करबला कमेटी की मदद से दो जोड़ों ने शुरू की अजदवाजी जिंदगी

शव्वाल -1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

' जो कोई इल्म की तलाश में किसी राह पर चलता है, 
अल्लाह ताअला उसके लिए जन्नत की राह आसान कर देता है। ' 

- इब्ने माजा

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करबला कमेटी की मदद से दो जोड़ों ने शुरू की अजदवाजी जिंदगी

✅ नई तहरीक : भिलाई 

मोहर्रम कर्बला कमेटी की जानिब से गुजिश्ता दिनों 2 जोड़ों का निकाह हुसैनी मस्जिद के इमाम तारिक अनवर ने कुबूल कराया। इस दौरान दोनों जोड़ों की खुशहाल जिंदगी के लिए दुआएं की गई। कमेटी की जानिब से उन्हें जरूरी सामान दिए गए। 

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करबला कमेटी की मदद से दो जोड़ों ने शुरू की अजदवाजी जिंदगी
    
इस दौरान मोहर्रम कर्बला कमेटी के सरपरस्त मंसूर ज़फ़र इमदादीवाला रायपुर, साबिक सीएसपी विरेन्द्र सतपती, मोहम्मद ताहिर, पीर जहां शेख, बरकत अली, मुनसफ अली, हज़रत अली, गुलाम सिद्दीक, मोहम्मद नईम और मोहम्मद फयाज सहित मआशरे के लोग मौजूद थे। 


प्रोफेसर नईमा ख़ातून अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी की पहली ख़ातून वाइस चांसलर मुक़र्रर

✅अलीगढ़ : आईएनएस, इंडिया 

नई तहरीक : उर्दू अदब और इस्लामी तारीख का पहला और वाहिद न्यूज पोर्टल…  

    वीमनस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर नईमा ख़ातून को पाँच साल की मुद्दत के लिए एएमयू की वाइस चांसलर के तौर पर मुक़र्रर किया गया है। एएमयू के कयाम की 103 साल की तारीख़ में पहली दफ़ा किसी ख़ातून को इस ओहदे पर मुक़र्रर किया गया है। 
    1920 मैं बेगम सुलतान जहां को एएमयू का चांसलर मुक़र्रर किया गया था और वो इस ओहदे पर फ़ाइज़ रहने वाली वाहिद ख़ातून हैं। वाजेह रहे कि एएमयू वाइस चांसलर की तक़र्रुरी के लिए एएमयू एगजीक्यूटिव काउंसिल (ईसीऔरएएमयू) कोर्ट ने तीन उम्मीदवारों, प्रोफेसर एमयू रब्बानी, प्रोफेसर फ़ैज़ान मुस्तफ़ा और प्रोफेसर नईमा गुलरेज़ का नाम सदर जमहूरीया को इरसाल किया था जिसमें से प्रोफेसर नईमा गुलरेज़ के नाम पर सदर जमहूरीया द्रोपदी मुर्मू ने मुहर लगाई। काबिल-ए-ज़िक्र है कि एएमयू मुल्क का वाहिद तालीमी इदारा है, जिसको अपनी यूनीवर्सिटी का वाइस चांसलर मुंतख़ब करने का हक़ हासिल है जिसके लिए एएमयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने 30 अक्तूबर को कुल 20 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया था, जिसमें से 3 उम्मीदवारों का पैनल एएमयू कोर्ट के अराकीन ने 6 नवंबर को तैयार कर सदर जमहूरीया के पास भेज दिया था। लेकिन वाइस चांसलर की तक़र्रुरी के लिए तीन उम्मीदवारों के पैनल की तशकील रोज़े अव्वल से ही सवालों के घेरे में थी क्योंकि प्रोफेसर नईमा ख़ातून को वाइस चांसलर का उम्मीदवार बनाने के लिए क़ाइम मक़ाम वाइस चांसलर प्रोफेसर मुहम्मद गुलरेज़ ने ना सिर्फ अपनी अहलिया नईमा ख़ातून को वोट दिया बल्कि पैनल तशकील की ख़ुसूसी मीटिंग की सदारत भी की थी  जिसके ख़िलाफ़ ये मुआमला यूनीवर्सिटी कैम्पस से निकल कर सदर जमहूरीया और इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 
    इलाहाबाद हाईकोर्ट में समाअत 15 अप्रैल को हुई थी और अगली समाअत 29 अप्रैल को होनी है। ख़्याल रहे कि नईमा ख़ातून ने एएमयू से ही इलम-ए-नफ़्सीयात में पी एचडी की हुई हैं, 2006 मैं प्रोफेसर बनने से पहले 1988 मैं वो इसी शोबा में लैक्चरार के तौर पर तायिनात हुईं और 2014 मैं वीमनस कॉलेज की प्रिंसिपल मुक़र्रर हुई थी। 

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