लाखों जायरीन हरम मक्की के दायरा-ए-मुक़द्दसा में मसरूफ़-ए-हम्द ओ सना, तस्बीह-ओ-मुनाजात में मसरूफ

रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

'' मेरी रहमत हर चीज को घेरे हुए है तो अनकरीब मैं अपनी रहमत उनके लिए लिख दूंगा जो मुझ से डरते और जकात देते हैं ओर जो हमारी आयतों पर ईमान लाते हैं। ''
- सूरह अल बकरा

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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया

रमज़ान उल मुबारक के आख़िरी अशरा में लाखों लोग बड़ी तादाद में मस्जिद अल हरम के सेहनों, राहदारियों और फर्शों के दरमयान नक़ल-ओ-हरकत कर रहे हैं। रियास्ती सदारती सिक्योरिटी अपनी हिफ़ाज़ती एवीएशन के ज़रीये जईफुर्रहमान को सहूलयात फ़राहम कर रही हैं और मस्जिद अल हरम में मौजूद अफ़राद की निगरानी कर रही है। 
    मस्जिद अल हराम में सऊदी हुकूमत की जानिब से बड़े पैमाने पर की जा रही सरगर्मियों की निगरानी और जईफुर्रहमान को पेश की गई सहूलयात का जायज़ा लिया जा रहा है। मस्जिद अल हराम में आडियो सिस्टम अज़ान, इक़ामत, नमाज़ और ख़ुतबात की आवाज़ को बेहतर बनाया गया है। 120 से ज़्यादा इंजीनीयर्ज़ और टेक्नीशन हर नमाज़ से कब्ल इस सिस्टम की मुसलसल पैरवी करते हैं ताकि 8 से ज़्यादा स्पीकरज़ पर मुश्तमिल साऊँड नैटवर्क को फीड किया जा सके। ये स्पीकर मस्जिद अल हरम के अंदर, उसके सेहन, नई तौसीअ और एतराफ़ की सड़कों पर लगाए गए हैं। आवाज़ को आला दर्जे की हसासीयत के साथ सेंसर के ज़रीये गिरफ्त में लिया जाता है। मस्जिद अल हरम के मोअज्जन और इमामों की आवाज़ों को एक आडियो बैलेंस के मुताबिक़ रोज़ाना की बुनियाद पर सेट किया जाता है ताकि मक्का में मस्जिद अल हरम के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में आवाज़ के मेयार को यक़ीनी बनाया जा सके। 

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    कई इंजीनीयर्ज़ 24 घंटे फ़ालतू माईक्रोफ़ोन की निगरानी भी करते हैं। ये इज़ाफ़ी माईक्रोफ़ोन किसी ख़राबी की सूरत में ख़ुद ब ख़ुद काम करना शुरू कर देते हैं। मताफ़ और इसके एतराफ़ मौजूद स्पीकरज़ की आवाज़ को भी मुतवाज़िन किया जाता है। मस्जिद अल हरम और मस्जिद नबवी ﷺ की देख-भाल के लिए जनरल अथार्टी ने मस्जिद अल हरम के अंदरूनी और बैरूनी सेहनों, छतों, नई बड़ी तौसीअ के दाख़िली रास्तों और राहदारियों में सफ़ाई की सतह मज़ीद बेहतर करने की अपनी कोशिशों को भी दो गुना कर दिया है। रमज़ान अल मुबारक के आख़िरी अशरा के दौरान 4000 मर्द-ओ-ख़वातीन कारकुन सफ़ाई के काम में शरीक हो रहे हैं। जनरल अथार्टी ने सफ़ाई सुथराई, देख-भाल और जरासीम कुशी के प्रोग्रामों को तेज़ कर दिया है।

हरमैन शरीफ़ैन में कुरआन करीम प्रोग्राम से 64 हज़ार ज़ाइरीन हुए मुस्तफ़ीद

रियाद : हरमैन शरीफ़ैन के निगरां इदारे सदारत आम्मा, बराए उमूर हरमैन शरीफ़ैन के मुताबिक हरम मक्की में कुरआन करीम प्रोग्राम के तहत अब तक 64 हज़ार ज़ाइरीन मुस्तफ़ीद हुए हैं। 
    एक बयान में सदारत आम्मा ने बताया कि करआत अल क़ुरआन मंसूबे का मकसद तिलावत क़ुरआन, तलफ़्फ़ुज़ और हिफ़्ज़ को बेहतर करने में मदद देना है। इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के ख़ाहिशमंद ज़ाइरीन को कोर्स की तकमील पर सर्टीफ़िकेट और अस्नाद जारी की जाती हैं। बयान में कहा गया है कि करआत प्रोजेक्ट में 65 असातिज़ा (टीचर्स) शामिल हुए जबकि तलबा की तादाद 650 के क़रीब है। इसके बरअक्स करआत में तदरीस 24 घंटे के दौरान 6 पीरियडज़ में होती है। इस प्रोग्राम में 37 ख़वातीन असातिज़ा भी शामिल हैं। 
    करआत में ज़ेर-ए-ताअलीम तालिबात की कुल तादाद 6 कोर्सेज़ में तक़रीबन 580 तालिबात तक पहुंच गई है। ये प्रोग्राम रोज़ाना 600 से ज़ाइद मर्द ज़ाइरीन और 700 से ज़ाइद ख़वातीन ज़ाइरीन को तिलावत की तसहीह (सुधार) भी करता है। एतिकाफ़ में बैठे ज़ाइरीन को ख़लवत में क़ुरान-ए-पाक की तिलावत की तसहीह की सहूलत फ़राहम की जाती है।

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