा सके। हुक्काम के मुताबिक़ मौसिम-ए-गर्मा में मलबेतले लाशों की वजह से बीमारीयां फूटने का भी अंदेशा है।
वाजेह रहे कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ग़ज़ा में इसराईली बमबारी के नतीजे में इमारातों का मलबा 37 मिलियन टन से ज़्यादा है जिसे उठाने के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा जैसे इदारे को 14 साल दरकार होंगे। इसलिए ग़ज़ा के हुक्काम की इस मलबे को उठाने में मुश्किलात का अंदाज़ा किया जा सकता है।
फ़लस्तीनियों पर इसराईली जुल्म के ख़िलाफ़ यूनान और लेबनान तक जा पहुंचा स्टूडेंट्स का एहतिजाज
लंदन : फ़लस्तीनीयों पर इसराईली मज़ालिम के ख़िलाफ़ तलबा के एहतिजाज का सिलसिला दुनिया-भर की जमिआत में फैलने लगा। अमरीका, कैनेडा, फ़्रांस और आस्ट्रेलिया की जमिआत के बाद यूनान और लेबनान की जमिआत में भी तलबा ने ग़ज़ा में इसराईली जारहीयत के ख़िलाफ़ मुज़ाहरा किया।
अमरीकी जमिआत में एहतिजाज का सिलसिला तेरहवें रोज़ भी जारी रहा, कोलंबिया यूनीवर्सिटी इंतिज़ामीया ने एहतिजाज में शरीक तलबा को मुअत्तल करना शुरू कर दिया है। कई जमिआत में पुलिस और तलबा में झड़पें हुईं, वर्जीनिया, न्यूजीलैंड और ऑस्टन में 160 से ज़्यादा तलबा गिरफ़्तार हो चुके हैं। 18 अप्रैल से जारी एहतिजाज में अब तक एक हज़ार से ज़्यादा मुज़ाहिरीन गिरफ़्तार किए जा चुके हैं, तलबा के एहतिजाज पर फ़्रांस की इलाक़ाई इंतिज़ामीया ने पैरिस की साईंसिज़ यूनीवर्सिटी की फंडिंग रोक दी है। वहीं मक़बूज़ा मग़रिबी किनारे के इलाक़े रमला की यूनीवर्सिटी में जर्मन सफ़ीर की आमद पर तलबा ने एहतिजाज किया जिसके बाइस जर्मन सफ़ीर को दौरा अधूरा छोड़कर वापिस जाना पड़ा।
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