शअबान उल मोअज्जम – 1445 हिजरी
अकवाल-ए-जरीं
‘‘ हजरत अबु हुरैरह रदिअल्लाहो ताअला
अन्हुमा से रिवायत है कि नबी-ए-करीम ﷺ ने इर्शाद फरमाया, खुदा की कसम वो मोमिन
नहीं हो सकता। दरयाफ्त किया गया, या रसूल अल्लाह ﷺ वो कौन शख्स है, आप ﷺ ने फरमाया,
जिसका पड़ोसी उससे तकलीफ पाता हो।’’
- बुखारी शरीफ
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✅ मोहम्मद जुनैद कुरैशी: बालोद
बालोद जिले के तहत शहर दल्ली राजहरा में मदरसा दारुल उलूम, इमामें आजम व मुस्लिम जमाअत दल्ली राजहरा की जानिब से जश्ने दस्तारे हिफज़े कुरान का एक रोज़ा अजीमुश्शान इस्लाहे माअशरा कान्फ्रेंस मुनाकिद किया गया। मेहमाने खुशुशी मुफ्ती अल्हाज़ महमूद अहमद बरकाती, काजी-ए-शहर सोनभद्र (यू.पी.) थे। मेहमाने खुसूसी मुफ्ती अहमद बरकाती ने वलवला अंगेज वलवला अंगेज इसलाही तकरीर से कौम से खिताब किया।
जलसे के दौरान मदरसा दारुल उलूम, इमाम-ए-आज़म के तीन तलबा हाफ़िज़ मोहम्मद दुलारे रज़ा, हाफ़िज़ मोहम्मद शमी रज़ा, हाफ़िज़ मोहम्मद अशफाक रज़ा को मेहमाने खुसूसी मुफ्ती महमूद अहमद बरकाती ने अमामा बांधकर उन्हें फरागात हासिल करने पर खुशी जाहिर करते हुए दुआओं से नवाज़ा।.
तकरीब की शुरुआत मौलाना इरफान रज़ा रायपुरी के नाते रसूल ﷺ पेश करने से हुई। तकरीब में मेहमाने खुशुशी मुफ्ती महमूद अहमद बरकाती के साथ मौलाना गुलाम मोहिउद्दीन, मौलाना शाकिर अली रिज़वी, हाफ़िज़ व कारी गुलाम सिमनानी रिज़वी, इरफ़ान रज़ा नसीम, मौलाना मुनव्वर, मौलाना महमूद अहमद, शम्सुल कमर, याक़ूब रज़ा, कुतबुद्दीन अंसारी, मौलाना व हाफिज मोहम्मद शकील चिशती, अकीक अहमद नूरी, अब्दुल बशीर, मुश्ताक आलम रिज़वी, हाफिज मुबारक रिजवी, मौलाना रिजवान, मौलाना इकबाल, मौलाना नसीम, अंजार अहमद व दीगर उलमा-ए-दीन रौनके स्टेज थे।
जलसे के दौरान मदरसा दारुल उलूम, इमाम-ए-आज़म के तीन तलबा हाफ़िज़ मोहम्मद दुलारे रज़ा, हाफ़िज़ मोहम्मद शमी रज़ा, हाफ़िज़ मोहम्मद अशफाक रज़ा को मेहमाने खुसूसी मुफ्ती महमूद अहमद बरकाती ने अमामा बांधकर उन्हें फरागात हासिल करने पर खुशी जाहिर करते हुए दुआओं से नवाज़ा।.
तकरीब की शुरुआत मौलाना इरफान रज़ा रायपुरी के नाते रसूल ﷺ पेश करने से हुई। तकरीब में मेहमाने खुशुशी मुफ्ती महमूद अहमद बरकाती के साथ मौलाना गुलाम मोहिउद्दीन, मौलाना शाकिर अली रिज़वी, हाफ़िज़ व कारी गुलाम सिमनानी रिज़वी, इरफ़ान रज़ा नसीम, मौलाना मुनव्वर, मौलाना महमूद अहमद, शम्सुल कमर, याक़ूब रज़ा, कुतबुद्दीन अंसारी, मौलाना व हाफिज मोहम्मद शकील चिशती, अकीक अहमद नूरी, अब्दुल बशीर, मुश्ताक आलम रिज़वी, हाफिज मुबारक रिजवी, मौलाना रिजवान, मौलाना इकबाल, मौलाना नसीम, अंजार अहमद व दीगर उलमा-ए-दीन रौनके स्टेज थे।
दस्तारबंदी के इस खुशनुमा माहौल में मुफ्ती महमूद अहमद बरकाती की इस्लाही तकरीर के दरमियान बीच-बीच में हुसूले बरकत के लिए नारा-ए-तकबीर की सदाएं बुलंद होती रही।
कमेटी के अराकीन की जानिब से मुफ्ती महमूद अहमद बरकाती व उलमा-ए-दीन गुलपोशी से इस्तकबाल किया गया। फारिगुत्तहसील तलबा की हौसला अफजाई के लिए सदरे मदरसा अहमद खान, हाजी अफजल रिजवी, अनवर तिगाला व शाहनवाज़ खान के अलावा कमेटी की जानिब से इनामो इकराम से नवाजा गया। जलसे की निज़ामत मौलाना गुलाम मोहिउद्दीन (भिलाई) ने की।
तकरीब में दल्ली राजहरा के अलावा भानुप्रतापपुर, बालोद, डौंडी, कुसुमकसा व दीगर कस्बों से काफी तादाद में लोगों ने शिरकत की।
कमेटी के अराकीन की जानिब से मुफ्ती महमूद अहमद बरकाती व उलमा-ए-दीन गुलपोशी से इस्तकबाल किया गया। फारिगुत्तहसील तलबा की हौसला अफजाई के लिए सदरे मदरसा अहमद खान, हाजी अफजल रिजवी, अनवर तिगाला व शाहनवाज़ खान के अलावा कमेटी की जानिब से इनामो इकराम से नवाजा गया। जलसे की निज़ामत मौलाना गुलाम मोहिउद्दीन (भिलाई) ने की।
तकरीब में दल्ली राजहरा के अलावा भानुप्रतापपुर, बालोद, डौंडी, कुसुमकसा व दीगर कस्बों से काफी तादाद में लोगों ने शिरकत की।
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