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महात्मा गांधी और हसन ख़ान मेवाती के मुजस्समे की हुई नकाब कुशाई

 रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

मस्जिद की तरफ कदम बढ़ाने का सवाब

'' हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रदि अल्लाहु अन्हु से रवायत है कि रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया, जो शख्स जमात के लिए मस्जिद की तरफ चले तो उसका एक कदम एक गुनाह मिटाता है और दूसरा कदम उसके लिए एक नेकी लिखता है। जाने में भी और वापस लौटने में भी। '' 
- अहमद तबरानी

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गुरूकुल और मदरसे को रजिस्टर्ड करवाने के बाद 
दी जाएगी माली मदद : वज़ीर-ए-आला

unveiling of the statue of mahatma gandhi and hasan mewati
- image google

✅ नूह : आईएनएस, इंडिया

हरियाणा के वज़ीर-ए-आला मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया है कि रियासत के गुरूकुलों और मदारिस को हरियाणा तालीमी बोर्ड में रजिस्टर्ड करवाने के बाद माली मदद फ़राहम की जाएगी। उन्होंने गांधी गांव घुसेड़ा में बाबा-ए-क़ौम महात्मा गांधी और बुर्काली में हसन ख़ान मेवाती के लाइफ साइज़ मुजस्समे की नकाब कुशाई की। इसके साथ ही वज़ीर-ए-आला ने मेवात को करोड़ों रुपय के तरक़्क़ीयाती कामों का तोहफ़ा भी दिया। खिताब के दौरान जैसे ही उन्होंने स्टेज से कहा इंशा-ए-अल्लाह मैं फिर आऊँगा, पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। 
    बुर्काली चौक में इजतिमा से ख़िताब करते हुए वज़ीर-ए-आला मनोहर लाल ने कहा कि आज का दिन वो दिन है, जिसका लोग हज़ारों सालों से इंतिज़ार कर रहे थे। शहीद राजा हसन ख़ान मेवाती को अब से पहले किसी ने याद नहीं किया। आने वाली नसलें याद रखेंगी कि बीजेपी हुकूमत में अज़ीम शख़्सियात को इज़्ज़त दी जाती थी। पिछली हुकूमतों में मेवात के लोगों को वोट बैंक के नाम पर इस्तिमाल किया गया। इस दौरान वज़ीर-ए-आला ने मेवात के दीगर बहादुर शहीदों को भी याद किया। इनमें एक नौशेरा का शेर मुहम्मद का नाम भी शामिल है। इसके साथ ही ज़िला नूह में असातिज़ा (टीचर्स) की कमी को देखते हुए वज़ीर-ए-आला ने स्टेज से ही हरियाणा इम्पलाइमैंट स्किल कार्पोरेशन के तहत 1504 असातिज़ा को तक़र्रुरी लेटर जारी किए। उन्होंने कहा कि रियासत के गुरूकुलों और मदरसों को हरियाणा तालीमी बोर्ड में रजिस्टर कर के माली मदद फ़राहम की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी गुरूकुल या मुदर्रिसा जो जदीद तालीम के लिए हरियाणा बोर्ड के साथ शामिल होगा, उसे एक साल में 2 लाख रुपय मिलेंगे अगर इसमें 5-81 बच्चे होंगे तो 3 लाख रुपय, 81-100 बच्चे होंगे तो 5 लाख रुपय दिए जाएंगे। 200 से ज्यादा बच्चे होने पर 7 लाख रुपय सालाना इमदाद दी जाएगी। 
    उन्होंने कहा कि दीनी तालीम के साथ-साथ बच्चों को आज की तालीम से आगाही भी बहुत ज़रूरी है। सनीचर को वज़ीर-ए-आला ने कोर्ट काम्प्लेक्स नूह में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसीएशन के जेरे तामीर एडवोकेट चैंबर के तामीराती काम का संग-ए-बुनियाद रखा। उन्होंने कहा कि अब दीगर जिले की तरह नूह में भी वकीलों को चैंबर की सहूलत फ़राहम की जाएगी। वज़ीर-ए-आला ने डिस्ट्रिक्ट बार एसोसीएशन नूह को 21 लाख रुपय और सब डिवीज़नल बार एसोसीएशन तो दो, पुन्हाना और फ़िरोज़ पूर झिरका को 5-5 लाख रुपय देने का ऐलान किया। 

जानें कौन थे हसन ख़ान मेवाती

नूह में राजा हसन ख़ान मेवाती के बलिदान दिवस पर रियास्ती हुकूमत नूह की जानिब से बुर्काली चौक में उनके मुजस्समें की नकाब कुशाई की गई। मुजस्समा नगीना कॉलेज में नसब किया गया है। मुजस्समें में घोड़े पर बैठे राजा हसन ख़ान मेवाती बहुत दिलकश लग रहे हैं। उनके एक हाथ में नेज़ा है, जबकि उनकी कमर पर तलवार लटकी हुई है।     
    ख़्याल रहे कि जब बाबर ने पानीपत की जंग के बाद दिल्ली और आगरा में अपनी सल्तनत को वसीअ करना चाहा, तो महाराणा संग्राम (मेवाड़) और हसन ख़ान (मेवात) ज़हीर उद्दीन बाबर के लिए एक सख़्त चैलेंज बन गए। बाबर ने हसन ख़ान मेवाती को अपने साथ मिलाने के लिए इस्लाम का तआरुफ़ करवाया, लेकिन राजा हसन ख़ान बाबर की बातों में नहीं आए, और उनके साथ जंग की। ख़्याल रहे कि हसन ख़ान मेवाती का ज़िक्र ज़हीरउद्दीन बाबर ने अपनी सवानेह हयात ''तज़क बाबरीह्ण में भी किया है।


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